चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय, स्छ्वान प्रांत की सरकार व भारत में चीनी दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "चीन का अनुभव" स्छ्वान सप्ताह कार्यक्रम 25 से 30 अप्रैल तक भारत की राजधानी दिल्ली में होगा। यह कार्यक्रम पिछले साल दिसंबर में चीनी प्रधानमंत्री वन च्यापाओ की भारत यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ संयुक्त रूप से घोषित 2011 चीन-भारत आदान-प्रदान वर्ष के सिलसिलेवार कार्यक्रमों में पहला है। भारत में तमाम लोग इसकी व्यापक प्रतीक्षा व स्वागत करने को तैयार हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी एस थंगल ने कहा कि सिलसिलेवार अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चीन व भारत का समान रुख है। अधिक गैर-सरकारी मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान गतिविधियों के आयोजन से दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत के जेएनयू के चीनी विभाग के पीएचडी रावी सोशन ने हमारे संवाददाता को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले दिसंबर में चीनी प्रधानमंत्री वन च्यापाओ ने भारत की सफल यात्रा की। दोनों देशों के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान में तेजी आ रही है। इस मौके पर स्छ्वान सप्ताह के आयोजन से भारत व चीन दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ व मैत्रीपूर्ण भावनाएं करीब आएंगी और भारत-चीन संबंधों को सांस्कृतिक व गैर सरकारी आदान-प्रदान गतिविधियों से बढ़ावा मिलेगा।
सीआरआई के श्रोता, दिल्ली में पत्रकार कला में काम कर रहे ए अमीर ने हमारे संवाददाता को बताया कि भारत-चीन मैत्रीपूर्ण संबंधों में चीनी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बाद से काफी सुधार आया है। चीन-भारत मैत्रीपूर्ण वर्ष के बाद फिर चीन-भारत आदान-प्रदान वर्ष का आयोजन करना एक बहुत महत्वपूर्ण व आवश्यक तरीका है, क्योंकि इससे दोनों देशों के लोगों की आपसी समझ मजबूत करने के और अधिक अवसर मिलेंगे। साथ ही द्विपक्षीय सहयोग को अधिक बढ़ावा मिलेगा।
स्छ्वान पश्चिम चीन में पहला बड़ा आर्थिक प्रांत है और भारत से करीब है। भारत स्छ्वान का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदारी और चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बन गया है। "चीन का अनुभव" स्छ्वान सप्ताह के दौरान स्छ्वान के गवर्नर च्यांग च्यूफंग प्रतिनिधिमंडल भारत भी जाएंगे। इन गतिविधियों में व्यापार वार्ता, पर्यटन का परिचय, फोटो प्रदर्शनी, साहित्य व कला का प्रदर्शन आदि शामिल हैं, जिससे भारत में विभिन्न जगतों को चीन के स्छ्वान प्रांत के आर्थिक व सांस्कृतिक विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
(नीलम)