9 जून को चौथा विश्व प्रमाणन दिवस है। मौके पर शांगहाई में विश्व द्वारा चीन को मान्यता देने वाला दिवस आयोजित हुआ। चीनी राष्ट्रीय क्वालिटी जांच ब्यूरो के डाइरेक्टर चि शुफिन ने कहा कि इन सालों में चीन में प्रत्यायन कार्य पर अधिकाधिक महत्व दिया जा रहा है, प्रमाणन कार्य के बड़े विकास के परिणामस्वरूप चीनी उत्पादों की क्वालिटी व्यापक मान्यता प्राप्त होने लगी और सामाजिक व सार्वजनिक सुरक्षा की गारंटी की गयी तथा चीनी उत्पादों पर लोगों का विश्वास भी व्यापक तौर पर बढ़ गया है।
विश्व प्रमाणन दिवस इंटरनेशनल अक्रेडिटेशन फॉर्म यानी आइएएफ तथा इंटरनेशनल लैबॉरेटरी अक्रेडिटेशन कॉर्परेशन यानी आइएलएसी द्वारा 2008 में स्थापित किया गया था, जिस का मकसद विश्व भर में प्रमाणन कार्य को बढ़ावा देना है। विश्व द्वारा चीन को मान्यता देने वाला दिवस विश्व प्रमाणन दिवस के उपलक्ष्य में चीन की एक गतिविधि है, जिस का थीम है प्रत्यायन व प्रमाणन सरकारी निगरानी कार्य का आधार। चीन इस कार्यवाही के माध्यम से प्रत्यायन क्षेत्र में सरकार की निगरानी मजबूत करते हुए आर्थिक व सामाजिक कामों में प्रत्यायन की भूमिका अदा करेगा।
ब्यूरो डायरेक्टर चि शुफिन ने अपने भाषण में कहा कि अक्रेडिटेशन यानी प्रमाणन तंत्र आधुनिक प्रबंधन विज्ञान का परिणाम है, उसे व्यापक तौर पर आर्थिक व सामाजिक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है और उत्पादों की क्वालिटी व प्रबंधन का स्तर उन्नत करने, बाजार को सुव्यवस्थित करने, व्यापार को सुविधाजनक बनाने, पारिस्थितिकी संरक्षण को बढ़ावा देने तथा सामाजिक ईमानदारी व सामंजस्य को मजबूत करने में बड़ा सहायक सिद्ध हुआ है।
श्री चि ने कहा है कि विश्व के अन्य देशों की भांति चीन में भी प्रत्यायन कार्य पर लगातार महत्व दिया जा रहा है, जिस से चीन के उत्पादों की सकल क्वालिटी उन्नत करने तथा सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में बड़ी मदद मिली है। उन्होंने कहाः
गौरतलब है कि विश्व के विभिन्न देशों की सरकारें अपने नीतिगत लक्ष्य के लिए हमेशा प्रत्यायन कार्य के महत्व को मानती हैं। चीन सरकार भी इस पर बड़ा ध्यान देती है और आर्थिक व सामाजिक विकास में उत्पादों के प्रमाणन, संचालन व्यवस्था के प्रमाणन, अक्रेडिटेशन संस्थाओं की मान्यता, प्रयोगशालों तथा जांच संस्थाओं की मान्यता के जरिए देश के उत्पादों के क्वालिटी स्तर उन्नत किए है और सार्वजनिक सुरक्षा की गारंटी की है।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में चीन द्वारा मान्य प्रमाणन पत्र और जांच रिपोर्ट में आइएएफ या आइएलएसी के अक्रेडिट चिन्ह प्रयोग किये जा सकते हैं और वो बहुपक्षीय प्रत्यायन संधि मानने वाले देशों या आर्थिक समुदायों में भी प्रभावी होते हैं। प्रमाणन के बाद मान्यता प्राप्त चीजों को कुछ देशों में निर्यात करने के प्रमाण पत्र बन सकते हैं और अन्य कुछ देशों में कस्टम प्रक्रिया में दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। चीन द्वारा मान्य प्रत्यायन संस्थाओं से जारी प्रमाण पत्र अन्तरराष्ट्रीय व्यापार में क्वालिटी गारंटी के साक्षी बनते हैं, जिस से अन्तरराष्ट्रीय बाजार होड़ में चीनी कारोबारों को योगदान दिया गया है।
चीन हमेशा प्रचलित अन्तरराष्ट्रीय नियमों का पालन करता है और कड़ाई के साथ अन्तरराष्ट्रीय मापदंडों तथा नियमों के मुताबिक प्रत्यायन का काम करता है, इस तरह चीन की प्रमाणन व्यवस्था अन्तरराष्ट्रीय जगत से जुड़ी हुई है और आर्थिक वैश्विकरण में चीन की भागेगारी के लिए पुल का काम आता है। इस पर श्री चि ने कहाः
चीन पूर्ण रूप से इंटरनेशनल अक्रेडिटेशन संगठनों और इंटरनेशनल अक्रेडिटेशन संधियों में शरीक हो चुका है, चीन के प्रमाण पत्रों को विश्व मान्यता हासिल हुई है। चीन सक्रिय रूप से अन्तरराष्ट्रीय प्रत्यायन मानदंड व नियम बनाने के काम में भाग लेता है और अन्तरराष्ट्रीय जगत में चीन का प्रभाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तरह चीन विश्व का एक बड़ा प्रमाणन देश बन गया है।
विश्व से चीन को मान्यता देने वाले दिवस के थीम के मुताबिक चीन सरकार उत्पादों की क्वालिटी व सुरक्षा पर निगरानी बढ़ाएगी और आर्थिक व सामाजिक जीवन में प्रत्यायन कार्य की भूमिका उन्नत करेगी । बेशक, किसी भी देश के प्रमाणन काम को समाज व जनता का समर्थन पाना जरूरी है। इस पर श्री चि ने कहाः
प्रत्यायन कार्य राष्ट्रीय अर्थतंत्र व जनजीवन से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है, वह हमेशा समाज और जनजीवन की सेवा करता है, इसलिए उस के विकास को पूरे समाज व व्यापक जनता से समर्थन मिलने की आवश्यकता है।
सूत्रों के अनुसार 31 मार्च 2011 तक चीन में विभिन्न प्रकार की प्रत्यायन संस्थाएं 124 हो चुकी हैं और प्रमाणन के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या 4431 और प्रमाणन के लिए जांच संस्थाओं की संख्या 244 है।