जापान में आए जबरदस्त भूकंप और सुनामी से उस की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। जापान सरकार के आरंभिक अनुमान के अनुसार वहां की प्रत्यक्ष आर्थिक क्षति 250 खरब जापानी येन होने की संभावना है और 2011 में जापान के जीडीपी में 0.5 प्रतिशत की गिरावट होगी। अपने को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए जापान सरकार क्या करेगी, इस के बारे में जापानी प्रथम जैविक अर्थ अनुसंधान प्रतिष्ठान के अर्थशास्त्री टोशिहिरो नागाहामा ने सीआरआई संवाददाता के साथ बातचीत में कुछ जानकारी दी है।
उन के अनुसार 1995 में जापान के हैनशिन में आए विनाशकारी भूकंप से जापान सरकार को पुनर्निर्माण के लिए 32 खरब जापानी येन का खर्चा उठाना पड़ा था, इस बार फुकुशिमा में आए जबरदस्त भूकंप के बाद पुर्नवास के लिए जो खर्चा होगा, वह हैनशिन भूकंप से दो या तीन गुनी होगी यानी इस की राशि 60 खरब से लेकर 100 खरब तक होगी। वर्तमान में जापान सरकार इस राशि को जुटाने की कोशिश में है, लेकिन बड़ी कठिनाइयां मौजूद हैं। श्री नागाहामा ने कहाः
भविष्य में जापान पर कर्ज का बोझ अधिकाधिक बढ़ता जाएगा, इस स्थिति से बचने के लिए जापान को राष्ट्रीय बांड जारी करने में सावधानी बरतनी चाहिए । साथ ही पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय बजट में व्यय कम करना चाहिए। मसलन्, सत्तारूढ़ पार्टी डेमोक्रेडिक पार्टी हाई सड़कों के टोल में कटौती करने और बच्चों को भत्ता देने की कल्याणकारी नीति लागू कर रही है, मौजूदा स्थिति के मुद्देनजर इन नीतियों में विलंब किया जाना चाहिए, जिस से पुनर्वास के लिए 30 खरब येन की पूंजी मिल जाएगी। इस के अलावा बजट से भी 10 खरब येन की राशि जुटायी जाएगी, कुलमिलाकर 50 खरब येन की राशि मिलेगी। अगले साल, जापान सरकार कर वसूली में वृद्धि की नीति लागू करेगी। जनमत सर्वेक्षण के अनुसार 60 प्रतिशत के जापानी इस नीति का समर्थन करते हैं।
भूकंप, सुनामी और परमाणु संयंत्र दुर्घटना से प्रभावित होकर कुछ जापानी उद्योगों का उत्पादन दूसरे स्थानों या विदेशों में स्थानांतरित होने की संभावना है और जापान के कुछ उत्पादों के आर्डर भी दूसरे देशों व क्षेत्रों में दिए जाएंगे, इस रूझान को रोकने के लिए जापान सरकार ऐसी कुछ रणनीति अपना सकेगी।
उदाहरणार्थ, मुक्त व्यापार क्षेत्रों के निर्माण को तेज किया जाए, जिस से कुछ देशीय कारोबारों को जापान से बाहर न जाने की प्रेरणा मिलेगी। विश्व में नवोदित अर्थव्यवस्थाओं के निरंतर विकास के चलते बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए मांग बढेगी, जापान को इस मौके का लाभ उठाकर सक्रीय रूप से इन देशों को निर्यात बढ़ाना चाहिए। और विदेशी पूंजी को आकर्षित करने की भरसक कोशिश की जानी चाहिए.
विश्लेषकों के अनुसार जापान के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास और पुनर्निर्माण शुरू होने से इस साल के उत्तरार्ध में जापान का अर्थतंक्ष बहाल होगा और अगले साल और अधिक बढोतरी होगी।