दोस्तो , चीनी जन बैंक ने 12 मई को यह फैसला किया है कि आगामी 18 मई 2011 को फिर एक बार नकद आरक्षित अनुपात को 0.5 प्रतिशत बढाया जायेगा । विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम का मकसद सराफा बाजार में जरूरत से अधिक पर्याप्त तरलता वापस लेना और मुद्रास्फीति की संभावना पर कड़ी नजर रखना है , अब चीन में नकद आरक्षित अनुपात में बृद्धि एक सामान्य नियंत्रण माध्यम बन गयी है ।
रिपोर्ट के अनुसार यह चालू वर्ष में चीनी केंद्रीय बैंक ने तीसरी बार नकद आरक्षित अनुपात को बढा दिया है , साथ ही यह गत वर्ष से लेकर अब तक नकद आरक्षित अनुपात में हुई 11 वीं वृ्द्धि भी है । चालू वर्ष में चीनी केंद्रीय बैंक ने हर माह में एक बार नकद आरक्षित अनुपात को बढा दिया है , गत चार माहों में क्रमशः चार बार नकद आरक्षित अनुपात को उन्नत किया जा चुका है । अब चीनी मझौली व बड़ी वित्तीय संस्थाओं में नकद आरक्षित अनुपात 21 प्रतिशत तक पहुंच गया है । अनुमान के अनुसार इस बार की उन्नति के बाद एक ही बार में तीन खरब 70 अरब य्वान से अधिक धन राशि पर जाम लगाया जा सकता है ।
चीनी राष्ट्रीय सांख्यकि ब्यूरो द्वारा 11 मई को जारी आंकड़ों से पता चला है कि गत अप्रैल में सी पी आई में वृद्धि गत वर्ष की समान अवधि से 5.3 प्रतिशत बढ़ गयी और वह गत माह के 5.4 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा बहुत गिर गयी , पर वह फिर भी 5 प्रतिशत के ऊपर पर बनी हुई है । बाजार सूत्रों का अनुमान है कि आगामी काफी लम्बे अर्से में चीनी मालों का सूचकांक 5 प्रतिशत के आसपास बरकरार रहेगा । चीनी प्रथम बैंकिंग आर्थिक शास्त्री छाओ य्वान चंग ने संवाददाता के साथ बातचीत में कहा इस प्रकार का अनिश्चित तत्व फिर भी मौजूद है , ब्याज दर या कंजरव फंड की उन्नति जैसी सिकुड़न नीतियां प्रत्याशित है ।
इस के अलावा विश्लेषकों ने यह भी मान लिया है कि चीनी केंद्रीय बैंक ने तीन वर्षीय सेंट्रैल बैंक बिल जारी करने के साथ साथ कंजरव फंड को बढाने का जो विकल्प किया है , उस से जाहिर है कि केंद्रीय बैंक के विचार में वर्तमान तरलता जरूरत से काफी अधिक गम्भीर है ।
तीन वर्षीय सेंट्रैल बैंक बिल को पांच माहों तक स्थगित किये जाने के बाद इस माह की 12 तारीख को फिर जारी हुआ है । तीन वर्षीय सेंट्रैल बैंक बिल और कंजरव फंड को अमल में लाने से मिलता जुलता फायदा प्राप्त किया जा सकता है , अतः वे इसी संदर्भ में एक दूसरे की जगह ले सकता हैं । पर इन दोनों बड़े मैद्रिक नीतिगत साधनों का साथ साथ प्रयोग किये जाने से साबित है कि चीनी केंद्रीय बैंक जरूरत से अधिक पर्याप्त वर्तमान तरलता पर चिन्तित है ।
इस के अलावा कस्टम महा ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों से जाहिर है कि गत अप्रैल में चीनी व्यापार का अनुकूल संतुलन बाजार के अनुमान से कहीं अधिक हो गया है और वह दस अरब अमरीकी डालर से बढ़कर 11 अरब 43 करोड़ अमरीकी डालर तक पहुंच गय़ा है । अनुकूल संतुलन में वृद्धि से निस्संदेह केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्राओं का अनुपात बढ़ जाय़ेगा , जिस से केंद्रीय बैंक की आधारभूत मुद्राओं के थोक में भी इजाफा होगा । छाओ य्वान चंग ने कहा वर्तमान में अमरीकी डालर के मुकाबले चीनी रन मिन पी का भाव लगभग 6.5 य्वान है , फिर 11 अरब अमरीकी डालर का मूल्य करीब 70 अरब से अधिक य्वान के बराबर है , इस का अर्थ है कि चीनी केंद्रीय बैंक को सराफा बाजार में करीब 70 अरब य्वान को थोक देना होगा । ऐसी स्थिति में आधारभूत मुद्राओं की सप्लाई निश्चय ही जरूरत से अधिक होगी और महंगाई पर कुप्रभाव पड़ेगा । इसलिये कंजरव फंड की उन्नति उक्त कुप्रभाव को मिटाने का एक साधन ही है ।
कंजरव फंड की मौजूदा उन्नति के बाद मझौली व बड़ी बैंकिंग संस्थाओं का नकद आरक्षित अनुपात 21 प्रतिशत के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है , पर केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने हाल ही में कहा कि यदि बाजार के वातावरण में कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा , तो नकद आरक्षित अनुपात की कोई ऊंची सीमा नहीं होगी ।