इस योजना में कृषि-उत्पादन को बढाने,कृषि-बाजार संबंधी सूचनाओ को पारदर्शी करने,अंतर्राष्ट्रीय तालमेल में मजबूती देने,खाद्य पदार्थों के दामों में उतार-चढ़ाव के सब से बड़ी कठिनाई से जूझ रहे देशों पर पड़े असर को कम करने और कृषि-उपजों के वित्तीय बाजार की निगरानी प प्रबंधन करने जैसे 5 क्षेत्रों में वैश्विक कृषि के भविष्य का रुपरेखा किया गया है।
इस योजना के अनुसार विभिन्न देश इससे सहमत है कि कृषि-पैदावार को बढावा देने और और अधिक कृषि उत्पाद बनाने हेतु कई कदम उठाए जाए,ताकि 2050 तक पूरी दुनिया में कृषि उत्पादों में 70 फीसदी का इजाफा हो सके।सम्मेलन में उपस्थितों ने फैसला लिया है कि जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय कृषि-डाटाबेस बनाकर कृषि-पैदावार,उपभोग और भंडार के बारे में सूचनाएं इकट्ठी की जाएगी और सार्वनजिक की जाएगी,जिससे कि कृषि उत्पादों की कीमतों को अनुचित उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके।
जी-20 का यह कृषि मंत्री-सम्मेलन 23 तारीख को पेरिस में आयाजित हुआ,जो इस समूह का ऐसा पहला सम्मेलन है।