मंगलवार को विश्व बैंक ने घोषणा की कि उस ने भारत की गंगा नदी को साफ करने के लिए भारत सरकार को एक बीलियन का ऋण देना स्वीकार किया है।
बैंक द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ,गंगा नदी भारत की एक चौथाई जल पूर्ति का स्रोत है।इस का धार्मिक और जलीय महत्व होने के बावजूद यह आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।प्रदूषण,पर्यावरण को होने वाला नुकसान और नदी के किनारे और इस में पलने वाले जीव जंतुओं का अस्तित्व भी खतरे में है।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि नदी के किनारे स्थित शहरों और गावों के एक तिहाई कचरे का ही निपटारा किया जाता है,बाकी का सारा कचरा और औद्योगिक कचरा सीधे गंगा में डाल दिया जाता है।
बैंक ने आगे कहा कि भारत सरकार ने फरवरी 2009 में गंगा को साफ करने कि लिए राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की है ।