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क्वांग सी च्वांग स्वायत्त प्रदेश की लोक कला का नया विकास
2011-04-15 15:00:34
दक्षिण चीन के क्वांग सी च्वांग स्वायत्त प्रदेश के छुंग च्यो शहर के फू सुए कस्बे में कुछ किसानों ने वर्ष 2004 से अपने आप बनाए लोक कला कार्यक्रमों से लेकर किसानों के घरों, शहरों व स्कूलों में लोक कला का प्रचार-प्रसार करना शुरू किया। उन लोगों ने एक विशेष कला मंडल की स्थापना की और उन के प्रयास के जरिए फू सुए कस्बे की शान यू बस्ती में लुप्त हो चुके छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक का पुन︰जन्म हो रहा है।

छांग छुन नियु दक्षिण क्वांग सी प्रांत स्थित गांवों में एक लोकनृत्य है जिसका विषय किसानों के जीवन, भावना व खेतों में काम से संबंधित है। यह नृत्य अक्सर वसंत त्योहार व वसंत ऋतु में किया जाता है। छेई छा ह्वा नाटक शान यू बस्ती का स्थानीय नाटक है और इस का इतिहास पुराना है। यह नाटक फू सुए कस्बे की गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत भी है।

शान यू बस्ती दक्षिण-पूर्वी फू सुए कस्बे में स्थित है। कला केंद्र की तीन मंजिला इमारत में अक्सर गीत गाने की मधुर आवाज सुनाई देती है। पिछले दिसंबर में इस कला केंद्र के अध्यक्ष याओ वन ने रोज दूसरी मंजिल पर स्थित रिहर्सल कमरे में कला मंडल के साथ वर्ष 2011 के वसंत त्योहार के दौरान पेश किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए अभ्यास किया । श्री याओ वन अक्सर इस तरह कला केंद्र की कार्यवाही या नए कार्यक्रमों के अभ्यास में अपना निजी समय लगाते हैं।

वर्ष 1994 में श्री याओ वन ने शान यू बस्ती के कला केंद्र के अध्यक्ष का पद संभाला। उस समय उन्होंने आयोजित हुए एक कला महोत्सव में पहली बार क्वांग सी च्वांग स्वायत्त प्रदेश की च्वांग जाति के लोकप्रिय नृत्य छांग छुन नियु व इस बस्ती की स्थानीय कला छेई छा ह्वा नाटक को देखा। और उन्हें तुरंत ही इस विशेष स्थानीय कला ने आकर्षित कर लिया। उस समय से उन्होंने स्थानीय लोक संस्कृति को आगे बढाने के लिए इस बस्ती के कला केंद्र में काम करना शुरू किया।

श्री याओ वन ने कहा कि उस समय हमने कला कार्यवाहियां व अध्ययन किया। इस दौरान हमें लगा कि कुछ संगीत बहुत मधुर है। मैंने लोगों से पूछा कि यह संगीत इतना मधुर है. इस का नाम क्या है?स्थानीय लोगों ने मुझे बताया कि यह छेई छा ह्वा नाटक का संगीत है और हमारे यहां छांग छुन नियु नृत्य का संगीत भी मधुर है। उस समय मुझे मालूम हुआ कि इस क्षेत्र की स्थानीय कला पुरानी व विशेष है और मैंने इसे आगे बढाने के लिए काम करना शुरू किया।

फू सुए कस्बे की शान यू बस्ती के लोग पशुओं का सम्मान करते हैं और उन की पूजा करते हैं। उन लोगों के दिमाग में पशु अपनी मां जैसा है। पतझड़ ऋतु में अनाज की फसल के बाद लोक कलाकार पशु की तरह सजकर लोगों के सामने कार्यक्रम पेश करते हैं। अनेक स्थानीय गीतों के विषय पशु की प्रशंसा के बारे में हैं। छेई छा ह्वा नाटक का विषय छांग छुन नियु नृत्य से जटिल है।

श्री याओ वन ने कहा कि स्थानीय लोगों ने बचपन से अपने दादा और दादी के साथ खेतों में छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक का प्रदर्शन किया है। बाद में उन्होंने धीरे-धीरे उक्त नृत्य व नाटक के विषय को कहानी में बदला। नाटकों में अनेक कहानियों का विषय है लोगों को एक नैतिकतापूर्ण आदमी बनाने का सत्य बताना।

फू सुए कस्बे के नोटिस के अनुसार छिंग राजवंश से छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक पैदा हुआ था और एक परिवार के आधार पर नृत्य व नाटक का प्रदर्शन किया था। लेकिन पुरानी पीढ़ी के लोक कलाकारों के निधन होने के कारण धीरे-धीरे छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक का पतन होना शुरु हो गया। शान यू बस्ती के कला केंद्र के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद याओ वन को लगता है स्थानीय परंपरागत लोक कला का संरक्षण करना जरूरी है।

वर्ष 2002 से याओ वन ने स्वयं वित्त ढूंढकर हर गांव में पुरानी पीढ़ी के लोक कलाकारों के साथ मुलाकात व बातचीत की। उन्होंने अक्सर सुबह आठ बचे घर से बाहर जाकर पूरा दिन काम किया और रात को घर वापस आए।

पुरानी पीढ़ी के लोक कलाकारों की मदद से याओ वन ने स्थानीय छेई छा ह्वा नाटक के 53 गीतों का संग्रह किया और 34 नए नाटक व अन्य कार्यक्रमों की रचना की। उन का विचार है कि परंपरागत लोक कला का प्रचार-प्रसार करने के लिए एक कला मंडल की स्थापना की जरूरत है। इसलिए वर्ष 2004 में उन्होंने एक बार फिर गांवों में जाकर पहले छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक का प्रदर्शन करने वालों को बुलाकर एक स्थानीय कला मंडल की स्थापना की। गांव में पुरानी पीढ़ी के लोक कलाकारों ने उस कला मंडल का अच्छी तरह प्रशिक्षण किया। याओ वन ने अपने आप खर्च करके कला मंडल के लिए संगीत उपकरण, कपड़े, ऑडियो व रंगमंच की सामग्री खरीदी, जिससे इस कला मंडल की सुविधाओं के सवाल का समाधान किया गया है।

कला मंडल की स्थापना के बाद याओ वन ने अक्सर इस कला मंडल को लेकर गांवों में किसानों के लिए कार्यक्रम पेश किया और प्रर्दशन भी किया, जिससे अधिकाधिक लोगों को स्थानीय छांग छुन नियु नृत्य व छेई छा ह्वा नाटक के बारे में जानकारी मिली । धीरे-धीरे स्थानीय परंपरागत लोक कला किसानों के जीवन का महत्वपूर्ण भाग बन गई है और लोगों का सांस्कृतिक जीवन प्रचुर हुआ है।

श्री याओ वन ने कहा कि मुक्त प्रदर्शन सारे प्रदर्शन के एक तिहाई भाग से भी अधिक है। हमारा कला मंडल अक्सर गांवों में किसानों के लिए कार्यक्रम व प्रदर्शन पेश करता है। उन्हें हमारे कार्यक्रम बहुत पसंद हैं। आम तौर पर हमारा कला मंडल दूसरे दिन एक बार फिर उसी गांव में कार्यक्रम पेश करता है। हमारी आशा है कि अधिकाधिक लोगों को उक्त दो स्थानीय कला मंडलों की कार्यवाही मालूम है।

हर बार कला मंडल द्वारा कार्यक्रम पेश किए जाने के समय गांवों में त्योहार मनाने जैसा माहौल हो जाता है और लोगों को बहुत अच्छा लगता है। अब ज्यादा स्थानीय नागरिक परंपरागत नाटक करना सीख रहे हैं और अपने आप कार्यक्रम भी पेश करते हैं। हर साल शान यू कला केंद्र किसानों के कला मंडल लेकर शहर में कार्यक्रम व प्रदर्शन भी करता है। पहले लोगों को किसान कला मंडल के बारे में मालूम नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे श्रेष्ठ कार्यक्रमों ने लोगों को आकर्षित किया। शान यू कस्बे के कला दल द्वारा पेश किए गए परंपरागत कार्यक्रमों से लोग चीन की परंपरागत संस्कृति पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं।

श्री याओ वन ने कहा कि हमारे यहां अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रम गांवों में पेश किए जाते हैं। अब हम स्थानीय लोक कला कार्यक्रम शहरों में पेश करते हैं। हम अपने आप पूंजी लगाकर कस्बों व शहरों में कार्यक्रम पेश करते हैं, जिसमें किसातों के सुरुचिपूर्ण आचरण को दिखाया गया है। इस साल हमने नान निंग शहर में कार्यक्रम पेश किया और लोगों की मांग के अनुसार एक बार फिर वहां कार्यक्रम पेश किया । वहां के लोगों को हमारे कार्यक्रम बहुत पसंद हैं।

इधर के कुछ सालों में कला मंडल को अक्सर लोगों का आमंत्रण मिला है और हर साल उस के प्रदर्शनों की संख्या 80 से भी अधिक हो गई है। पिछले साल कला मंदल ने गांवों व बाहर के शहरों में लोगों के लिए 160 बार प्रदर्शन किया। लेकिन कैसे और ज्यादा युवा लोग स्थानीय परंपरागत कला प्रदर्शन में शामिल हों यह सवाल बाकी है?युवा लोगों में परंपरागत लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना कला मंदल की कोशिश करने की दिशा में एक नया काम है। इधर के दो सालों में याओ वन और उस के कला मंडल ने स्कूलों व विश्वविद्यालयों में लोक संस्कृति स्कूलों में प्रवेश करना शीर्षक सिलसिलेवार कार्यवाहियों का आयोजन किया, जिससे छात्रों व अध्यापकों ने पसंद किया है।

याओ वन की आशा है कि लोक संस्कृति स्कूलों व विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने की कार्यवाहियों के आयोजन के जरिए युवा लोगों को परंपरागत लोक संस्कृति की जानकारी मिलेगी और ज्यादा लोक कला के सुयोग्य व्यक्तियों का प्रशिक्षण किया जाएगा, जिससे चीन की श्रेष्ठ लोक संस्कृति का पीढी दर पीढी प्रचार-प्रसार किया जा सकेगा।

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