सब लोग जानते हैं कि जापान इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का बड़ा उत्पादक देश है।11 मार्च को आये भूकंप का केंद्र मियागी कांटी तथा इवाटे कांटी के नज़दीक था,जहां पर जापानी सेमिकंडक्टर के उत्पादक जमे हुए हैं।भूकंप के बाद वहां पर तोशिबा और पैनासोनिक आदि कई मशहूर इलेक्ट्रोनिकस कंपनियों ने अपने-अपने कारखाना बंद कर दिए।जब इलेक्ट्रोनिक पार्टस का अभाव होता है,डाउनस्ट्रीम इलेक्ट्रोनिक उत्पादों के कारखाने चपेट में आ जाते हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, अल्पावधि में जापान में बने हुए मेमरी चिप और लिक्विड क्रिस्टल डिस्पले(एल.ई.डी.)पैनल संबंधित पार्टस समेत कंपोनैंन्ट की कमी की आशंका है जिससे वैश्विक इलेक्ट्रोनिक उद्योग पर कुप्रभाव पड़ेगा।इसके अलावा भूकंप से क्षतिग्रस्त इलाके में ओटोमोबाइल के स्पैयर पार्ट्स बनाने वाली बड़ी संख्या में उत्पादक फ़ैक्टिरियां एवं दूसरे उद्योगों के अहम कारखाने भी हैं।इससे संबंधित उद्योग भी प्रभावित होंगे।
इस स्थिति देखते हुए जापानी व्यापारी यामानो टेट्सूआकि को बहुत चिंता है।
खासकर पूर्वी-उत्तरी जापान में इलेक्ट्रोनिक्स और गाड़ियों से जुड़े काफ़ी उद्यम स्थित हैं।हाल में ही विशेषकर इलेक्ट्रोनिक उपकरणों और गाड़ियों के कल-पुर्जों से संबंधित उद्योगों पर बड़ी हद तक प्रभाव पड़ रहा है।
जापान में आये भूकंप से इलेक्ट्रोनिक उत्पादों पर पड़ा प्रभाव चीन में भी दिख रहा है।पेइचिंग का चुंग क्वान छुन इलाका डिजिटल और इलेक्ट्रोनिक उत्पादों का केंद्र है।एजेंटो को उत्पादों के खत्म होने की चिंता है,जिस से जापान से आये उच्च कोटि के डिजिटल कैमरों के दामों में महंगाई जारी है।कैमरा एजेंट श्यौ चून ने साक्षात्कार में बताया कि अभी कैमरों के बहुत दुकानदार बड़ी मात्रा में कैमरे खरीद रहे हैं,ताकि कैमरों की आपूर्ति खत्म न हो।
जापानी ब्रांडों के कुछ उत्पादकों पर भूकंप का प्रभाव पड़ रहा है।आपूर्ति की सारी कड़ी टूट गयी है।इन उत्पादों में से सबसे प्रभाव डालने वाला है सिंगल लेंस रिफ़्लेक्स कैमरा।भूकंप की खबर सुनकर हम जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं।वर्तमान में हमारा भंडार एक हफ़्ते में खत्म हो जाएगा।
कैमरों के इन दुकानदारों की चिंता निराधार नहीं है।भूकंप के बाद निकोन और कैनन आदि डिजिटल कैमरा उत्पादकों ने क्षतिग्रस्त अपने कारखानों पर पहुंचे नुकसान की जानकारी जारी की है।सेंडाय,मियागी और टोचिगी स्थित निकोन अधिन शाखा कंपनियों के कारखाने उपकरणों व इमारतों को पहुंचे नुकसान की वजह से बंद किये गये।इसे निश्चित करना थोड़ा सा मुश्किल है कि उत्पादन कब बहाल हो सकेगा।कैनन के पीड़ित क्षेत्र में स्थित दोनों कारखाने सूक्ष्म कल-पूुर्जे तथा रसायन पार्ट्स बनाने में लगे थे।अभी वे भी बंद हैं।
जापान विश्व में मुख्य इलेक्ट्रोनिक कल-पुर्जों का आपूर्तिकार है।डिजिटल कैमरों के अलावा चीन में बने हुए मोबाइल,एल.सी.डी टीवी,कम्पूटर और स्क्रीन के मुख्य पार्ट्स भी जापान से आयात किये जाते हैं।जैसे एल.सी.डी. पैनल बनाने के लिये एल.सी.डी सामग्री,और मोबाइल बनाने के लिये मैक्रोमशीन व सेमिकंडक्टर इत्यादि।इस भूकंप से जापान के सेमिकंडक्टर उद्योग पर व्यापक असर पड़ा है।यातायात और बिजली आदि समस्याओं के कारण अल्पावधि में चीन में इन उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।डाउनस्ट्रीम कारखानों को ज़बरदस्त जापानी उत्पादों के बदलाव की खोज करनी पड़ रही है।
शेन्जचन चीन में इलेक्ट्रोनिक उत्पाद बनाने का केंद्र है।शेन्जचन के इलेक्ट्रोनिक उद्योग पर पड़े प्रभाव की चर्चा में शेन्चन चीन के आर्थिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रोत्साहन संगठन के महासचिव ने बताया
शेन्चन में आई.टी.,इलेक्ट्रोनिकस तथा घरेलू उपकरणों से जुड़े कुछ कारखाने प्रभावित हुए हैं।क्योंकि वे बहुत से मुख्य कल-पुर्जे जापान से आयात करते हैं।अगर उनके ये पार्ट्स उत्तर-पूर्वी जापान स्थित उन कारखानों से आते हैं तो,वे संभवतः प्रभावित हों।
इलेक्ट्रोनिक पार्ट्स उद्योग के सिवाय इस भूकंप से चीन में ओटोमोबाइल आदि उद्योगों पर भी असर पड़ा है। ड्यूश बैंक में ग्रेटर चीन क्षेत्र के व्यवसाय से जुड़े प्रधान अर्थशास्त्री मा चून का मानना है कि चीन के वाहन उद्योग पर भी इस भूकंप का प्रभाव हुआ है।अनुमान के अनुसार वर्तमान में चीन में जापानी ब्राडों वाली गाड़ियों के पार्ट्स की आपूर्ति से अगले कई सप्ताहों तक चीनी कारखानों का काम चलेगा।बाद में अगर इनकी आपूर्ति बहाल नहीं हो सकेगी,कुछ संयुक्त पूंजी वाले गाड़ी उद्यमों के सामने उत्पादन बंद करने की चुनौती खड़ी हो सकती है।जापानी ब्रांडों वाली गाड़ियां चीन के वाहन बाज़ार का 18 प्रतिशत भाग बनता है।शायद इस भूकंप से अल्पावधि में जर्मन और गणराज्य कोरियाई ब्रांडों की बिक्री को एक मौका मिलेगा।
दूसरा उद्योग,जो प्रभावित हुआ है,वह है तेल शोद्धन उद्योग।भूकंप के बाद जापान में 30 प्रतिशत तेल शोद्धन की क्षमता कम हो गयी है,जो पूरे एशिया का 5 प्रतिशत भाग बनता है।इसके अलावा जापान में कच्चे तेल का आयात घटने से कच्चे तेल के भाव में कमी होने की संभावना है।
मा चून के विश्रेषण के अनुसार लोहा-इस्पात उद्योग पर भी कुछ प्रभाव पड़ा है।जापान विश्व में इस्पात का दूसरा बड़ा निर्यातक देश है।जापानी लोहा-इस्पात उद्यमों के उत्पादों में कमी आने तथा इस्पात के दाम में वृद्धि होने से चीनी लोहा-इस्पात उद्यमों को लाभ मिलेगा।जापान में पुनर्निर्माण शुरू किये जाने पर चीन के लोहा-इस्पात की अधिक ज़रूरत पड़ेगी।
चीन और जापान के बीच घनिष्ठ आर्थिक व व्यापारिक संबंध हैं।जापान चीन का सबसे बड़ा आयात स्रोत है,जो चीन में कुल आयात की राशि का 12.6 प्रतिशत भाग बनता है।इसके साथ-साथ जापान चीन में निवेश करने वाले देशों में से एक अहम है।बड़ी संख्या में जापानी पूंजी वाले उद्यम चीन में उत्पादन करने,व्यापार करने और निवेश करने में लगे हैं।इससे नहीं बचा जा सकता कि भूकंप से दोनों देशों के बीच व्यापार व निर्माण उद्योग में किये गए निवेश पर असर पड़ेगा।इस तरह का प्रभाव कम करने के लिये समाधान की चर्चा में चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता याओ च्यैन ने कहा
चीन में जापान से आयातित उत्पादों की आपूर्ति पर्याप्त है,जिससे हाल में सामान्य उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है।चीन में जापानी पूंजी वाले उद्यम उत्पादन की पूर्ति के लिये एवजी के रूप में दूसरे कारखाने ढ़ूंढ़ रहे हैं।हमें उम्मीद है कि जापान की अर्थव्यवस्था जल्द से जल्द बहाल हो सकेगी,ताकि दोनों पक्षों के बीच आर्थिक संबंध भी जल्द ही सामान्य हो सकें।