आंकड़ों के अनुसार हालांकि खाद्य दाम सूचकांक थोडा सा कम हुआ, लेकिन ईंधन व निर्माण उद्योग में काम आने वाली वस्तुओं के दामों के बढ़ने से मुद्रा स्फीति की पूरी स्थिति बिगड़ गई है। भारतीय योजना समिति के उपाध्यक्ष मोन्टेक सिंह ने कहा कि 8.98 प्रतिशत की मुद्रा स्फीति दर से जाहिर है कि आर्थिक प्रबंधन व नियंत्रण के लिए सरकार के अनेक कदम अपनी वांछित भूमिका अदा नहीं कर पाए हैं।मुद्रा स्फीति का सवाल अब भी भारतीय अर्थतंत्र में प्रमुख सवाल है।
उच्च मुद्रा स्फीति दर के कारण भारतीय आर्थिक जगत ने अनुमान लगाया है कि भारतीय केंद्रीय बैंक आगामी मई में फिर से ब्याज चढ़ाएगा।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष संगठन ने हाल ही में भारतीय आर्थिक विकास-दर को 8.4 प्रतिशत से कम करके 8.2 प्रतिशत किया है।