ब्राजिल, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने 14 अप्रैल को चीन के हाइनान प्रांत के सानया शहर में तीसरी शिखर वार्ता आयोजित की। इधर के दिनों में विदेशी मीडिया ने इस की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस वार्ता से ब्रिक्स देशों के बीच एकता, सहयोग व्यवस्था का विस्तार व बढ़ता प्रभाव प्रदर्शित हुआ है। अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मामलों के निपटारे में अमेरिका आदि पश्चिमी देशों के एकाधिकारी स्थान के लिए यह एक नयी चुनौती है।
ब्राजील के साओ पाउलो अखबार की 16 अप्रैल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में समाप्त हुई ब्रिक्स देशों की वार्ता से यह स्पष्ट है कि सामंजस्य और वैज्ञानिक विकास की अवधारणा सारी दुनिया में फैल रही है।
अमेरिकी वैश्विक दैनिक समाचार ने 15 अप्रैल को कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन से विश्व का संतुलित विकास बढ़ गया है। उसका प्रभाव दुनिया में फैल रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच में विकासशील देशों का स्थान उन्नत होगा।
कनाडा के ग्लोबल एंड मेल अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों को अर्थतंत्र क्षेत्र में सफलता प्राप्त हुई है। पिछले कई सालों में ब्रिक्स देशों ने विकास की उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कीं है। गत वर्ष में चीन जापान को पार कर विश्व में दूसरा बड़ा आर्थिक समुदाय बन गया।
फ्रांस के द इकोस अखबार ने कहा कि ब्रिक्स देशों का समान विचार है कि बहुस्तरीय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था की स्थापना की जरूरत है और उन्होंने वित्तीय निवेश पर प्रतिबंध लगाने और स्थिर मुद्रा रिजर्व व्यवस्था स्थापित करने की अपील की।
रूसीयस्काया गाजेटा अखबार ने कहा कि ब्रिक्स देशों के सहयोग का विस्तार हो रहा है। पहले ब्रिक्स देशों की शिखर वार्ता में मुख्य रूप से आर्थिक सवाल पर विचार-विमर्श किया जाता था। लेकिन वर्तमान में उस की प्राथमिकता अंतरराष्ट्रीय हॉट राजनीतिक मुद्दों पर दी गयी है। (मीनू)