हे पेइ प्रांत की वन अन कांटी स्थित अन ली ट्वन गांव में हांग शन नामक ओकेस्ट्रा का एक कन्सर्ट महल है।हरेक उत्सव के मौके पर यह कन्सर्ट महल संगीत सुनने आने वाले ग्रामीण लोगों से भरा होता है।यहां तक कि कन्सर्ट महल के बाहर गलियारे में भी प्रदर्शकों की भीड़ रहती है।मंच पर होंग शन ओकेस्ट्रा के सभी सदस्य सजे-धजे सूट पहने हुए चमकते सैक्सफ़ोन, ट्रंपिट और ट्रांबोन आदि पश्चिमी वाद्य-यंत्रों को बजाते हैं।
नये युग में बढ़ना,मेरी मातृभूमि, उत्तरी चीन का वसंत आदि सुरीले गीत एक के बाद एक महल में गूंज उठते हैं।बीच-बीच में दर्शकों की तालियां बजने की आवाज़ सुनाई देती है।
गांववासी ल्यू शिन ह्वा ने उत्तेजना से बताया कि
उनका प्रदर्शन मुझे बहुत अच्छा लगता है।हमारे ग्रामीण लोगों के सामने इस तरह के कुलीन वर्ग के वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन करना एक बहुत अच्छी बात है।इससे गांववासियों की कलात्मक गुणवत्ता बढ़ाने के लिये काफ़ी मदद मिली है।प्रदर्शन के बाद तालियों व वाहवाही की गड़गड़ाहट गूंज उठती है।सभी लोग बड़े खुश हैं।
उत्सव के दिनों में होंग शन ओकेस्ट्रा के बढ़िया प्रदर्शन गांववासियों के लिए बहुत आन्नददायी होते हैं।गत वसंत त्योहार के दौरान उन्होंने गांववासियों के लिए तीन कन्सर्ट प्रस्तुत किये। किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन देखते हुए स्थानीय लोगों ने बहुत मज़े के साथ वसंत त्योहार मनाया।
गावंवासी मा यिन फ़न के शब्दों में
इन का संगीत सुनकर मैं कला का आकर्षण महसूस करती हूं।ये सचमूच दूसरे प्रकार के गीत-संगीत से अलग है।
अन ली ट्वन नंबर चार गांव के ग्रामीण लोग अपने घरों के सामने ही ओकेस्ट्रा का शानदार प्रदर्शन देख सकते हैं।शायद आप इसकी कल्पना नहीं कर सकते कि जो प्रदर्शन प्रस्तुत करते हैं,वे लोग इस गांव के रहने वाले लोग,किसान ही हैं।गत समय लोगों के दिमाग में सब किसानों की छवि पिछड़ी दिखाई पड़ती थी।अब ग्रामीण लोगों ने अनोखे पश्चिमी क्लासिक संगीत के साथ-साथ उच्च कोटी का कन्सर्ट महल भी निर्मित किया है।
होंगशन ओकेस्ट्रा के प्रमुख तू क्वो ह्वा ने हमें बताया
बचपन से ही मैं संगीत पसंद करने लगा था।मेरे दिमाग में यह सवाल हमेशा गूंजता रहा है कि किस प्रकार का ओकेस्ट्रा किसानों को मोहित कर सकता है ?टीवी पर ओकेस्ट्रा का प्रदर्शन देखकर मुझे पश्चिमी वाद्य यंत्र पसंद आने लगे।इसके बाद मैंने दृढ़ता से इस ओकेस्ट्रा को बनाने का फ़ैसला किया।
तू क्वो ह्वा अन ली ट्वन नंबर चार गांव के एक साधारण किसान हैं।वे 63 वर्ष के है।बचपन से वे गीत-संगीत को प्यार करने लगे थे।वर्ष 1995 में सरकार के प्रोत्साहन के तहत उन्होंने गांव में लकड़ी मिल खोली ।अपने ईमानदार संचालन तथा वैज्ञानिक प्रबंधन के ज़रिये इस मिल के लाभांश की वृद्धि के साथ साथ उनके घर का जीवन स्तर भी बढ़ा।वित्तीय स्थिति में सुधार आने के साथ संगीत के प्रति तू क्वो ह्वा की जिज्ञासा भी ज़्यादा मज़बूत होने लगी।दिन ब दिन अमीर होने वाले किसानों को नये प्रकार का मनोरंजन देने के बारे में उन्होंने बहुत सोच-विचार किया।धीरे-धीरे एक ओकेस्ट्रा गठित करने का विचार उनके दिमाग में आया।
मुझे संगीत के अलावा कोई शौक नहीं है।इसीलिये मैंने बचाये गये पैसे इस ओकेस्ट्रा के गठन में लगाये हैं।
फ़ैसला करने के बाद वे एक वाद्ययंत्र खरीदने लगे।प्रत्येक वाद्य-यंत्र खरीदकर उन्होंने पुस्तकों से उन्हें बजाने का तरीका सीखा।कभी-कभी संगीत की किताब खरीदने के लिये वे 100 से अधिक किलोमीटर की दूरी स्थित पेइचिंग और थ्यैन चिन जाकर एक पुस्तक दुकान से दूसरी दुकान तक दौड़ने को तैयार रहे। बजाने के जो तरीके उन्हें किताबों में नहीं मिले, वे अध्यापकों से पूछने गये।50 से अधिक वर्ष के तू क्वो ह्वा फिर एक बार एक छात्र बन गये।
पहला वाद्य-यंत्र खरीदकर मैंने पुस्तक के मुताबिक बजाना सीखा।एक दो संगीत सुनने के बाद मैंने संगीत शिक्षक के यहां कई महीनों तक सीखा।हर हफ़्ते बजाना सीखने में एक घंटा लगा।इस तरह कुछ महीने बीत गये।मैंने दिन-रात बजाने का अभ्यास किया, और मेरे होंठ भी फट गए।मैं अक्सर आधी रात तक वाद्य-यंत्र नहीं छोड़ता था।
कड़ी मेहनत रंग लाती है।तू क्वो ह्वा ने कदम ब कदम क्लेरनेट, सैक्साफ़ोन, ट्रांबोन, इलेक्ट्रिक पियानो, ड्रम सेट, आदि 30 से अधिक वाद्य-यंत्र खरीदकर बजाने का तरीका सीखा।इसके बाद गांव में जो कोई भी संगीत जानता, उन्होंने उस से मिलने की कोशिश की और अपने ओकेस्ट्रा में शामिल करने की कोशिश की।उन्होंने उन किसानों को अपने पसंदीदा वाद्य-यंत्र चुनने दिए और फिर उन्हें बजाने का तरीका सिखाया.2007 के अक्तूबर में तू क्वो ह्वा के ओकेस्ट्रा में 28 सदस्य शामिल हुए और होंग शन ओकेस्ट्रा औपचारिक रूप से स्थापित हुआ।
चाहे कितनी भी शक्ति लगी है, मेरा सपना आखिरकार साकार हो गया है।मुझे बहुत खुशी है।
ओकेस्ट्रा की स्थापना हुई है।मगर धुन ठीक से बजाना थोड़ा सा मुश्किल है, खास कर पहले दिन हाथों में कुदालियां व खुरपे लिये हुए खेती का काम करने वाले किसानों के लिये यब बहुत कठिन था।जब ओकेस्ट्रा के सदस्यों ने पहली बार ये वाद्य-यंत्र देखे,वाद्य-यंत्रों के बारे में तू क्वो ह्वा समेत सभी लोगों को कोई जानकारी नहीं थी।अभी तक फिर भी कुछ लोग नंबरेड म्युजिको नोटेशन नहीं जानते। संगीत बजाने का एकमात्र तरीका है एक दूसरे के साथ अभ्यास करना और रटने में कोई कसर न छोडना।ओकेस्ट्रा की स्थापना से लेकर वे हर हफ़्ते जमकर अभ्यास करने में दिन रात लगाते हैं।दिन में व्यस्तता के बावजूद अभ्यास के समय सदस्य एक मिनट का भी विलंब नहीं करते।हर बार के अभ्यास में दो-तीन घंटे लगते हैं।
औपचारिक प्रदर्शन से पहले हमें अभ्यास करते एक साल बीत गया।मैंने इंटरनेट से स्कोर, ओडियो और वीडियो डाउनलोड किये।सबसे पहले यह कठिन व परेशानी का काम लगा था।
ल्यू ज़ो मिन इस ओकेस्ट्रा के कंड्क्टर हैं, जो ओकेस्ट्रा में गीत-संगीत सबसे अच्छी तरह जानते हैं।इसलिये वे दूसरे सदस्यों के अध्यापक बन गये हैं।जब वे एक नया संगीत सीखना चाहते हैं, वे तू क्वो ह्वा के साथ स्टाफ़ बढ़कर एक एक भाग में लोगों को सिखाते हैं।एक धुन अच्छी तरह बजाने के लिये वे पूरी कोशिश करते हैं।
मैं अक्सर टीवी पर संगीत चैनल देखकर प्रदर्शन का अनुभव सीखता हूं।जब हमें बाहर प्रदर्शन करने का मौका मिलता है,हम शूटिंग के लिये डिजिटल कैमरा रखते हैं।वापस आने के बाद हम वीडियो देखते हैं और प्रदर्शन की खराबी ढ़ूंढ़कर ठीक करते हैं।इस तरह से हमारे बजाने का कौशल सुधरता है।
अब यह करेलनेट का सोलो हम सुन रहे हैं, वह ल्यू यूए चिन के द्वारा बजाया गया है।ओकेस्ट्रा में भाग लेने के पूर्व उन्होंने करेलनेट का नाम भी नहीं सुना था।आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते कि वे एक अंधा व्यक्ति है। न देख पाने के कारण नया संगीत सीखने के लिये उन्हें दूसरे लोगों से दसेक गुना कठिन लगता है।
सबसे पहले मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं थी।उन्होंने मुझे सिखाया।मैंने ध्यान से अभ्यास किया।संक्षेप में मैं रटने में कोई कसर नहीं छोड़ता।
एक साल की शिक्षा व अभ्यास के बाद ओकेस्ट्रा के सदस्य 40 से ज़्यादा धुनें बजा सकते हैं।साथ ही उन्होंने सोलो और समान स्वर में बजाने का अभ्यास भी किया है।2008 से लेकर ओकेस्ट्रा अपने गांव के लोगों को प्रदर्शन देने लगा।पहले प्रदर्शन से उनके पर्फ़ार्मनस के नये रूप ने लोगों को आकर्षित किया।
प्रदर्शकों को हमारे प्रदर्शन अच्छा लगते हैं,क्योंकि उन्होंने पहले सिर्फ़ टीवी पर इस किस्म के प्रोग्राम देखे हैं।मौके पर ही प्रदर्शन देखना उनके लिये एक नया अनुभव है।
वर्तमान तक उन्होंने दसेक प्रस्तुतियां कीं।उनके प्रदर्शकों की संख्या दर्जनों हज़ार तक पहुंची है।इसके अलावा,उन्होंने प्रांत व कांउटी में आयोजित गतिविधियों में भी हिस्सा लिया और उन्हें दर्शकों की अच्छी प्रक्रिया मिली है।
मध्य-शरद उत्सव,वसंत त्योहार, पूर्ण काउंटी के गींत मेले आदि मौके पर हमने प्रस्तुतियां की।मध्य-शरद उत्सव का प्रदर्शन सबसे उत्साहपूर्ण लगा।उस दिन हज़ारों लोग हमारा प्रदर्शन देशने आये।
ओकेस्ट्रा के लिये प्रदर्शन प्रस्तुत करने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर मिल रहे हैं।तू क्वो ह्वा ने 3 अरब य्वान खर्च करके एक उच्च स्तरीय कन्सर्ट महल बनवाया,जिसमें 200 से अधिक दर्शकों के बैठने की जगह है।इस के बाद लोगों को संगीत सुनने के लिये एक बेहतर तथा स्थायी स्थल मिल गया है।
मधुर संगीत से होंग शन ओकेस्ट्रा के सदस्यों के दिल खुशी से गूंज उठते हैं।जैसे उन्होंने बताया,अधिक से अधिक अभ्यस्त व अनुभव के प्रदर्शन के माध्यम से न सिर्फ़ उन्हें खुशी मिलती है,बल्कि गांववासियों के जीवन में भी खुशी के पल आए हैं।