ब्रिक्स देशों के नेताओं की तीसरी भेंटवार्ता 14 अप्रैल को हाई नान के सानया में आयोजित होगी। ब्रिक्स देशों के नये सदस्य होने के नाते, दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति जूमा पहली बार सम्मेलन में भाग लेंगे। इधर के दिनों में दक्षिण अफ़्रीका में ब्रिक्स देशों के विषय का बड़ा ध्यान दिया गया। लोगों का मानना है कि ब्रिक्स देशों की सहयोग व्यवस्था से दक्षिण अफ़्रीका को लाभ मिलेगा।
दक्षिण अफ़्रीकी अंतरराष्ट्रीय संबंध व सहयोग मंत्री मेईटे न्कोना माशाबाने ने कहा कि ब्रिक्स देशों ने दक्षिण अफ़्रीका को बड़ा बाज़ार प्रदान किया और बड़े पैमाने वाली निहित प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी दी है। इसके अलावा, ब्रिक्स देश दक्षिण अफ्रीका को बुनियादी संरचनाओं के निर्माण में सहयोग दिया है और विज्ञान व तकनीक, खासकर अनाज सुरक्षा तथा कृषि क्षेत्र में अनुसंधान व सहयोग का मौका भी दिया है।
दक्षिण अफ़्रीका के इफ़िशन्ट ग्रुप के प्रथम अर्थशास्त्री रूड के विचार में ब्रिक्स देशों में भाग लेने से पहले दक्षिण अफ़्रीका एवं ब्राजील, भारत, चीन व रूस के बीच द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक संबंध बहुत घनिष्ट था। इस बार का सम्मेलन दक्षिण अफ़्रीका व उपरोक्त देशों के बीच सहयोग के आधार को और मज़बूत कर सकेगा।
दक्षिण अफ़्रीकी विटवॉटरस्रांड विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर शेल्टन ने भी कहा कि दक्षिण अफ़्रीका ने ब्रिक्स देशों की शक्ति को बढ़ाया है और ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधित्व को भी प्रगाढ़ किया है, जो विकासशील देशों के कल्याण की रक्षा करने तथा दक्षिण दक्षिण सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।