25 अप्रेल को पेइचिंग में चीन के मशहूर फिल्म निदेशक जोन वू के निर्देशन में बनने वाली फिल्म《फेई हू》के हस्ताक्षर समारोह में यह घोषणा की गई कि इस फिल्म पर 60 करोड़ य्वान का खर्च होगा। श्री जोन वू ने कहा कि इस फिल्म में भाग लेने के लिए वे हॉलीवुड के मशहूर सितारों को आमंत्रित करेंगे। अगले साल के वसंत में इस फिल्म का निर्देशन शुरू किया जाएगा और वर्ष 2013 में यह सार्वजनिक रूप से दिखाई जाएगी।《फेई हू》नामक फिल्म से पहले श्री जोन वू युद्घ के बारे में《थाई फिंग लुएन》नामक एक अन्य फिल्म का निर्देशन करेंगे। यह कहा जा सकता है कि इस बार की पेइचिंग यात्रा में श्री जोन वू ने बड़ा फैसला किया है, जिसका एक अन्य मुख्य कारण है कि पहला पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव सफलता से आयोजित किया गया है।
एक हफ्ते चले पहले पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में पेशेवर मंच, तथा अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श, फिल्म की स्क्रीनिंग व सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण भाग है फिल्मी मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श। तीन दिवसीय फिल्म विचार-विमर्श में 3 सौ से अधिक देशी-विदेशी संस्थाओं से आए 8 सौ के ज्यादा पेशेवर लोगों ने इस में भाग लिया। उन्होंने 2 अरब 79 करोड़ 40 लाख य्वान के मुद्दों पर हस्ताक्षर किए, जो चीन में आयोजित फिल्म उत्सवों के लेन-देन में सबसे ऊंची रकम है। इतनी ज्यादा रकम का मतलब यह है कि चीन व विदेश की फिल्म संस्कृति के बीच सहयोग व आदान-प्रदान गहन रूप से आगे बढ रहा है।
इस बार के पहले पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव की चर्चा करते हुए श्री जोन वू का विचार है कि वर्तमान फिल्म उत्सव में फिल्म कर्मियों को लेन-देन करने व आवाजाही का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत प्रभावित हूं और खुश भी हूं। दुनिया के फिल्म कर्मियों व दर्शकों को चीनी फिल्मों के बारे में ज्यादा जानकारी पाने का यह एक अच्छा मौका है। विशेष कर चीन में फिल्म बनाने वाले अनेक श्रेष्ठ सुयोग्य व्यक्ति व तकनीकी व्यक्ति हैं। इस तरह के मंच से लोगों को एक दूसरे से सीखने व एक दूसरे से मिलने का मौका मिलता है। यह कार्यवाही दुनिया के सामने चीनी फिल्मों का प्रदर्शन करने का सबसे अच्छा तरीका है।
फिल्म जगत के एक भव्य उत्सव के रूप में पहले पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के दौरान देशी-विदेशी मशहूर फिल्म निदेशकों का मंच, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के अध्यक्षों का मंच व चीन व युरोप के बीच सहयोग के रास्ते के मंच समेत उच्च स्तरीय मंच आयोजित हुए। मंच में उपस्थितों ने फिल्म कला व वित्तीय उद्योग के बीच संबंध, शहर में फिल्म उत्सव का प्रभाव, चीनी फिल्म से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना व विदेशी बाजार का विस्तार आदि मुद्दों पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया।
चीनी फिल्म के साथ संबंध की चर्चा करते हुए फिल्म《लाल हंस》के निदेशक दार्रेन आरोनोफस्की ने कहा कि उन्हें चीनी भाषा की फिल्मों से लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे चीनी निदेशक जोन वू से मिलने का मौका मिला । बचपन से ही मैंने उन की फिल्म देखी हैं। इसलिए मैं बहुत उत्साहित हूं। और मैं चीनी निदेशक वोंग कार वै से बहुत अच्छी तरह परिचित हूँ, मुझे अनेक चीनी कलाकार भी बहुत पसंद हैं। इस कार्यवाही में मैं उन से मिल सकता हूं, यह एक अच्छी बात है। आशा है कि इस बार के फिल्म उत्सव से उन के साथ सहयोग करने का मौका भी मिलेगा।
पहला पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव समाप्त होने तक चीन व विदेश ने《पुराने चीन के चार मशहूर पुलिसकर्मी》, पेइचिंग चुंग क्वान छुन के टेलीविजन नए मीडिया कॉपी राइट कोष के मुद्दे, पेइचिंग ह्वा रो के पानी के नीचे की फोटोग्राफी अड्डे के मुद्दे, चीन, अमरीका व जर्मनी के द्वारा संयुक्त रूप से बनने वाली फिल्म《गुप्त जगह》, चीन व जर्मनी के सहयोग से संयुक्त रूप से बनने वाली फिल्म《छिंग ताउ की कुमुदिनी》आदि सहयोगी योजना की पुष्टि की गई पहले के अनुभव से देखा जाए, तो चीन व विदेशी पक्षों के साथ फिल्म बनाने की वर्तमान स्थिति फिल्म बॉक्स ऑफिस के हित व अंतर्राष्ट्रीय बाजार के प्रदर्शन से संबंधित है। पिछले दो सालों में चीन के फिल्म बॉक्स ऑफिस में पहले स्थान पर स्थित कुछ फिल्मों में अमरीका से आयात फिल्म के अलावा चीन व विदेशी पक्षों द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई फिल्मों की स्थिति बेहतर है और इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुख्य फिल्म बाजार में भी प्रवेश किया है। विकास की वर्तमान स्थिति के अनुसार चीन व दुनिया के विभिन्न देशों के बीच सहयोग करने वाले मुद्दे दिन प्रति दिन अधिक हो रहे हैं। पहले पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव की आयोजन कमेटी के दफ्तर के उपाध्यक्ष वांग चेन का विचार है कि इस बार के फिल्म उत्सव में देशी-विदेशी फिल्मी कर्मियों के लिए प्रदान किया गया मंच चीनी फिल्मों के बाहर जाने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस बार आए अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों को बाहर घूमने का समय नहीं है। उन्होंने अपने-अपने कमरे में चीनी पक्षों के साथ बातचीत की, जिससे यह जाहिर है कि वे हमारे साथ संपर्क करने को तैयार हैं। उन लोगों के साथ संबंध की स्थापना के बाद भविष्य में दोनों पक्षों के बीच संपर्क के तरीके व सीमा विस्तार होगा। इस बार हमारे निमंत्रण पर वे आए हैं। लेकिन उन लोगों के आने का कारण है हमारी अच्छी चीज बाहर ले जाना। हमारी संस्था व विदेशी संस्थाओं के बीच मैत्रिपूर्ण संबंध व तरीकों की स्थापना करने के बाद विकास की संभावना होगी।
चीनी फिल्मों को विश्व की ओर ले जाना हमेशा से फिल्म जगत की कोशिश रही है। पिछले साल चीन ने विदेश में 100 बार चीनी फिल्मों की प्रदर्शनी का आयोजन किया। एक साल में चीन की 63 फिल्मों को 25 फिल्म उत्सवों में 89 पुरस्कार मिले। लेकिन बाहर जाने के दौरान चीनी फिल्म कर्मियों को चीनी फिल्मों में विषय बदलने चाहिए,यह जानकारी भी मिली। श्री वांग चेन का विचार है कि पहले चीनी फिल्मों के बाहर जाने में कठिनाईयां होने का एक कारण है कि अंतर्राष्ट्रीय भाषा और अपनी बात कहने का पूर्वी तरीका। अब चीनी फिल्मों को यहतरीका बदलना चाहिए।
राष्ट्रीय चीज दुनिया की है, लेकिन इस का मतलब यह भी है कि विशेषता स्थानीय होनी चाहिए। लेकिन अगर बाहर जाना चाहते हैं, तो दर्शकों तक आसानी से अपनी बात पहुंचाने का का तरीका होना चाहिए, जिससे लोग हमारी फिल्मों को समझ सकें । इसलिए इस पहलु में हमें और ज्यादा कोशिश करनी चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान व सहयोग के दौरान चीनी फिल्में अपने विकास के अनुकूल रास्ते पर आगे बढ रही हैं।
पहले पेइचिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के एबेंसडर जयकी चैन ने इस बार के फिल्म उत्सव के उद्धाटन समारोह में कहा कि अगर आप चीनी फिल्म नहीं देखेगें, तो आप को जरूर खेद होगा। लेकिन अगर आपने चीनी फिल्में देखी तो आप को जरूर और ज्यादा खेद होगा। क्योंकि आप जरूर ऐसा सोचेंगे कि क्यों मैं ने पहले इतनी अच्छी चीनी फिल्में पहले नहीं देखीं।