घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि ब्रिक्स देश जी-20 के शिखर सम्मेलन में निर्धारित विश्व मुद्रा कोष सुधार के लक्ष्य का समर्थन करते हैं। अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय संगठनों में सुधार विश्व आर्थिक स्थिति में बदलाव को प्रतिबिंबित करना चाहिए और नवोदित आर्थिक शक्ति व विकासशील देशों का बोलने का अधिकार व प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहिए।घोषणा पत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देश बहुपक्षीय कूटनीति बढ़ाने और वैश्विक चुनौतियों व खतरों के मुकाबले में संयुक्त राष्ट्र संघ की कुंजीभूत भूमिका का समर्थन करने में संलग्न रहते हैं।
ब्रिक्स देशों ने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र संघ व सुरक्षा परिषद में सुधार करना चाहिए, ताकि इसे और कारगर बनाया जाए और उस का प्रतिनिधित्व बढाया जाए।इसके अतिरिक्त घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि ब्रिक्स देश सुरक्षा परिषद में लीबिया सवाल के समाधान में सहयोग मजबूत करने को तैयार हैं। विभिन्न पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके व बातचीत से मतभेद दूर करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र संघ व क्षेत्रीय संगठनों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। ब्रिक्स देश अफ्रीकी संघ के लीबिया सवाल से जुड़े प्रस्वात का समर्थन करते हैं।गौरतलब है कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने वर्तमान शिखर वार्ता की अध्यक्षता की। ब्राजील राष्ट्रपति, रूसी राष्ट्रपति, भारतीय प्रधान मंत्री और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति निमंत्रण पर वार्ता में उपस्थित हुए। सदस्यता हासिल करने के बाद वार्ता में दक्षिण अफ्रीकी नेता की यह पहली हिस्सेदारी है।
(ललिता)