दोस्तो , अंतर्राष्ट्रीय आधारभूत संस्थापनों के निवेश और निर्माण के बारे में दूसरा शिखर सम्मेलन 26 मई को पेइचिंग राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में उद्घाटित हुआ । मौजूदा मंच का मुद्दा है पूंजी निवेश से आधारभूत संस्थापनों के निरंतर विकास को बढावा देना । फिलिपीन , मैक्सिको ,रुस , इंडोनेशिया और चीन समेत 46 देशों व क्षेत्रों से आये 860 से अधिक प्रतिनिधि मंच में शरीक हुए । वे अब अलग अलग तौर पर सरकारों , व्यवसायिक संगठनों , वित्तीय संस्थाओं , निवेशकों , ठेकेदारों और डिजाइन परामर्श कम्पनियों की ओर से आधारभूत संस्थापनों के निवेश व निर्माण में लगे हुए हैं ।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के विदेश पूंजी निवेश व आर्थिक सहयोग विभाग के उप डायरेक्टर निचाती ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व आर्थिक पुनरुत्थान के चलते सारी दुनिया में आधारभूत संस्थापनों की मांगों में बढोत्तरी हुई है । साथ ही सुयोग्य व्यक्तियों , साम सामान , पूंजी और सूचनाओं के आदान प्रदान व रफ्तार बढने के साथ साथ आधारभूत संस्थापनों के लिये बड़ा तकाजा भी प्रस्तुत हो गया है । चीन और अधिक देशों के साथ आधारभूत संस्थापनों में निवेश व निर्माण के बारे में सहयोग तंत्र स्थापित करने , अंतर सरकार सहयोग बढाने और पूंजी सहयोग को सुविधाएं उपलब्ध कराने को तैयार है ।
वर्तमान में चीन ने विश्व के दसेक देशों के साथ आधारभूत संस्थापन सहयोग की मजबूती के बारे में समझौते संपन्न किये हैं , कार्य तंत्र स्थापित कर नियमित रुप से रायों का आदान प्रदान किया है और सलाह मशविरे से सहयोग में उत्पन्न भारी मामलों का निपटारा कर लिया है । हम और अधिक देशों के साथ इस प्रकार वाले सहयोग तंत्र कायम करना चाहते हैं । साथ ही यह उम्मीद भी है कि विभिन्न देश सकारात्मक व खुले रवैये से आधारभूत संस्थापनों के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ सही बर्ताव करेंगे , व्यक्तियों के आने जाने , कर वसूल और श्रम आदि क्षेत्रों में सुविधापूर्ण कमद उठाएंगे और मुक्त , पारदर्शी और भेदभाव रहित सिद्धांत पर कायम रहकर आर्थिक विवादों को राजनीतिकरण का रुप देने से बचा जाएंगे , ताकि सहयोग का विश्वास बढ़कर निवेशकों की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों व हितों का संरक्षण किया जा सके ।
आधारभूत संस्थापन राष्ट्रीय आर्थिक विकास का आधार है और आर्थिक विकास व आधुनिकीकरण की मूल शर्त भी है , इसलिये किसी भी देश व क्षेत्र की आधारभूत संस्थापनों की विकास स्थिति अपने आर्थिक ढांचे और आर्थिक विकास गति व स्तर का निर्णय करती है ।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2010 के अंत तक चीन ने विदेशों में परियोजनाओं के निर्माण का जो ठेका लिया है , उस का कुल मूल्य चार खरब 35 अरब 60 करोड अमरीक डालर तक पहुंच गया और अनुबंधित मूल्य 6 खरब 99 अरब 40 करोड़ अमरीकी डालर रहा । 2010 में चीन ने 92 अरब 20 करोड़ अमरीकी डालर मूल्य की विदेशी परियोजनाओं का ठेका लिया है , जो इस के पूर्व वर्ष की समान अवधि से 18.7 प्रतिशत से अधिक है , नये संपन्न अनुबंधों का मूल्य एक खरब 34 अरब 40 करोड़ अमरीकी डालर रहा , जो इस के पूर्व वर्ष की समान अवधि से 6.5 प्रतिशत बढ़ गया ।
निचाती ने कहा कि चीनी उपक्रम व्यापक विकासशील देशों में बड़ी तादाद में बिजली घरों और बंदरगाहों जैसे आधारभूत संस्थापनों के निर्माण में जुटे हुए हैं , जिस से स्थानीय सामाजिक विकास स्थिति और जनजीवन में बड़ा सुधार आया है और ज्यादा राजगारी मौके भी पैदा हुए हैं । साथ ही चीनी उपक्रम वहां पर स्थानीय सामाजिक दायित्व निभाते हुए कल्याणकारी कार्य में भाग लेते हैं , जिस से चीन व दुनिया के अन्य देशों के पारस्परिक लाभ व समान विकास को बढावा मिला है ।
इंडोनेशिया के सार्वजनिक परियोजना मंत्रालय के उप मंत्री हेरमांटो डार्डाक ने मंच में भाषण देते हुए कहा कि अब इंडोनेशिया में 15 अरब अमरीकी डालर मूल्य वाली राजमार्ग परियोजना का निर्माण करना है , जिस का एक भाग अब निर्माणधीन है , अन्य एक भाग की योजना तैयार की जा रही है , चीन इंडोनेशिया का महत्वपूर्ण साझेदार है , इंडोनेशिया के आधारभूत संस्थापनों के निर्माण में इंडोनेशिया चीन का आभारी है ।
मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इंडोनेशिया सरकार को चीन से सहायता प्राप्त हुई है , इंडोनेशियाई ठेकेदार कम्पनी और चीनी ठेकेदारों ने पुल के निर्माण में सफल सहयोग किया है , इस सराबाया माडुरा पुल ने हमारे दो द्वीपों को जोड़ दिया है । नयी परियोजना की पूरी होने के बाद सरकार ने फिर नये राजमार्ग बनाने की मांग पेश की है । हम चीन के साथ इसी परियोजना में सहयोग करना चाहते हैं ।
प्रथम शिखर मंच चीनी विदेश ठेका परियोजना वाणिज्य संघ ने मई 2010 में आयोजित की थी , इस मंच ने चीनी और अंतर्राष्ट्रीय उपक्रमों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का व्यवसायिक मंच प्रदान किया है , ताकि अंतर्राष्ट्रीय आधारभूत संस्थापनों के निवेश व निर्माण को गति दी जा सके ।