वू हान शहर चीन के मध्य में स्थित सबसे बड़ा और हू पेई प्रांत की राजधानी शहर है। यांगत्सी नदी और हान नदी इस शहर को तीन भागों में---हान खोउ, वू छांग और हान यांग में बांटती है। यह शहर आधुनिकता के साथ-साथ प्राचीन संस्कृतियों का भी समागम है। प्राचीन काल में इस शहर को चियांग छंग के नाम से जाना जाता था।
वू हान का कुल क्षेत्रफल 8494 वर्ग किलोमीटर है जब कि वू हान का शहरी क्षेत्र लगभग 500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वर्ष 2010 के जनगणना के अनुसार इस शहर की कुल जनसंख्या लगभग 91 लाख है। यह शहर न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है बल्कि उद्योग के क्षेत्र में भी यह शहर काफी विकसित है। शिक्षा के क्षेत्र में चीन का प्रसिद्ध विश्वविद्यालय वू हान विश्वविद्यालय शहर के केंद्र में स्थित है। वू हान विश्वविद्यालय के अलावा यहाँ और भी कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं।
वू हान में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। इन्हीं में से एक प्रसिद्ध स्थल पूर्वी झील है। चीन में ऐसे तो कई झील हैं जो अपनी सुंदरता के लिए पूरे चीन में प्रसिद्ध है। जैसे हांगचोउ का पश्चिमी झील, छींग हाय प्रांत का छींग हाय झील आदी। लेकिन वू हान का पूर्वी झील हांगचोउ के पश्चिमी झील से छ गुना बड़ा है। इस झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 33 वर्ग किलोमीटर है। इस झील की सुंदरता और विशालता देखकर कोई भी आश्चर्यचकित रह जाता है। जब हमने इस झील के बारे में वहीं भ्रमण कर रहे एक भारतीय विद्यार्थी से पूछा तो उन्होनें कहा
मैनें आजतक इतना बड़ा झील नहीं देखा था। वहाँ का दृश्य देखकर मैं बहुत उत्साहित हो गया। हम सभी जल्द से जल्द प्रकृति के इस मनोरम दृश्य को कैमरे में कैद कर लेना चाहते थे।
इस झील की भी अपनी अलग विशेषता है। खासतौर पर शाम के समय जब सूर्य आसमान के पिछे छिप रहा होता है, उस समय इस झील की खूबसूरती का मिसाल नहीं दिया जा सकता है। सूर्य की लाल रोशनी जब पानी से टकराती है तो ऐसा लगता है जैसे पानी के उपर एक पीली और सुनहरी रेशमी चादर बिछा दी गयी हो। यहां पर आनंद तब आता है जब आप इस झील में नौकायन करते हैं। कहा जाता है कि अगर आपने पूर्वी झील में नौकायन नहीं किया तो इस झील को देखना अधूरा ही रह जाता है। यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बहुत होती है। संदीप जी ने परिचय देते हुए कहा कि
सामान्य तौर पर यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा होती है लेकिन साप्तहांत में पर्यटकों की संख्या में दोगुना इजाफा हो जाता है। यहा आने वाले पर्यटकों में न सिर्फ वू हान के लोग शामिल होते हैं बल्कि चीन के दूसरे प्रांतो और विदेशी पर्यटक भी शामील होते हैं।
झील के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित मो-शान पर्वत यहाँ के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह लगभग 25 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ पर लगभग 360 प्रजातियों के पेड़-पौधे और उद्यान हैं। यहां का चेरी बागान दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ न केवल आप चेरी के फूलों का आनंद ले सकते हैं बल्कि यहाँ आप चेरी का मजा भी ले सकते हैं। चीन में अक्सर जब फलों के तैयार होने का समय आता है तो लोग बागों में फल तोड़ने जाते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदते भी हैं। इस तरह न केवल उन्हें सस्ता फल मिल जाता है बल्कि ताजा और साफ भी होता है। जब हमने चेरी के बागान के बारे में संदीप जी से पूछा तो उन्होनें अपने अनुभव के बारे में कहा
यहाँ का चेरी बागान ने केवल चीन में प्रसिद्ध है बल्कि पूरी दुनिया में भी प्रसिद्ध है। यह जापान के हीरोशाकी और अमरीका के वाशिंगटन के बाद विश्व के सबसे बड़ा बागान है। यह चीन के चार सबसे बड़े बागानों में से भी एक है।
वू हान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में अगर हुआंग-ह-लोउ या पीला क्रेन टावर की बात न करें तो वू हान का भ्रमण अधूरा ही रह जाएगा। हुआंग ह लोउ चीन के चार प्राचीन टावरों में से एक है। इसका नाम चियांग शी प्रांत के थंग वांग क, शान तुंग प्रांत के फंग लाय क और हू नान प्रांत के युए यांग लोउ के साथ चीन के प्राचीन ऐतिहासिक टावरों में शामिल है। इस टावर का निर्माण कार्य सर्वप्रथम 223 ए डी में शुरू हुआ था। यह 51.4 मीटर लम्बा और पाँच तल का है। चीन के थांग राजवंश में इस टावर की प्रशंसा में बहुत सारे कविताओं की रचना की गई है। वर्ष 1981 में इसे दुबारा निर्मित किया गया और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। यह टावर चीन की प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला का बेजोर संगम है। इस टावर में लिफ्ट भी लगा हुआ जिससे पर्यटक उपर जाकर वहाँ से पूरे वू हान शहर का आनंद ले सकते हैं। यहाँ से यांगत्सी नदी का नजारा तो देखते ही बनता है। नदी में नाव और नावों पर बैठे लोग ऐसा लगता है जैसे पानी के साथ अठखेलियां कर रहे हों। यहाँ से पूरे वू हान शहर की सुंदरता तो अलग ही छटा बिखेरती हुई नजर आती है।
यहाँ दिन में भ्रमण करने के लिए दर्शनीय स्थल हैं तो रात भी कम नहीं है। रात में शहर की चकाचौंध रोशनी में यह शहर एक अलग ही दास्तां ब्यां करती है। रात में खासकर नौ बजे के बाद सड़क पर काफी चहल-पहल होती है। सबसे आकर्षक यहां पर स्ट्रीट पर कतारों में लगे सैकड़ों ठेले लगते हैं। ठेले पर लदे अलग-अलग किस्म का खाद्य पदार्थों को देखते मुंह पानी से भर जाता है। कुछ स्ट्रीट तो यहाँ पर अपने स्ट्रीट फूड के लिए काफी प्रसिद्ध है। स्ट्रीट के किनारे टेबल और कुर्सी लगी होती है और लोग यहाँ पर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का जायका लेते हुए नजर आ जाते हैं। चीन में सींक कबाब बहुत मशहूर है। यहाँ पर तरह-तरह के कबाव मिलते हैं, जैसे- चिकन कबाव, मटन कबाव, बीफ कबाव, मछली कबाव, आलू कबाव, मिर्च कबाव आदी। अगर आप मिर्च खाने के शौकिन हैं तो आपको यहाँ पर निराश नहीं होना पड़ेगा। संदीप जी ने आगे बताया कि
यहाँ पर रात के नौ बजे से लेकर सुबह के तीन बजे तक सड़कों पर काफी चहल-पहल होती है। रात में अगर आप बीयर बार जाना चाहते हैं तो यहाँ पर तरह-तरह के विशेषता वाले बियर बार हैं। ऐसा कहा जाता है कि चीन में पेइचिंग में सबसे ज्यादा बीयर बार हैं, शांगहाई में सबसे अच्छे बीयर बार हैं और वु हान में अलग-अलग किस्म के बीयर बार हैं।
वू हान में देर रात तक जिंदगी जीवंत रहती है। खासकर सप्ताहांत में तो शाम और भी रंगीन हो जाती है। वू हान में न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का भरमार है बल्कि मानव निर्मित सौंदर्य की भी यहाँ कमी नहीं है। यहाँ की लड़कियां भी काफी खूबसूरत होती हैं।
अगर इस शहर के पर्यटन संसाधन के अलावा अर्थव्यवस्था की बात करें तो यह शहर चीन के सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाली शहरों में से एक है। इस शहर को प्राचीन काल में भी व्यापार का मुख्य केंद्र माना जाता था। इसके बारे में एक कहावत है कि माल जब वू हान पहुँच जाता था तो उसे बेचना बहुत आसान हो जाता था। वर्तमान में यहाँ पर बड़े-बड़े कल-कारखाने हैं जो स्टील, कार, जहाज, कपड़ा, दवा आदी के उत्पादन में संलग्न हैं। वर्ष 2010 में यहाँ की कुल अर्थव्यवस्था पूंजी लगभग 6 खरब युवान की राशि तक जा पहुँची है। इस शहर की जी डी पी चीन के मध्य भाग में स्थित छ बड़े शहरों में पहले स्थान पर बरकरार है।
यह शहर न केवल अपनी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के लिए जाना जाता है बल्कि आधुनिक काल में भी यह चीन के महत्वपूर्ण शहरों में एक बन गया है।