विश्व बैंक द्वारा 17 मई को जारी एक रिपोर्ट में पूर्वानुमान लगाया गया है कि चीन और अन्य 5 नवोदित बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जो आर्थिक वृद्धि बड़ी तेजी से हो रही है,वह साफ तौर पर विकसिक देशों से अधिक है।ऐसे में वर्ष 2025 तक वैश्विक आर्थिक ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा और चीनी मुद्रा—रनमिंगपी अमरीकी डाँलर और यूरो की तरह विश्व में प्रमुख मुद्रा बन जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक चीन,भारत,ब्राजील,इंडोनेशिया,कोरिया गणराज्य और रूस जैसे देशों में आर्थिक वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि के आधे से भी अधिक होगी।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा व्यवस्था में एक ही मुद्रा के नेतृत्वकारी भूमिका अदा करने की स्थिति खत्म होगी,इस की जगह अमरीकी डाँलर,यूरो और रनमिंगपी को केंद्र बनाकर एक बहुमुद्राओं वाली व्यवस्था कायम होगी।
विश्व बैंक का अंदाजा है कि अमरीका,यूरो-क्षेत्र और चीन विश्व में आर्थिक विकास के तीन स्तंभ बनेंगे,जो व्यापार,वित्त और तकनीक विकास के जरिए वैश्कि अर्थतंत्र के विकास को बढावा देंगे।इससे ऐसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा-व्यवस्था कायम होगी,जो अमरीकी डाँलर पर आधारित वर्तमान मुद्रा-व्यवस्था से कहीं मजबूत व स्थिर हो।