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भारत पाक क्रिकेट कूटनीति
2011-03-31 17:21:49

श्रोता दोस्तो , भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के निमंत्रण पर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री यूसुफ रजा गिलानी क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल को देखने के लिये तीस मार्च को भारत के पंजाव के मोहाली पहुंचे। नवम्बर 2008 में मुंबई आतंकी हमले से उच्च स्तरीय वार्तालाप स्थगित होने के बाद यह दोनों देशों के नेताओं ने भारत में प्रथम भेंट की है और दोनों देशों ने इस वार्ता में काफी उत्साह दिखाया है । पर हालांकि क्रिकेट कूटनीति ने दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंध में शैथिल्य लाने की भूमिका निभायी है , पर भारत पाक गतिरोध का असली समाधान फिर भी समान लक्ष्य के आधार पर दोनों देशों की अथक दीर्घकालिक कोशिश पर निर्भर है ।

भारतीय सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी , कांग्रेस के महा सचिव राहुल गांधी और संसद के अध्यक्ष समेत अनेक भारतीय नेता भी इस सेफीफाइनल मैच को देखने के लिये मोहाली पहुंचे। गिलानी के प्रतिनिधि मंडल में पाकिस्तान की विभिन्न पार्टियों व समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। उस दिन मनमोहन सिंह ने गिलानी को रात्रि भोज दिया और उन से भेंट की। गिलानी ने अन्य भारतीय नेताओं के साथ भी मुलाकात की । मीडिया का विश्लेषण है कि भारत ने इस बार पाकिस्तान को जैतून की टहनी दिखाने में जो पहल की है , उस से जाहिर है कि भारत पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने और शीघ्र ही दक्षिण एशियाई गतिरोध से पिंड छुड़ाने को उत्सुक है।

मौजूदा क्रिकेट कूटनीति की चर्चा में विश्लेषकों का मानना है कि मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करने का उद्देश्य वास्तविक महत्व से कहीं बड़ा है । गत फरवरी में इन दोनों देशों ने नये सिरे से वार्ताताप की पूरी प्रक्रिया शुरु करने की घोषणा की है , वर्तमान में दोनों देशों का संबंध शांति के दौर में है , दोनों देशों के नेताओं के बीच क्रिकेट कूटनीति के जरिये कोई तात्विक परिणाम निकलने की संभावना बहुत कम है । इसलिये लोगों का विचार है कि भारत पाक नेताओं के बीच मुलाकात ,वार्ता के विषय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है । क्योंकि यह इस बात का द्योतक है कि भारत पाक दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता विधिवत बहाल हो गयी है और दोनों देशों के नेताओं की एक दूसरे के यहां न आने की स्थिति समाप्त हुई है । पाकिस्तान के प्रधान मंत्री गिलानी ने तीस मार्च को भारत पहुंचने के बाद मीडिया के सम्मुख कहा कि उन की मौजूदा यात्रा भारत पाक दोनों देशों के बीच दरार पाटने का काम करेगी , आशा है कि दोनों देश इस से द्विपक्षीय संबंध को सुधारने की दिशा में आगे बढेंगे ।

भारतीय कांग्रेस ने मई 2004 में सत्ता में आने के बाद अर्थतंत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं , लेकिन देश के भीतर गरीबों व अमीरों के बीच फासला बढ़ता गया है और अधिकारियों में भ्रष्टाचार भी दिन ब दिन भीषण रुप ले रहा है , जिस पर विभिन्न सामाजिक जगत अत्यंत असंतुष्ट हैं । इधर के दिनों में विपक्षी पार्टियों ने इसी बात को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमले किए हैं , जिस से सिंह सरकार भी गम्भीर रुप से प्रभावित हुई है । इसी माह संसद के एक सम्मेलन में प्रधान मंत्री सिंह को प्रश्नों के उत्तर में अधिकांश सांसदों द्वारा खिलखिलाकर हंसने का सामना करना पड़ा , ऐसा पिछले 6 साल में बहुत कम देखने को मिला है । ऐसी स्थिति में प्रधान मंत्री और भारतीय कांग्रेस के लिये क्रिकेट कूटनीति अपनाना अत्यावशक है ।

इस के अलावा भारत पाक गतिरोध तोड़ना और पश्चिमी सीमांत फौजी दबाव को कम करना भी भारत सरकार की एक दीर्घकालिक रणनीति है । भारतीय कांग्रेस 2004 में सत्ता संभालने के बाद अपनी विदेश नीति को क्रमशः अमरीका और पश्चिम के निकट लाई है । अमरीका विश्वव्यापी रणनीतिक दृष्टिकोण से भारत को हिन्द महा सागरीय क्षेत्र में अपना अर्द्ध संश्रयकारी देश का रुप देना चाहता है , साथ ही रणनीतिक जरूरत के मद्देजनर आतंकवाद विरोधी संघर्ष में पाकिस्तान को छोड़ने का उस का इरादा भी नहीं है । इसलिये भारत पाक संबंध में शैथिल्य कुछ हद तक अमरीकी रणनीतिक इरादे से मेल खाता है , भारत पाक के बीच तीव्र दुश्मनी यहां तक कि युद्ध अमरीका के आतंकवाद विरोधी विन्यास के लिये हानिकर है ।

पर कुछ विश्लेषकों का यह कहना भी है कि हालांकि क्रिकेट कूटनीति ने मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करने में भूमिका निभायी है , पर भारत पाक गतिरोध का सच्चा समाधान समान लक्ष्य के आधार पर दोनों के अथक प्रयासों पर निर्भर करता है । दोनों देश बेकाबू फौजी टक्करों को सहने में असमर्थ हैं , और तो और दोनों पक्षों के बीच लम्बे अर्से की दुश्मनी से दोनों देशों के अर्थतंत्र को भारी नुकसान पहुंचा है । अब भारत पाक के विभिन्न विभागों के बीच वार्तालात पूर्ण रूप से शुरु हो गया है , ऐसे मौके पर क्रिकेट कूटनीति ने द्विपक्षीय संबंध को सुधारने में अवश्य ही प्रेरक भूमिका निभायी है । पर यह देखना भी जरुरी है कि भारत पाक दुश्मनी दसियों सालों से चली आ रही है , यह दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक शिकायत , राजनीतिक व धार्मिक दुश्मनी और वास्तविक हितों के अंतर्विरोध से जुड़ी हुई है । मात्र क्रिकेट कूटनीति मूल मामलों का समाधान करने में असमर्थ है , दोनों देशों के कठोर प्रयासों की सख्त जरूरत है ।

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