ब्रिक्स देशों की तीसरी शिखर वार्ता 14 अप्रैल को चीन के हाईनान प्रांत के सानया शहर में शुरू हुई। इससे पहले चीनी राजयन विश्वविद्यालय के उपनिदेशक छिन याछिंग ने 13 अप्रैल को इस शिखर वार्ता के बारे में एक साक्षात्कार में कहा कि ब्रिक्स देशों का वैश्विक प्रशासन में भाग लेना बहुत महत्वपूर्ण है, भविष्य में और अधिक नये सदस्य इसमें शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि 21 वीं शताब्दी की शुरूआत में सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय घटना केवल चीन का उत्थान ही नहीं, बल्कि अधिक से अधिक अन्य नवोदित अर्थव्यवस्थाओं का उदय भी है। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट के बाद ब्रिक्स देश वैश्विक आर्थिक प्रशासन के केंद्र में लाये गये हैं। विशेष रूप से इधर के वर्षों के विकास के परिणामस्वरूप ब्रिक्स देश अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विकास का नेतृत्व बन गए।
उन्होंने विश्लेषण करते हुए कहा कि वर्तमान में विश्वभर मं नव उभरती आर्थिक व्यवस्थाओं का दायरा और अधिक बढ़ रहा है। समय के साथ साथ कुछ देशों को लगेगा कि उनल के देशों के बहुत से सवाल और हित ब्रिक्स देशों से मिलते जुलते हैं, इसलिये वे भी सहयोग की तलाश करेंगे। ऐसे में आगे जरूर और अधिक नये सदस्य ब्रिक्स देशों की सहयोग व्यवस्था में शामिल हो सकेंगे।
लेकीन उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिक्स देशों के लिये अगले कदम में सबसे महत्वपूर्ण काम विश्वभर में या ब्रिक्स देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग बढ़ाना है, न कि तेज़ गति से अपने सदस्यों की संख्या बढाना है।
(रमेश)