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निर्देशक लिन ह्वै मिन के नृत्य "आवारा गीत"
2011-05-06 15:14:40
क्या आपने पहले चीनी नृत्य मंडली का प्रदर्शन देखा है?आज मैं चीन के थाईवान के नृत्य निर्देशक लिन ह्वै मिन के नृत्य "आवारा गीत" के बारे में कुछ बताऊंगी।थाईवान के जाने-माने आधुनिक नृत्य मंडली मेघ द्वार के प्रवर्तक के रूप में नृत्य निर्देशक लिन ह्वै मिन ने हमेशा ध्यान आकर्षित किया है।सत्रह साल पहले लिन ह्वै मिन के द्वारा रचे गये नृत्य आवारा गीत से लेकर मेघ द्वार इस नृत्य मंडली में पूर्वी स्वभाव का काल शुरू होता है ।इस नृत्य की वजह से मेघ द्वार के नर्तक और नर्तकियों ने यह काम शुरू किया कि वे रोज़ आसन लगा कर मौन धारण करते हैं।ऐसा विश्व की दूसरी नृत्य मंडलियों में कभी नहीं किया जाता।आवारा गीत 18 देशों के 52(बावन)शहरों में दर्शाया गया है,लेकिन चीन की मुख्यभूमि में उसका प्रदर्शन कभी नहीं हुआ।25 मार्च को पेइचिंग में चीन के राष्ट्रीय नाचघर में मीडिया ने उत्तेजित हो कर कहा कि 1 और 2 अप्रैल को उनका सबसे पसंदीदा नृत्य पेइचिंग में प्रदर्शित होगा।

थाईवान का धान,भारत की कहानी और जोर्जायी लोकगीत आवारा गीत के तीन स्रोत हैं,जिनमें सबसे अहम तत्व है भारत की कहानी।1994 के गर्म मौसम में भारतीय बौद्ध कहानी के अनुसार जर्मन लेखक हर्मन हेसे के द्वारा संपन्न आवारा गीत नामक उपन्यास लिये लिन ह्वै मिन भारत की यात्रा पर गये।भारत में जो उन्होंने देखा व सुना,उससे लिन ह्वै मिन काफ़ी प्रभावित हुए।वहां से वापस आने के बाद उन्होंने सहज रूप से आवारा गीत नृत्य रचा।

उस यात्रा में मैं गंगा नदी गया।उस स्थान पर हिन्दू लोगों को शव जलाकर राख नदी में डालकर बहाते हुए देखा जा सकता है।इसके साथ-साथ गंगा नदी के निम्न भाग में बौद्ध धर्म के अनुयायी स्नान करते हैं और पवित्र जल पीते हैं।इस दृश्य को देखते ही लोग प्रभावित होंगे ।मैं बौद्धगया गया,जहां पर बौद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। एक दिन मैं वहां पर आसन लगाकर मौन बैठा रहा था।धीरे-धीरे जगते समय मुझे माथे पर गर्मी महूसस हुई ।मैंने जान लिया कि धूप लग रही थी।उस समय मेरा दिल शांत हो गया।आवारा गीत नृत्य की जटिल पृष्ठभूमि के बावजूद इसका विषय बहुत सरल है।मैं इस नृत्य से दर्शकों को चैन व शांति भरी भावना दिखाना चाहता हूं।वर्तमान की दुनिया काफ़ी तेज़ चल रही है।लोगों को दो एक घंटे की शांति चाहिये।

आवारा गीत एक विशेष नृत्य है,जिसमें कोई भी कहानी नहीं है।इस नृत्य की लय धीमी है।स्टेज को सजाने की एकमात्र चीज़ है साढ़े तीन टन सुनहरा धान।लिन ह्वै मिन ने हमें बताया वे दक्षिण थाईवान में पले बढ़े हैं।उनके गांव में उनपर जिस चीज का सबसे गहरा प्रभाव पड़ा है, वह है चारों तरफ़ फैले धान के खेत।बचपन में वे धान के खेत में खेलना पसंद करते थे।लेकिन इसके कारण उनके पिता ने अक्सर उन्हें डांटा।उनके पिता ने धान को पवित्र बताया।यह भी उन कारणों में से एक है,जिनसे लिन ह्वै मिन ने कई टन धान मंच पर प्रस्तुत करने का निर्णय लिया.

इस बार हम आवारा गीत की प्रस्तुति कर रहे हैं।वह थोड़ा विशेष है।संक्षेप में नृत्य में बौद्ध की कहानी सुनायी गई है।यह नृत्य जर्मन नोबेल पुस्कार विजेता हेसे के उपन्यास सिद्धार्थ के आधार पर रचा गया है।उस उपन्यास पर आधारित नृत्य का बौद्ध या धर्म से कोई संबंध नहीं है।इस नृत्य में दर्शनशास्त्र का अथ्ययन कर रहे आदमी की कहानी सुनायी गई है।भारतीय संन्यासी का जीवन देखकर मुझे यह कहानी मंच पर दिखाने की प्रेरणा मिली।जर्मन लेखक के द्वारा लिखी भारत की कहानी पर धान से यह नृत्य संपन्न हुआ।कहा जा सकता है कि यह धान का प्रदर्शन है।नर्तक और नर्तकियां धान के बीच नाचते हैं।

मंच पर साढ़े तीन टन धान बेशक सबसे सुंदर दृश्य है।लेकिन बाकी समय धान से मंडली के कलाकार काफ़ी परेशान हैं।पहले गोल आकार वाला धान चुना जाना चाहिये।नहीं तो नर्तकों को चोट लग सकती है ।दूसरा,धानों को धोया भी चाहिए ।नहीं तो नर्तकों को ददोरे पड़ सकते हैं।इसके बाद इन धानों को रंगा जाया जाना चाहिये।ताकि वे सुनहरे रंग में दिख सकें।अंत में इन धानों को उबालकर सुखाया जाता है जिससे धानों के अंकुर न निकलें।इस काम में चार कर्मचारियों के द्वारा, जो एक दिन में आठ घंटों तक काम करते हैं, दो हफ़्ते लगते हैं।इसके अलावा धान के परिवहन का सवाल भी उठा है।मेघ द्वार ने विश्व के कई स्थानों पर भंडार स्थापित किये,जिनमें ये विशेष धान रखे जाते हैं।ताकि आवारा गीत की विश्व में यात्रा की जा सके।सूत्रों के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय नाचघर में प्रस्तुत होने वाले प्रदर्शन के लिये ये धान थाईवान में स्थित भंडार से आये हैं।

प्रदर्शन के बाद ये धान वापिस ले लिए जाते हैं।नृत्य खत्म होने के बाद एक नर्तक झाड़ू लिये मंच पर 25 मिनट तक गोल चक्र बनाता रहा।समाचार न्यूयार्क टाईम्स की टिप्पणी में कहा गया है कि पूरे नृत्य में ये 25 मिनट सबसे बढ़िया भाग हैं।उन्होंने जहां कहीं भी प्रदर्शन किया.वहां दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए ।लिन ह्वै मिन ने माना कि ये 25 मिनट प्रदर्शन का एक हिस्सा हैं।उनकी उम्मीद है कि उन के इस नृत्य से दर्शक शांति महसूस कर सकेंगे।

मेरा विचार है कि नृत्य दिखाने के तरीकों, धान,संगीत तथा चालों से अंत में दर्शकों को शांति महसूस होती है।जैसे वे स्नान कर चुके हैं।

आवार गीत नृत्य में धान मिलने में काफ़ी कठिनाइयां थीं।संगीत चुनने में भी ऐसा ही था।नृत्य बेरोकटोक चला।प्रदर्शन की सूचना का खुलासा भी पहले से ही किया गया।नृत्य प्रस्तुत करने का दिन आ रहा था, लेकिन उचित संगीत नहीं मिल सका।एक दिन लिन ह्वै मिन के एक दोस्त ने उन्हें एक जॉर्जिया लोकगीत का कैसेट दिया,जिसपर लेबल भी नहीं था। ताजगी भरी आवाज़ सुनते ही लिन ह्वै मिन ने नृत्य के लिये उसे चुन लिया।लोकगीत लिन ह्वे मिन से बनाये गये नृत्य के साथ बजता हुआ हरेक भाग में गीत नृत्य से मेल खाता है।कहा जा सकता है कि यह सचमुच भाग्य में लिखा हुआ है।

ये गीत विशेष हैं।इन्हें सुनते ही मैंने इसका इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया।रूसी भाषा में इस गीत का मतलब मेरी समझ में नहीं आया,लेकिन मुझे वह दिलचस्प लगता था।पूरा नृत्य बनाकर मैंने ये गीत और नृत्य एक साथ मिलाये।ऐसाा लग रहा था कि यह गीत विशेष तौर पर मेरे नृत्य के लिये रचा गया है।पूरे संगीत की लंबाई काफ़ी उचित लगती है।बाद में मुझे पता चला कि इस गीत का मेरे नृत्य से कोई संबंध नहीं है।

आवारा गीत के प्रदर्शन से लेकर आज तक 17 साल बीत गये हैं।समाज के वातावरण में भी पड़े परिवर्तन हुए हैं.बहुत नये तत्व इस नृत्य में शामिल किए जा सकते हैं।मगर लिन ह्वै मिन का मानना है कि इन 17 वर्षों में वे सबसे प्रारंभिक स्थिति में वापस जाना चाहते हैं।

अभी तक इस नृत्य में कोई नए तत्व नहीं हैं।इसके विपरीत सुधारे जाने के बाद वह अधिक शुद्ध लग रहा है।वास्तव में हम पहले नृत्य की स्थिति में वापस लौटने की कोशिश कर रहे हैं।वही काम बार बार करने के बाद लोग पहले की तरह ध्यान नहीं रखते।सभी नृत्यों में यह मामला उठता है।अगर इस नृत्य की सच्चाई, ध्यान व स्वतंत्रता नष्ट हो जाए,इसका कोई अर्थ नहीं रहेगा।मैं इसका प्रदर्शन भी नहीं होने दूंगा।

भारत की यात्रा,थाईवान का धान और मध्य-एशिया के लोकगीत से मिलकर लिन ह्वै मिन का सबसे पसंदीदा नृत्य बन गया है।मीडिया के साथ साक्षात्कार के अंत में उन्होंने कहा कि अगर मुझे केवल एक नृत्य रखना हो तो वह आवारा का गीत ही होगा।उम्मीद है कि इस शोर भरी दुनिया में आवारा गीत से लोगों को राहत व शांति मिल सकेगी।

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