यात्री कारों व हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए भारत नौ साल में इस श्रेणी का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा। अमेरिकी अनुसंधान फर्म जेडी पावर एशिया पैसिफिक ने इंडिया ऑटोमोटिव 2020 : दि नेक्स्ट जायंट फ्रॉम एशिया शीर्षक नामक एक रिपोर्ट दी है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि भारत को इसके लिए ढांचागत सुविधाओं में सुधार व कलपुर्जो की आपूर्ति के मसलों को भी हल करना होगा। वर्ष 2020 तक भारत हल्के वाहनों के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। वर्ष 2010 में भारत में 27 लाख हल्के वाहनों की बिक्री दर्ज की गई जो वर्ष 2000 में महज 7 लाख वाहनों की थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वर्ष 2020 तक इस मामले में चीन सबसे अव्वल होगा। जबकि अमेरिका का स्थान दूसरा रहेगा। इस समय तक चीन के हल्के वाहनों का बाजार 3.5 करोड़ वाहनों पर पहुंचने की संभावना है। वहीं अमेरिका के हल्के वाहनों का बाजार 1.74 करोड़ इकाइयों पर पहुंचने का अनुमान है।
हैया