भारत के सबसे लोकप्रिय व प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू सत्य साईं बाबा की रविवार 24 अप्रैल को उनके गृह नगर पुट्टूपार्थी में एक अस्पताल में मौत हो गई, वे 85 वर्ष के थे।
साईं बाबा का पार्थिव शरीर पुट्टूपार्थी के साईं कुलवंत हाल में दो दिन तक रखा जाएगा। रविवार शाम को बाबा के अंतिम दर्शन करने के लिए इंतजाम किया गया। हज़ारों की तादाद में उनके अनुयायी पुट्टीपार्थी में एकत्र हुए थे।
आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री गीता रेड्डी ने कहा कि साईं बाबा के शरीर को वुधवार को पुट्टूपार्थी में दफनाया जाएगा।
बाबा का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि साईं बाबा पर इलाज असर नहीं कर रहा था। उन्हें शनिवार शाम तक श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट
ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज़ में हर्मो डायलिसिस पर रखा गया था और सांस लेने में मदद दी जा रही थी।
उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के किरण कुमार रेड्डी ने बाबा को श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए पुट्टूपार्थी रवाना हो गए।
गौरतलब है कि साईं बाबा को हृदय व फेफड़ों में परेशानी के चलते गत् 28 मार्च को सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक बाबा के तमाम अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
सत्य साईं बाबा का जन्म 1926 में आंध्र प्रदेश के पुट्टूपार्थी गांव के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका नाम सत्य नारायण रखा गया। बचपन में वे काफी बुद्धिमान थे और सांसारिक चीज़ों की तरफ कोई भी रुचि नहीं दिखाते थे। केवल 14 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने घोषणा की कि वे शिरढ़ी के साईं बाबा का अवतार हैं।
अनिल