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अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरारा के साथ विशेष साक्षात्कार
2011-05-20 18:13:54

विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप हाल ही में होलैंड के रोटरडाम शहर में समाप्त हुई।चीनी टीम ने लगातार चौथी बार सभी पांच स्वर्ण पदक प्राप्त किये।इस परिणाम के प्रति अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरारा की भावना जटिल थी। उन्होंने चीनी मीडिया के साथ हुए एक साक्षात्कार में बताया कि एक तरफ वे चीनी खिलाडियों के शानदार प्रदर्शन पर खुश थे, दूसरी तरफ उन को गैर चीनी खिलाडियों द्वारा एक भी पदक न जीतने का दुख है।

शरारा ने कहा कि तकनीकी दृष्टि से देखा जाए ,तो चीनी खिलाड़ी सब से श्रेष्ठ हैं ।वे सभी स्वर्ण व रजत पदक प्राप्त करने के योग्य हैं ।मुझे लगता है कि चीनी टेबल टेनिस संघ का लक्ष्य सभी स्वर्ण पदक जीतना है ।चीनी खिलाडियों ने अपना लक्ष्य पूरा कर सफलता पायी ।मैं उन को बधाई देता हूं ।

चीनी टेबल टेनिस के दबदबे के कारणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व में चीनी कोच सब से अच्छे नहीं हैं ,पर बडी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए चीन की व्यवस्था विश्व में सब से अच्छी है ।उन्होंने कहा कि निस्संदेह चीनी कोचों के काम का वातावरण विश्व में सब से अच्छा है ।यूरोपीय कोच अधिक काम करते हैं । वे न सिर्फ खिलाडियों के तकनीकी कोच हैं ,बल्कि मनोवौज्ञानिक कोच ,शारीरिक क्षमता कोच व मैनेजर भी हैं ।वे खिलाडियों की तकनीक की उन्नति में पूरी शक्ति नहीं लगा सकते ।चीन में स्थिति एकदम अलग है ।तकनीकी कोच दिन भर खिलाडियों के साथ रहते हैं ।वे अपने खिलाडियों को समझते हैं और उन का स्तर उन्नत करने में पूरी शक्ति लगाते हैं ।यह यूरोपीय व चीनी कोचों के बीच मुख्य अंतर है ।उन्होंने कहा कि शायद चीनी कोचों का स्तर यूरोपीय समकक्षों से ऊंचा है ,लेकिन उन के काम का वातारण बेहतर है ,जो सब से महत्वपूर्ण बात है ।कुछ यूरोपीय कोचों ने अनेक साल तक काम किया है ,पर वे रचनाशील नहीं हैं ।मेरा सुझाव है कि अधिकाधिक युवा कोच यूरोप में उभरेंगे ।

शरारा का मानना है कि वे कुछ यूरोपीय टेबल टेनिस संघों से असंतुष्ट हैं ,क्योंकि उन्होंने इधर कुछ साल अपने खिलाडियों का स्तर उन्नत करने की पूरी कोशिश नहीं की ।पहले इंग्लैंड ,रूस ,फ्रांस व स्वीडन में टेबल टेनिस का स्तर ऊंचा था ,लेकिन वे समय के साथ आगे नहीं बढे ,जो निराशानजक है ।

अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस मंच पर चीनी टीम का एकाधिकार कैसे समाप्त किया जाए ।इस के प्रति शरारा ने कहा कि सिर्फ सुधार से इस स्थिति में बदलाव आ सकेगा ।उन्होंने कहा कि ऐसा समझना गलत है कि सुधार के जरिए चीनी टीम को कमजोर किया जा सकता है । सुधार से गैर चीनी टीमों को मजबूत करना सही है । लेकिन हम ने कई कदम उठाये ,चीनी टीम का स्थान यथावत रहा ,क्योंकि चीनी टीम का अभ्यास सब से अच्छा है , कोचों की व्यवस्था सब से अच्छी है ,बडी प्रतियोगिताओं की तैयारी सब से अच्छी है ।वर्तमान में अन्य क्षेत्रों की टीमों को चीनी टीम से सीखना चाहिए ।

शरारा ने कहा कि चीनी टीम में खामी भी है ।आस्ट्रिया के खिलाडी श्राग ने वर्ष 2003 विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप में यह साबित किया है । शरारा ने बताया कि वर्ष 2000 सिडनी ऑलंपिक के बाद श्राग ने विश्व चैपंयिनशिप के एकल स्वर्ण पदक के लिए अभियान चलाने का फैसला किया है । दो साल से अधिक लंबे समय तक वे अपने क्लब का वेतन छोड़कर चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे रहे ।अंत में उन्होंने अपना सपना पूरा किया ।

ध्यान रहे यूरोपीय टेबल टेनिस खिलाडियों को क्लबों की प्रतियोगिताओं में अधिकांश समय व शक्ति लगानी पड़ती है ।वे चीनी खिलाडियों जैसे बडी प्रतियोगिताओं की तैयारी नहीं कर सकते । इस के अलावा कुछ यूरोपीय टेबल टेनिस संघों ने चीनी टीम के लंबे समय तक एकाधिकार को देख कर हिम्मत छोड़ दी है ।

शरारा ने कहा कि अब ऐसी स्थिति बदली जानी चाहिए ।चीनी टेबल टेनिस संघ को गैर चीनी खिलाडियों के स्तर की उन्नति के लिए कुछ मदद देनी चाहिए ।

चीनी राजकीय खेल ब्यूरो के उपमहानिदेशक छाइ चेन ह्वा का भी मानना है कि चीनी टीम का एकाधिकार अच्छी बात नहीं है ।चीनी टेबल टेनिस संघ विदेशी खिलाडियों को मदद देने को तैयार है । शरारा व छाइ चेन ह्वा दोनों ने चीनी टेबल टेनिस कोचों से अन्य कोचों के साथ अपने तकनीकी रहस्य साझा करने की अपील की।

अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस मंच पर चीनी टीम का दबदबा कितने साल तक बना रहेगा ।इस के प्रति शरारा ने कहा कि यूरोप और जापान व दक्षिण कोरिया के इने गिने खिलाडी 7 व 8 साल के बाद शायद चीनी पुरुष खिलाडियों को चुनौती दे सकेंगे ।लेकिन चीनी महिला टीम अत्यंत शक्तिशाली है ।उन को चुनौती देने के लिए लंबा समय लगेगा ।

शरारा ने कहा कि ऑलंपिक परिवार में टेबल टेनिस के स्थान पर कोई चिंता नहीं है ,लेकिन चिंताजनक बात यह है कि ऑलंपिक की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में दर्शकों की संख्या कम हो रही है ।इस लिए शरारा ने ऑलंपिक में भाग लेने वाले टेबल टेनिस संघों का विस्तार करने का सुझाव दिया ।उन्होंने कहा कि लंदन ऑलंपिक की एकल इवेंटों में एक संघ के सिर्फ दो-दो पुरुष व महिला खिलाडियों को भाग लेना है ।शरारा ने बताया कि वर्तमान में यह एक गंभीर सवाल है कि कुछ संघ विश्व की चोटी स्तर वाली प्रतियोगिताओं को छोडना चाहते हैं ,क्योंकि उन को पदक जीतने का मौका मौजूद नहीं है ।अगर हम ने प्रतियोगिता का तरीका बदला यानी हर संघ सिर्फ दो खिलाडी ऑलंपिक की किसी एकल इवेंट में भेज सके ,तो मात्र दो चीनी खिलाडियों को हराकर चैंपियनशिप जीतने की संभावना होगी ।इस तरह अन्य टेबल टेनिश संघों की सक्रियता वापस लौटेगी ।

शरारा ने कहा कि हिस्सेदारी को महत्व देना ऑलंपिक का एक सिद्धांत है ।प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडियों की संख्या निश्चित है ,हर संघ के खिलाडियों की संख्या सीमित करने से ऑलंपिक में भाग लेने वाले संघों की संख्या बढेगी ।

लेकिन चीनी कोचों ने शरारा के सुझाव पर आपत्ति जतायी ।उन के विचार में ऑलंपिक का नारा अधिक तेज ,अधिक ऊंचा और अधिक शक्तिशाली है ।ऑलंपिक चोटी स्तर वाले खिलाडियों की स्पर्द्धा का मंच है ।

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