चीनी प्रधानमंत्री वन च्यापाओ ने 28 मई को पेइचिंग में कहा कि चीन को अविचल रूप से बौद्धिक संपदा रणनीति का कार्यान्वयन करना चाहिए, बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण को मजबूत करना चाहिए, पूरे समाज की रचनात्मकता की उत्तेजना देनी चाहिए और तकनीकी नवीनीकरण के आधार पर आर्थिक विकास के तरीकों के परिवर्तन में तेजी लानी चाहिए।
उक्त बात वन च्यापाओ ने उसी दिन विज्ञान व तकनीकी एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में कही थी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक व तकनीकी विकास को तेज करना चीन के पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्विता में भाग लेकर सक्रिय भूमिका निभाने की बड़ी मांग है, चीन के विकास की सीमित टोंटी का समाधान करने एवं समग्र परिस्थिति से संबंधित प्रमख मुद्दा है। रुपांतरण व खुलेद्वार की नीति और वैज्ञानिक व तकनीकी प्रगति चीनी आर्थिक व सामाजिक विकास को बढा़वा देने की दो मौलिक प्रेरणा शक्तियां हैं।
वन च्यापाओ ने ज़ोर देते हुए कहा कि चीन को अविचल रूप से बौद्धिक संपदा रणनीति का कार्यान्वयन करना चाहिए, बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण को मज़बूत करना चाहिए, पूरे समाज की रचनात्मकता की उत्तेजना देनी चाहिए। साथ ही चीन को उच्च व नवीन तकनीकी के जरिए पारंपरिक उद्योगों के परिवर्तन व सुधार में तेजी लानी चाहिए, पारंपरिक उद्योगों की गुणवत्ता व प्रतिस्पर्धा की क्षमता का सुधार करना भी चाहिए। चीन बुनियादी अनुसंधान व अत्याधुनिक अनुसंधान पर ज्यादा ध्यान रखेगा, विज्ञान व तकनीकी प्रणाली के सुधार को गहराता रहेगा, विज्ञान का प्रसार करने को मज़बूत करके पूरे देश की वैज्ञानिक गुणवत्ता में सुधार करेगा।
(नीलम)