कजाकिस्तान और रूस की अपनी राजकीय यात्रा की पूर्वसंध्या पर चीनी राष्ट्राध्क्ष हू चिंगथाओ ने 10 जून को अगल-अलग तौर पर इन दो देशों के अनेक मीटिया को अपना लिखित इंटरव्यू दिया,जिसमें चीन-कजाकिस्तान संबंध,चीन-रूस संबंध और वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति पर सवालों के जवाब दिए गए हैं।
चीन-कजाकिस्तान संबंधों पर हू चिंगथाओ ने कहा कि जुलाई 2007 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के कायम होने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तेजी से नया विकास आया है।दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही एवं राजनीतिक विश्वास लगातार बढते गए हैं तथा सहयोग ठोस रूप से फलते-फूलते गए हैं।साथ ही अर्थव्यवस्था-व्यापार, वित्त,ऊर्जा,
यातायात,विज्ञान-तकनीक और संस्कृति से जुड़े क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग गहराते गए हैं।श्री हू चिंगथाओ का कहना है कि चीन और कजाकिस्तान एक दूसरे के मैत्रीपूर्ण पड़ोसी और अहम रणनीतिक साझेदार होने के साथ साथ शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य भी होते हैं।दीर्धकाल के लिए द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी का स्थिर व चतुर्मुखी विकास करना दोनों देशों की जनता की समान अभिलाषा है और दोनों देशों के वर्तमान व दूरमागी हितों के अनुकूल भी है।
चीन-रूस संबंधों की चर्चा करते हुए हू चिंगथाओ ने कहा कि चीन-रूस मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों जैसे दोस्ती व सहयोग संधि पर हस्ताक्षार के बाद पिछले एक दशक में चीन-रूस संबंधों की पूर्ण रूप से स्वस्थ व तेज विकास होने की प्रवृति बनी रही है और विकास का स्तर अभूतपूर्व है।दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही की परिपूर्ण व्यवस्था कायम हुई है और दोनों देशों के नेता एक दूसरे के यहां आते-जाते रहते हैं।यहां तक इतिहास से छूटे सीमा-विवाद का सवाल है,उसे दोनों देशों के साझे प्रयासों से पूरी तरह सुलझाया गया है।अर्थतंत्र.व्यापार,ऊर्जा,विज्ञान-प्रोद्योगिकी आदि क्षेत्रों और क्षेत्रीय स्तर पर व्यावहारिक सहयोग में उल्लेखनीय कामयाबियां हासिल हुई हैं।इस सब से दोनों देशों की जनता को ठोस लाभ मिला है।आने वाले 10 वर्षों में संधि की भावना के निर्देशन में और दोनों देशों की जनता की समान कोशिशों से चीन और रूस के रणनीतिक साझेदार संबंध अवश्य ही नए मंजिल पर पहुचेंगे तथा वैश्विक व क्षेत्रीय शांति,सुरक्षा व स्थायित्व के लिए अपने अनिवार्य योगदान करेंगे।
वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति व आतंकविरोध के संबंध में हू चिंगथाओ ने कहा कि वर्तमान समय में अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति शीतयुद्ध के बाद अब तक के सब से गहरे व जटिल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है।शांति,विकास और सहयोग इस युग की मुख्य धारा के रूप में अपनी जोर पकड़ रहे हैं।इसके साथ अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति की पेचीदगी अभी भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।जैसे विश्व अर्थतंत्र के पुनरुद्धान की रफ़तार धीमी पड़ गई है और वैश्विक सुरक्षा में अस्थिरता व अनिश्चिता बढ गई है।हू चिंगथाओ ने यह भी कहा कि अब भी अंतर्राष्ट्रीय आतंकविरोध की स्थिति गंभीर है।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र चार्टर एवं अन्य सर्वमान्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों व नियम-कायदों का अनुसरण करते हुए सहयोग मजबूत करना चाहिए और एक सूत्र में बंधकर आतंकवाद पर प्रहार करना चाहिए।इस के अलावा ऐसा भी किया जाना चाहिए कि राजनीतिक,आर्थिक व कूटनीतिक तरीकों से आतंकवादजनित भूमि को नष्ट करने की कोशिश की जाए,जिससे कि आतंकवाद की समस्या पूरी तरह हल की जाए।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 90वीं जंयती का जिक्र करते हुए हू चिंगथाओ का कहना है कि
बीते 90 वर्षों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने देश की विभिन्न जातियों की जनता पर निर्भर रहते हुए तरह-तरह की कठिनाइयों को दूर कर क्रांति,निर्माण व सुधार जैसे महान कार्य में बड़ी सफलता प्राप्त की है।समाजवादी चीन विकसित होकर आज समृद्ध हो गया है और चीनी राष्ट्र दुनिया के पूर्व में गौरव के साथ खड़ी हो गई है।इसके साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी भी कमजोर स्थिति से आगे चलकर मजबूत स्थिति में आ गई है।इस के सदस्यों की संख्या शुरूआत की 50 से बढकर 8 करोड़ हो गई है।कहा जा सकता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का 90 वर्ष पुराना इतिहास उस का चीनी राष्ट्र की आजादी,जनमुक्ति और राष्ट्रीय समृद्धि तथा जनता की खुशहाली के लिए संघर्ष करने का इतिहास है।