इस साल चीन की 12वीं पंचवर्षीय योजना तैयार करने का पहला साल है। चीन में आर्थिक विकास के तरीके में तेजी से बदलाव लाने की पृष्ठभूमि में चीन में विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों, विशेषकर युरोपीय, अमरीकी व जापानी उपक्रमों तथा पश्चिमी देशों के आर्थिक जगतों ने चीन में विदेशी पूंजी का आयात करने की नीति में रद्दोबदल करने पर व्यापक ध्यान दिया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना तैयार करने के दौरान चीन में पूंजी निवेश करने वाले उपक्रमों के द्वारा पूंजी लगाने व संचालन वातावरण में क्या-क्या बदलाव आएगा?विदेशी पूंजी वाले उपक्रम अपने अपनी पूंजी लगाने व संचालन के तरीके को कैसे दुबारा परखते हैं?इस साल चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के वार्षिक पूर्णाधिवेशन के दौरान अनेक प्रतिनिधियों ने इस बारे में अपने-अपने विचार प्रकट किए।
सुधार व खुलेपन की नीति अपनाने की शुरूआत में चीन ने कम लागत में श्रमिक शक्ति लगाने की श्रेष्ठता के जरिए बाजार में विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों को अतिरिक्त सुविधाएं दीं । इस के प्रति चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय विकास बैंक के उपाध्यक्ष ल्यू ख कू का विचार है कि उस समय चीन द्वारा विदेशी पूंजी का उपयोग करने में उदार नीति लागू करने की ऐतिहासिक आवश्यकता थी।
श्री ल्यू ख कू का कहना है कि विकासशील देशों के पास विकास के प्रारंभिक चरण में अपनी खुद की पूंजी अपर्याप्त होती है। विदेशी पूंजी को आकर्षित करना और समुन्नत प्रबंधन के तरीके से, तकनीक का आयात करना जरूरी है। वर्ष 1978 में सुधार व खुलेपन की नीति लागू करने के बाद चीन इस ऐतिहासिक अवधि से गुजर रहा है। यह ऐतिहासीक अवधि चीन के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 20 खरब अमरीकी डालर से भी अधिक है। पिछले साल चीन ने पहली बार एक खरब अमरीकी डालर की विदेशी पूंजी का उपयोग किया था।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के विदेशी पूंजी विभाग की उपाध्यक्षा सुश्री छान फांग ली ने इस का परिचय देते हुए कहा कि वर्ष 2010 तक चीन ने लगातार 19 साल विकासशील देशों में सबसे ज्यादा विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित किया है, जिससे वैश्विक पूंजी निवेश ढांचे में चीन का स्थान मजबूत हुआ है।
अब चीन में पूंजी निवेश व उपभोग के बीच असंतुलन होने, प्रौद्योगिकी अभिनव की क्षमता कमजोर होने, व्यवसायिक ढांचा गैर युक्तिसंगत होने की स्थिति मौजूद है। इसलिए आर्थिक विकास के तरीके को तेजी से बदलने की जरूरत है। विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के ढांचे को सुधारना तथा इस की गुणवता उन्नत करना वर्तमान में चीन में विदेशी पूंजी निवेश करने का महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस के प्रति चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के हांगकांग, मकाओ व थाईवान के प्रवासी चीनी मामले आयोग के उपाध्यक्ष शी शांग फेंग ने कहा कि चीन को देश में विदेशी पूंजी लगाने की रूपरेखा का सृजन करना चाहिए और विदेशी पूंजी निवेश का उपयोग करने के क्षेत्रों में रद्दोबदल करना चाहिए।
श्री शी शांग फेंग ने कहा कि चीन का विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादा है। अब चीन को उच्च विज्ञान व तकनीक व बिना प्रदूषण हरित उद्योग का आयात करना चाहिए, जैसाकि मिश्रित अर्धचालक, जटिल मशीन निर्माण और चौथी पीढ़ी के चिप आदि।
चीन के पूंजी निवेश वातावरण में बदलाव इस साल चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा व चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के वार्षिक पूर्णाधिवेशन में चर्चित सवालों में से एक रहा है। पिछले साल विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों को चीन में जो अतिरिक्त सुविधाएं दी गई थीं,वह नीति बदल दी गई है। चीनी मुद्रा रन मिन बी के बढ़ने व मुद्रा स्फीति के दबाव से विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों की संचालन- लागत बढ रही है। जापान प्रसारण एसोसिएशन के चीनी ब्यूरो के संवाददाता ने इस सवाल पर जापानी आर्थिक जगत के जाने-माने व्यक्तियों की चिंता का परिचिय दिया।
उन्होंने कहा कि इस से पहले जापान के उपक्रमों को इस बात की कुछ सूचनाएं मिलीं थीं और उन्होंने कुछ मनोवैज्ञानिक तैयारी की है। लेकिन विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों के प्रति लागू उदार नीति धीरे-धीरे कम होगी या नहीं?यह उन की चिंता का सवाल है।
पिछले साले अप्रेल में चीन ने विदेशी पूंजी निवेश के उपयोग का कार्य अच्छी तरह करने के कुछ विचार सार्वजनिक किए। वर्तमान में व भविष्य में चीन में विदेशी पूंजी निवेश के उपयोग के लिए यह एक निर्देशक दस्तावेज है। इस दस्तावेज के अनुसार उच्च स्तरीय निर्माण उद्योग, उच्च व नवीन तकनीकी उद्योग, आधुनिक सेवा उद्योग और नई ऊर्जा, ऊर्जा किफायत व वातावरण संरक्षण उद्योग में विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित किया जाएगा।
इस साल मार्च में चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने विदेशी पूंजी वाले उपक्रम द्वारा देश में उपक्रम का विलय किए जाने की सुरक्षा जांच व्यवस्था के बारे में अस्थाई नियम सार्वजनिक किए। कुछ विदेश पूंजी वाले उपक्रमों की चिंता है कि ऐसा करना चीन की खुलेपन की नीति पर प्रभाव डालेगा। चीनी वाणिज्य मंत्री छेन द मिंग ने कहा कि ऐसा करने का मतलब यह नहीं है कि चीन की खुलेपन की नीति में बदलाव आएगा, बल्कि विदेशी पूंजी निवेश बढने में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा का संरक्षण किया जाएगा।
श्री छेन द मिंग का कहना है कि हम दुनिया के विभिन्न देशों में व्यापक रूप से की गई विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों की विलय कार्यवाहियों की सुरक्षा जांच कर रहे हैं। ऐसा करना विदेशी पूंजी निवेश बढाने, चीन के उद्योग के सुधार में और ज्यादा उपक्रमों को भाग लेने के लिए उन का स्वागत करने के दौरान देश की सुरक्षा का संरक्षण करना है।
चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के प्रतिनिधि, चीनी पूंजी निवेश कंपनी के उप महाप्रबंधक वांग चिएन शी ने चीन में लागू की गई विदेशी पूंजी निवेश के उपयोग करने की नीतियों व कदमों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इन नीतियों व कदमों से यह जाहिर है कि चीन अंतर्राष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय पूंजी निवेष के मानदंड से जुड़ा हुआ है और चीन में पूंजी निवेश का वातावरण अधिकाधिक पारदर्शी, खुला, और स्थिर है।
16 मार्च को जारी राष्ट्रीय आर्थिक व सामाजिक विकास की 12वीं पंचवर्षीय परियोजना के कार्यक्रम में विदेशी पूंजी के उपयोग का स्तर उन्नत करने से संबंधित विषय में यह शामिल है कि आधुनिक कृषि, उच्च व नवीन तकनीक, उच्च स्तरीय निर्माण उद्योग, ऊर्जा किफायत व वातावरण संरक्षण, नई ऊर्जा व आधुनिक सेवा उद्योग आदि क्षेत्रों में विदेशी पूंजी निवेश को आकर्षित किया जाएगा, विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों को चीन में अनुसंधान केंद्रों की स्थापना करने में भी प्रोत्साहित किया जाएगा, समुन्नत अंतर्राष्ट्रीय प्रबंध धारणा, व्यवस्था अनुभव से सीखा जाएगा, वैश्विक सृजन संस्था में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा, निवेशकों के कानूनी अधिकार व हितों का संरक्षण किया जाएगा और विदेशी पूंजी वाले उपक्रमों की विलय कार्यवाहियों की सुरक्षा जांच की जाएगी।
चीन सरकार की योजना के अनुसार 12वीं पंचवर्षीय परियोजना के दौरान चीन खुलेपन व विदेशी पूंजी निवेश के उपयोग के स्तर को उन्नत करेगा। अगले पांच साल में विदेशी पूंजी के उपयोग की नीति के बारे में, चीनी प्रधानमंत्री वन चा पाओ ने इस साल की सरकारी कार्य रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया था।
उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी का सक्रिय व कारगर रूप से उपयोग करने की नीति बनाई जाएगी, समुन्नत तकनीक, सुयोग्य व्यक्ति व बौद्धिक संसाधनों का आयात किया जाएगा, चीन में अनुसंधान केंद्रों की स्थापना के लिए बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा, विदेशी पूंजी के उपयोग की कुल स्थिति व बहुमुखी लाभ को आगे बढाया जाएगा।
लोकमत का मानना है कि 12वीं पंजवर्षीय परियोजना तैयार करने के दौरान चीन में पूंजी निवेश करने वाले विदेशी उपक्रमों को और ज्यादा सुअवसर मिलेंगे।