15 जून को कजाकिस्तान की राजधानी आस्ताना में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में शांगहाई सहयोग संगठन की दसवीं जयंती पर आस्ताना घोषणा पत्र जारी हुआ, जिस में इस क्षेत्रीय संगठन के भावी विकास की दिशा दिखायी गयी है यानिकी शांगहाई सहयोग संगठन न तो पूर्व का यूरोपीय संघ होगा, न ही पूर्व का नाटो बनेगा। वह अन्य कुछ परंपरागत क्षेत्रीय संगठनों के स्वरूप से हट कर एक बिलकुल नयी किस्म का बहुपक्षीय सहयोग फार्मूला ले कर आएगा और अपनी विशेष किस्म का सहयोग अवधारणा व सहयोग तरीका अपनाएगा।
अपनी स्थापना के दिन से ही शांगहाई सहयोग संगठन पर एक विशेष मिशन लदा है यानी वह युग की मुख्य धारा के साथ साथ युग की तकाजा व्यक्त करेगा और अपने केन्द्रीय मिशन के रूप में सहयोग के जरिए सुरक्षा व शांति प्राप्त करने की कोशिश करेगा। पिछले दस सालों में शांगहाई सहयोग संगठन ने संपूर्ण सहयोग का अपना विशेष रास्ता तय किया है, विशेषता उच्च स्तर और व्यापक प्रतिनिधित्व में दिखती है। मौजूदा आस्ताना शिखर सम्मेलन में यह विशेषता एक बार फिर स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई है।
शांगहाई सहयोग संगठन के नये फार्मूले की मख्य विशेषता है संगठन के भीतर व बाहर दोनों पहलुओं के मामलों पर ध्यान देना और अपने सहयोग में व्यवहारिक व खुले रूख अपनाना। संगठन के भीतर, शांगहाई सहयोग संगठन सहयोग के व्यवहारिक व ठोस लक्ष्यों को अमल में लाने की कोशिश करता है और क्षेत्र की स्थिरता व आर्थिक विकास जैसे बुनियादी मामलों को हल करने पर ध्यान देता है। मसलन्, संगठन की दसवीं जयंती पर आस्ताना घोषणा पत्र में सुरक्षा, आर्थिक व मानविकी क्षेत्रों में सहयोग के नए लक्ष्य व कार्य पेश किए गए और हरेक लक्ष्य या काम के लिए स्पष्ट, ठोस और प्राथमिक दिशा व कार्यक्षेत्र निर्धारित किए गए और निर्धारित हो चुकी सहयोग योजना को शीघ्र ही अमल में लाने पर बल दिया गया है। संगठन के बाहर, शांगहाई सहयोग संगठन अन्तरराष्ट्रीय संबंधों को लोकतांत्रिक बनाने वाले सक्रिय प्रवर्तक की अपनी छवि दिखाते हुए अन्तरराष्ट्रीय परिस्थितियों, प्रमुख क्षेत्रीय सवालों, खास कर अफगान, पश्चिमी एशिया व उत्तरी अफ्रीका सवालों पर अपने रूख स्पष्ट कर देता है। संगठन बल प्रयोग से हस्ताक्षेप का विरोध करता है, संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकारिकता का समर्थन करता है। जाहिर है कि शांगहाई सहयोग संगठन क्षेत्रीय शांति की रचनात्मक शक्ति बन गया है और अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मसलों पर उन में व्यापक सहमति प्राप्त हो सकती है, जिस से संगठन की एकजुटता और आत्मविश्वास अभिव्यक्त हुई है।
गौरतलब है कि आस्ताना घोषणा पत्र में बहुतेरे शब्दों में अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर अपने रूख जताए गए हैं, इस से जाहिर है कि शांगहाई सहयोग संगठन ने पूरी तरह समझ लिया है कि भविष्य में दुनिया के सामने सब से बड़ी चुनौती अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्थितियों में आने वाला जटिल परिवर्तन है। शांगहाई सहयोग संगठन इन चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्रियता का रवैया अख्तियार करेगा और सुरक्षा के प्रति विभिन्न प्रकार के खतरों का सामना करने को भी तैयार हो गया है। शांगहाई सहयोग संगठन की नजर में वर्तमान सुरक्षा की समस्या उस के परंपरागत रूपों से बहुत आगे बढ़ गयी है, जो अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, समाज के विभिन्न क्षेत्रों तक बढ़ चुकी है। घोषणा पत्र में बताया गया है कि भविष्य में शांगहाई सहयोग संगठन सुरक्षा व आर्थिक सहयोग को बहुपक्षीय सहयोग का मुख्य मुद्दा बनाता रहेगा, साथ ही जनजीवन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर देगा, इस से शांगहाई सहयोग में सहयोग का आधार और मजबूत होगा और उसे जनता से और अधिक समर्थन व सहायता हासिल होगी।
शांगहाई सहयोग संगठन एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय सहयोग संगठन है, जिस की स्थापना चीन के प्रवर्तन पर हुई, जिस का नाम चीन के एक शहर पर रखा गया और जिस का सचिवालय चीन में स्थापित हुआ है। इस के चलते चीन अवश्य ही संगठन में अहम पात्र होता है। आस्ताना शिखर सम्मेलन के बाद चीन संगठन का सत्रीय अध्यक्ष होगा, जो संगठन के अहम विकास केलिए अच्छा मौका लेकर आएगा। पहले, अच्छे पड़ोसी होने के साथ मित्रता के रिश्ते में नया नया विषय भरा किया जाएगा, आस्ताना शिखर सम्मेलन में वर्ष 2011-2012 को संगठन का अच्छे पड़ोसी व मित्रता वर्ष घोषित किया गया है, इस से सदस्य देशों में विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही बढ़ाने के अहम मौके मिलेंगे। दूसरे, आर्थिक सहयोग पर और अधिक महत्व दिया जाएगा जो सदस्य देशों के जन कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। तीसरे, शांगहाई सहयोग संगठन में एशिया-प्रशांत की स्पष्ट विशेषता दिखती है, जैसाकि घोषणा पत्र ने ऐलान किया है कि शांगहाई सहयोग संगठन एशिया-प्रशांत सुरक्षा व सहयोग ढांचे की स्थापना को सफल बना सकता है। अपने निश्चित स्थान से शांगहाई सहयोग संगठन को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका अदा करने के अधिक अवसर मिलेंगे।
अगले दस साल शांगहाई सहयोग संगठन के विकास का कुंजीभूत दशक है। नयी किस्म के बहुपक्षीय सहयोग फार्मूले से प्रेरित होकर शांगहाई सहयोग संगठन का भविष्य और उज्ज्वल होगा।