पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसूफ रज़ा गिलानी ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ाई की इस महीने इस्लामाद की आगामी यात्रा के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान औपचारिक रूप से एक संयुक्त आयोग पर सुलह का शुभारंभ करेंगे।
अप्रैल माह में जब गिलानी ने काबुल की यात्रा की थी तब पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने आयोग की शुरूआत की थी।
आयोग को विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद सुलह प्रक्रिया आगे ले जाने का जिम्मा सौंपा गया है।
अधिकारियों और राजनयिक सूत्रों ने कहा सप्ताह अंत में करज़ाई की दो दिवसीय पाकिस्तान यात्रा निर्धारित है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली खबर के अनुसार गिलानी ने अमरीकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य से कहा कि राष्ट्रपति करज़ाई की आगामी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संयुक्त आयोग पर सुलह का उद्घाटन सत्र निर्धारित है।
उन्होंने कहा कि करज़ई औपचारिक रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ट्रांसिट व्यापार समझौता करने के साथ-साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अमरीका कोर ग्रुप के बीच शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक जुट भी होने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति और सुलह को बढ़ावा देने के लिए तथा सुविधाजनक बनाने के लिए दो स्तरीय अफगानिस्तान-पाकिस्तान संयुक्त आयोग स्थापित किया गया था।
प्रथम श्रेणी के आयोग में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, विदेश मंत्री के साथ दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों और खुफिया सेवा प्रमुख शामिल होंगे, जबकि दूसरी श्रेणी में विदेश मंत्रालय, सैन्य और खुफिया सेवा के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
गिलानी ने पाकिस्तान-अमरीका के संबंधों के संदर्भ में कहा कि वे कैसे इस क्षेत्र के भविष्य को आकार दे सकते हैं और संयुक्त प्रयासों के जरिए वे बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान के आर्थिक विकास के लिए इस क्षेत्र की अधिकतम क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करना चाहते हैं।
अमरीकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ने करार दिया कि दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और हिंसक तत्वों को खत्म करने में पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण देश की भूमिका निभाता है।उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ चल रहे संघर्ष में विश्व शांति के लिए पाकिस्तान के लोग तथा सुरक्षा बलों के महान बलिदान को स्वीकार किया।
अमेरिकी कांग्रेस की मजबूत भावनाओं के बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि बजट घाटे को कम करने और विदेशी सहायता कम करने के बावजूद पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देना जारी रखेगा।
(हेमा)