हुपेई प्रांत चीन के मध्य भाग में स्थित है। चीन का प्रसिद्ध वूयुन चाय बागान इसी प्रांत में स्थित है। यह चीन का ऐसा पहला बाग है जिस के नाम में चाय का शब्द जुड़ा है। वर्ष 2006 में, इसे चीनी कृषि पर्यटन स्थान के रूप में नामांकित किया गया। इस बाग की सैर, वूयुन चाय की चुसकी, प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद और ग्रामीण भोजन का जायका इस पहाड़ पर प्रमुख आकर्षण बन गया है। हाल के सालों में, वूयुन पहाड़ का चाय का बागान काफी प्रसिद्ध हो गया है। हरेक साल यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 लाख से ज्यादा पहुँच जाती है। अमेरिका, जर्मनी, इंगलैंड, जापान आदि देशों के पर्यटक भी इस जगह का लुत्फ उठाने में पीछे नहीं हैं। वे लोग चाय पीने के अलावा चाय की पत्तियों को तोड़ने और चाय बनाने में भी शामिल होते हैं। आज के इस कार्यक्रम में हम आपको वूयुन की सैर करायेंगे।
दोनों तरफ उँचे-उँचे पहाड़ों के बीच बल खाती हुई सड़क पर चलते हुए हमलोगों ने वूयुन पहाड़ पर स्थित चाय के बागान में प्रवेश किया तो पाया कि जैसा हमने सुना था बिल्कुल वैसा ही प्रकृत्ति का सुंदर नजारा हमारे आँखों के सामने है। चारों तरफ उँचे-उँचे पर्वत, पर्वतों पर उँचे-उँचे वृक्ष और उन वृक्षों के बीच में स्थित लाल छत और सफेद दीवारों वाले बंगले तथा उन बंगलों के सामने लाल और हरे पोशाक में सुंदर लड़कियाँ जिनके पीठ पर चाय की टोकरी लदी थी, चाय तोड़ती दिखाई देती थी। आंखों के सामने ऐसा लग रहा था जैसै वर्षों से उन्हीं के इंतजार में हो, जो हटने का नाम नहीं ले रही हो। पहाड़ों के बीचोंबीच एक झील थी जिसमें पेड़ों की परछाइयाँ थी और उसके उपर नीला आकाश उस जगह की सुंदरता में चार चाँद लगा रहा था। प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर और चंचल युवतियों से वूयुन चाय बागान की सुंदरता और बढ़ गई थी।
वूयुन पहाड़ के चाय का स्वाद काफी अच्छा होता है। 18 वीं शताब्दी के छिंग राजवंश के समय एक बार सम्राट छिएन लुंग इस जगह घुमने आए। जब वह वूयुन पहाड़ के एक गाँव में पहुँचे तो प्यास के मारे उनका बुरा हाल हो रहा था। तब एक महिला ने उन्हें अपने घर में बनायी गयी चाय पिलाई। चाय पीने के बाद उन्हें ऐसी ताजगी का एहसास हुआ जो उनके मुंह में देर से बना रही थी। वाह, क्या चाय है। उसी समय से वूयुन पहाड़ की चाय समूचे चीन में प्रसिद्ध हो गयी।
परंतु, चाय के प्रसिद्ध होने से भी वहां के आम लोगों के जनजीवन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा, सदियों से वहां गरीबी बनी रहती थी। यहाँ के गांव के मुखिया चिन जी ने हमें इसका परिचय देते हुए कहा कि वूयुन पहाड़ पहले आज के इस तरह का नहीं था।
हमारा गाँव लगभग 2.3 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह बहुत ही छोटा गाँव है। पूरे गाँव में 6 प्राकृतिक खंड है, जिनमें 263 परिवार रहते हैं। पहले हमारे गाँव की प्रति व्यक्ति आय 200 चीनी युवान से भी ज्यादा नहीं थी।
कहावत है कि जब आदमी तंगी की दशा में पड़ता है तो उसके दिमाग में परिवर्तन लाने का विचार जरूर आता है। हमलोगों ने अपने गाँव के विकास के लिए यहाँ की श्रेष्ठता पहचान ली है। इसलिए अनाज की खेती छोड़कर हमने यहाँ पर चाय की खेती शुरू की है।
इस गाँव में खेती लायक जमीन कम है लेकिन यहाँ पर विश्व प्रसिद्ध वूयुन मंदिर है। इस मंदिर में थांग राजवंश के समय की बुद्ध मूर्ति है। यहाँ पर अक्सर विश्व प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु पूजा के लिए आते हैं। इसी जगह पर सम्राट छिएन लुंग ने भी मंदिर घूमने के दौरान चाय पी थी, जिस के कारण यहां की चाय चीन भर में मशहूर हो गयी है। इसके अलावा यहाँ और भी प्राकृतिक सौंदर्य के कई दर्शनीय स्थल हैं जैसे देव-प्रतिमा की चट्टान, वूयुन पहाड़ पर सुलेखन, बाल स्नान कटोरा इत्यादि। वूयुन पहाड़ी गाँव के लोगों ने इन पर्यटन संसाधनों का उपयोग कर यहाँ पर चाय बागान पर्यटन का विकास किया। इस गाँव के मुखिया चिन जी ने कहाः
हमारा गाँव शहर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों और भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर हमने चाय बागान को पर्यटन उद्योग के रूप में बदल दिया और समृद्धि का रास्ता तय करना शुरू कर दिया।
कांउटी सरकार और संबंधित विभागों की सहायता से गांव की पंचायत कमेटी ने जल्द ही विकास योजना तैयार कर ली और इस तरह से एक बिलकुल नये रूप के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चाय बागान का जन्म हुआ। 20 अप्रैल 1998 को वूयुन पहाड़ी चाय बागान की अधिकारिक तौर पर स्थापना हो गई। वर्ष 2007 में राष्ट्रीय औद्यौगिक और कृषि पर्यटन कमेटी ने वूयुन पहाड़ी चाय बागान को पूरे राष्ट्र के लिए औद्यौगिक और कृषि पर्यटन के मिसाली केंद्र के रूप में घोषित किया। गाँव की पंचायत कमेटी के मुखिया चिन जी ने इसकी चर्चा में कहा कि चाय बागान की स्थापना से ग्रामीण लोगों को रोजगार का एक और नया अवसर मिल गया। अब गाँववासियों की आय में भी बड़ी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाः
गांव में चाय बागान की स्थापना के बाद यहाँ पर चाय उत्पादन और हरित पारिस्थितिकीगत पर्यटन का मिश्रित विकास हुआ। इसलिए यहाँ पर और पूरी काउंटी में पर्यटन सेवा के लिए फार्म हाउस का विकास हुआ। यहाँ पर जब पर्यटन का सीजन अपनी चरम सीमा पर आता है तो उस समय लगभग 36 फार्म हाउस खुले हैं। यहाँ कुल मिलाकर एक साल में लगभग तीन लाख लोग आते हैं, सिर्फ इसी से स्थानीय लोगों की आय में लगभग 6 लाख चीनी युवान की वृद्धि हो गई है।
गांव में सड़कों की दोनों तरफ अलग-अलग विशेषता वाले फार्म हाउस स्थापित हैं। सभी अपने घरों को अलग-अलग रंगों से सजाते हैं। इन्हीं में से एक है ली ह्वी का फार्म हाउस। यह तीन मंजिला बंगला है, मकान के आगे एक छोटा तालाब है और इसके पीछे विशाल चाय का बाग है। ली ह्वी पहले शांगहाई में काम करते थे। उनकी मासिक आय लगभग तीन हजार युवान थी। जब उन्होंने सुना कि गांव में चाय बाग पर्यटन का विकास हो रहा है तो वे यहां वापस आकर अपना फार्म हाउस खोला। जब हम उनके घर पहुँचे तो वे खाना बना रहे थे।
जो भी हो, बाहर में कितना भी आराम क्यों न हो, लेकिन फिर भी घर ही सबसे बड़ा स्नेह व सुकून देता है। यहाँ पर प्रतिदिन मैं बहुत सारे पर्यटकों को आते देखती हूँ। शनिवार और रविवार को भीड़ सबसे ज्यादा होती है। इसलिए मैने भी यहाँ एक फार्महाउस खोल दिया।
ली ह्वी के फार्महाउस में खाना खाने की एक विशेषता यह है कि यहाँ पर पर्यटकों के लिए प्रदूषण से अछूती शुद्ध हरी चाय उपलब्ध है। ली ह्वी ने इसका परिचय देते हुए कहाः
मेरे घर के पीछे लगभग दो तीन एकड़ में चाय का बागान है। चाय तोड़ने के बाद हमलोग इस नहीं बेचते हैं, बल्कि खुद इस्तेमाल करते हैं। खेती में हमलोग किसी प्रकार के उर्वरक का उपयोग नहीं करते हैं। इसलिए हमारा चाय बिल्कुल शुद्ध होती है। इसे हमलोग अपने अतिथियों को पिलाते हैं।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता, शुद्ध भोजन, लोगों के असीम प्यार ने अपने प्रांत के अलावा दूसरे प्रांतों तथा देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया है। पर्यटक यहाँ पर चाय का बागान देखने और चाय पीने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
चीन के वु हान शहर से आए एक दंपती ने हमें बतायाः
हमलोग अवकाश के समय यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आए हैं। यहाँ के चाय के बागान में आने पर वातावरण में अलग प्रकार की खुशबू महसूस होती है। ऐसा लगता है जैसे बिलकुल तरोताजा आक्सीजन देने वाले वन में आए हों। लोगों को असीम आनंद की अनुभूती होती है। यह जगह वास्तव में बहुत सुंदर और सेहतमंद है।
चाय का उत्पादन और हरित पर्यटन दोनों एक साथ विकास कर रहे हैं। गांव के मुखिया चिन जी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि वूयुन पहाड़ी गाँव का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।