श्रोताओ,अभी आप सुन रहे हैं स्छ्वान प्रांत के शी फांग शहर स्थित फ़ांग थिंग छी ची मीडिल स्कूल में छात्रों द्वारा लेख पढ़ना ।यह मीडिल स्कूल थाईवान बौद्ध धर्म छी ची परोपकार कोष की मदद से निर्मित किया गया है।पूरे स्कूल का निर्माण भूकंप से बरबाद स्कूल के मूल स्थान पर किया गया,जिसमें 4 करोड़ य्वान खर्च हुए।2010 के सितंबर में नया स्कूल खुला।वर्तमान में एक हज़ार से ज़्यादा विद्यार्थी यहां पढ़ाई कर रहे हैं।
यह स्कूल पुरानी चीनी शैली के आधार पर निर्मित किया गया है। छात्रों की कक्षाएं विभिन्न विषयों से जुड़ी हैं। कक्षाओं में शास्त्रीय लेख के अलावा सुलेख-कला,चाय बनाने की कला,परंपरागत चीनी चित्र कला,नृत्य और अंग्रेज़ी नाटक भी शामिल हैं।इनमें से मनोविज्ञान क्लास की एक गतिविधि पर संवाददाता का ध्यान केंद्रित हुआ।
इस गतिविधि का नाम है गांठ खोलना। क्लास में अध्यापक के निर्देशन के तहत मीडिल स्कूल के पहले साल के विद्यार्थी खेल रहे हैं।इस खेल का उद्देश्य है कि सभी बच्चे खेलते हुए मित्रों के बीच मैत्री व एकता महसूस कर सकें।संवाददाता के सवाल का जवाब देते हुए दोनों छात्राओं ने कहा कि
गांठ बांध कर उन्हें खोल रहे हैं।यह दोस्ती का प्रतीक है।इस खेल से यह पता चलता है कि हमें मित्रों की दोस्ती को बहुमूल्य समझना चाहिये।अब हम जानती हैं कि किसी भी काम के लिए हमें मिलकर कोशिश करनी चाहिये।
फ़ांग थिंग छी ची मीडिल स्कूल में साक्षात्कार के दौरान हमारे सीआरआई के संवाददाता थाईवान से आये एक रिपोर्टर चू च्यैन लिंग से मिले।
देखा जा सकता है कि ये इमारतें बहुत अच्छी तरह से बनी हैं।मैं छी ची कोष के कर्मतारियों पर भरोसा करता हूं कि उन्होंने इस काम को अच्छी तरह अंजाम दिया है।पहले मुझे चिंता थी कि एक धार्मिक समुदाय के नाते क्या छी ची कोष अपने दान के साथ धार्मिक भावना भी लाएगा ? या क्या वे स्कूल से धर्म से संबंधित अनुरोध करेंगे ? अब मुझे इसकी परेशानी नहीं है।छी ची कोष ने इस स्कूल को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं की।मुझे यह बहुत अच्छा लगता है।
साथ ही मिअन यांग शहर में हमारे संवाददाता ने मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की मदद से निर्मित स्छ्वान के एक मशहूर मीडिल स्कूल——नैन यांग मीडिल स्कूल का दौरा किया । तीन साल पहले उस भूकंप में स्कूल की इमारतों तथा सुविधाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा था । सौभाग्य की बात है कि कोई हताहती नहीं हुई।पुनर्निर्माण के दौरान मकाओ की सहायता के तहत क्षतिग्रस्त इमारतों का निर्माण किया गया।इसके अलावा एक नया पुस्तकालय भी बनाया गया है।नये कार्यालय व प्रयोगशाला के आगे उप हेडमास्टर मा हेन क्वे ने हमें बताया
मकाओ की ओर से करीब 5 करोड़ 47 लाख 60 हज़ार य्वान प्रदान किए गए।पूरा निर्माण चीन चरणों में बंटा है। ये इमारतें पहले चरण में बनायी गयीं। बाद में हम तीसरे साल की छात्राओं के लिए निर्मित स्कूल के उस भाग में गए,जहां एक मुख्य शिक्षा इमारत दिखाई देती है।वह दूसरे चरण में बनी है।तीसरे चरण की योजना के अनुसार पुस्तकालय और शिक्षकों के लिये इमारत इस साल जून में पूरी की जाएंगी।मुख्य इमारत में हमारे संवाददाता ने एक तीसरे साल के छात्र यांग टाओ से बातचीत की।उसकी बातों से हमें पता चला कि इन दो वर्षों में स्कूल में न सिर्फ़ सुविधाओं में बल्कि छात्रों की स्थिति में भी बड़ा परिवर्तन हुआ है।
सभी कक्षाएं नयी सुविधाएं से लैस हैं।इसके अलावा हमारे कम्पूटर रूम,टेनिस कोर्ट और प्रयोगशालाओं में भी नये उपकरण हैं।वे सहपाठी भी पहले से ज़्यादा सक्रिय दिख रहे हैं,जो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों से आये हैं।
स्कूल आदि शिक्षण व संस्कृति से जुड़ी संस्थाओं के अलावा,हांगकांग,मकाओ व थाईवान के देशबंधुओं की सहायता से कुछ बुनियादी सुविधाओं तथा कल्याण संस्थाओं का निर्माण भी किया गया है।हमारे सीआरआई के संवाददाता दे यांग शहर में हांगकांग रेड क्रॉस के द्वारा हांगकांग के देशबंधुओं के चंदे से निर्मित एक रिकवरी व कृत्रिम मानव अंग केंद्र गये।
12 मई को आये भूकंप में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं यहां तक कि कुछ तो हमेशा के लिये विकलांग हो गए ।विभिन्न किस्मों की पेशेवर रिकवरी सेवा देने के लिये हांगकांग के रेड क्रॉस और दे यांग के विकलांग संघ ने मिलकर सहयोग किया।दोनों पक्षों ने हांगकांग के देशबंधुओं व हांगकांग और शांगहाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन यानी एच.एस.बी.सी. की ओर से प्रदान किये गये 6 करोड़ 80 लाख य्वान से रिकवरी व कृत्रिम मानव अंग केंद्र स्थापित किया।अगले पांच वर्षों में भूकंप से विकलांग होने वाले लोगों को यहां मुफ़्त चिकित्सा व रिकवरी सेवा मिल सकेगी।
वर्ष 2008 की जुलाई से इस साल के मार्च तक 1377 लोगों ने इस केंद्र से सहायता उपलब्ध की है।इनमें से 1252 विकलांगों ने कृत्रिम शरीरांग लगवाए।
साक्षात्कार के दौरान संवाददाता पुनःजांच करने आये युवा चू च्या हाओ से मिला,जिस की बाई जांघ और दाईं टांग काट दी गई हैं।केंद्र ने उस के लिए कृत्रिम शरीरांग तैयार किया है।अभ्यास के बाद चलने में उसे कोई तकलीफ़ नहीं होती है।हांगगांक से आये डॉक्टर सू श्यौ ह्वे के अनुसार उसकी स्थिति अब बहुत अच्छी है।
रिकवरी की दृष्टि से उसकी स्थिति बहुत अच्छी है।एक जांघ व टांग के विच्छेदन के बाद वह आम लोगों की तरह पैदल चल सकता है।सिर्फ़ ऊंची जगह चढने व सीढ़ियों से उतरते समय उसे ज़्यादा ध्यान रखना चाहिये।
करीब तीन साल की चिकित्सा व रिकवरी अभ्यास से चू च्या हाओ सोचता है कि दैनिक जीवन के सामान्य काम वह खुद कर सकता है।भविष्य के बारे में उसे विश्वास है और योजनाएं भीं।
अब इन कृत्रिम शरीरांगों के ज़रिये मैं इस जीवन का आदि हो गया हूं।पैदल बाहर जाना और व्हील चेयर के सहारे चलना ज़रूर अलग-अलग अनुभव है।बाद में शायद मैं छोटा-मोटा धंधा करना सीखूंगा।
इस केंद्र में फ़िज़िकल थेरेपी(physical therapy),ओक्यूपेशनल थेरेपी(occupational therapy),कृत्रिम शरीरांग व ऑर्थोसिस(orthosis), मनोचिकित्सा और रिकवरी आदि सेवाएं उपलब्ध हैं।हाल में हांगकांग से आये काफ़ी डॉक्टर व विशेषज्ञ यहां काम कर रहे हैं।पुनर्स्थापना के लिये वहां के पीड़ितों को मदद देते समय वे स्थानीय चिकित्सकों को प्रशिक्षण भी देते हैं,क्योंकि समझौते के तहत 2013 की जुलाई में हांगकांग रेड क्रॉस के कर्मचारी वापिस जाना शुरु कर देंगे ।और इस केंद्र का काम स्थानीय चिकित्सकों के हाथों में सौप दिया जाएगा। हांगकांग रेड क्रॉस के भीतरी चीन में रिकवरी कार्य से जुड़े महानिदेशक छेन श्यौ छन ने कहा
हमारे केंद्र का लक्ष्य है भूकंप से क्षतिग्रसत क्षेत्रों के पीड़ितों को सबसे बढ़िया चिकित्सा व रिकवरी सेवा देना ।अब हम त यांग के विकलांग संघ,रेड क्रॉस और स्वास्थ्य विभाग के साथ इस बारे में बार्ता कर रहे हैं।हमने पहले दिन से ही स्थानीय चिकित्सकों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया।हाल में कुछ कर्मचारी अहम पदों का काम संभाल सकते हैं।
त यांग विकलांग संघ के अध्यक्ष मा च्युन के अनुसार ह़जारों पीड़ितों को इस केंद्र से सहायता मिली है।
सूत्रों के अनुसार भूकंप के बाद अब तीन साल में हुआ पुनर्निर्माण समाप्त हो रहा है।हांगकांग,मकाओ और स्छ्वान तीनों भी दीर्घकालीन सहयोग करने का विचार कर रहे हैं।उम्मीद है कि अर्थतंत्र व व्यापार,वित्त और प्रतिभा की आवाजाही आदि पक्षों के सहयोग से स्छ्वान का विकास आगे
बढ सकेगा।