सिंगापुर में आयोजित शांगरिला बातचीत में भाग ले रहे चीनी रक्षा मंत्री ल्यांग क्वांगल्ये ने 3 जून को भारतीय रक्षा मंत्री एम.एम.पल्लाम राजू से भेंट के दौरान कहा कि चीन व भारत को द्विपक्षीय सहयोग में हासिल उपल्बधियों को बहुमूल्य समझाकर आपस में समानताओं को व्यापक करके सहयोग के नये क्षेत्रों का विकास करना चाहिए। इसके साथ ही मौजूद मतभेदों व संवेदनशील सवालों का उचित तौर पर निपटारा कर द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ्य व स्थिर विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।
ल्यांग क्वांगल्ये का कहना है कि एशिया में दो बड़े पड़ोसी देशों के रूप में चीन और भारत के पास कई अहम अंतर्राष्ट्रीय मामलों तथा आर्थिक व सामाजिक विकास से जुड़े मु्द्दों पर समान हितों व चिंताओं होते हैं। इधर के सालों में चीनी और भारतीय सेनाओं ने उच्च स्तरीय आवाजाही, प्रतिरक्षा सुरक्षा पर विचार विमर्श, थल-सेना के संयुक्त आतंक विरोधी अभ्यास और फौजी कॉलेजों के बीच आदान-प्रदान आदि क्षेत्रों में बेहतरीन सहयोग किए हैं। चीन पहले की ही तरह द्विपक्षीय सेनाओं के संबधों का विकास आगे बढ़ाने को तैयार है, ताकि दोनों देशों के संबंधों के विकास में अधिक सकारात्मक विषय डाला जा सके।
राजू ने कहा कि एशिया के बड़े देशों के नाते भारत और चीन क्षेत्रीय शांति व स्थिरता पर अहम असर पड़ता है। भारत चीन के साथ मैत्रीपू्रण सहयोग के विकास में लगा हुआ है। वर्तमान में द्विपक्षीय संबधों के पास अधिक सकारात्मक पहलू होते हैं और दोनों देशों के सामने विकास के बेहतर वातावरण मौजूद है। इस तरह भारत और चीन को सुअवसरों को पकड़ते ही द्विपक्षीय सेनाओं के आदान-प्रदान व सहयोग मज़बूत कर सेनाओं के संबंध आगे बढ़ाना चाहिये, ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति व स्थिरता के लिये सक्रिय योगदान दिया जा सके।
(लिली)