Web  hindi.cri.cn
कुछ पश्चिम देश लीबियाई सत्ता में बदलाव लाने में तेज
2011-03-29 17:17:15

श्रोता दोस्तो , इस माह की 26 और 27 तारीख को लीबिया सरकार विरोधी सशस्त्र शक्तियों ने लगातार अजडाबिया , अल-बाराक, रास लालुफ और बेनजवाद इन चार अहम कस्बों पर कब्जा कर लिया , अब सरकारी सेना और विद्रोहियों के बीच गद्दाफी की जन्मभूमि सिरट के पास लड़ाई जारी है । इस के साथ ही कुछ पश्चिमी देश लीबिया में फौजी हस्तक्षेप से जल्द ही पिंड छुड़ाने के लिये राजनीतिक समाधान प्रस्ताव ढूंढने में व्यस्त हैं ।

पूर्वी लीबिया के कई मुख्य तेल कस्बे खोने के बाद गद्दाफी की वफादार सेना लगातार पश्चिम की ओर हट रही है । जब कि सरकारी विरोधी सशस्त्र शक्तियों ने 27 मार्च से गद्दाफी की जन्मभूमि , राजधानी त्रिपोली से चार सौ किलोमीटर से दूर सिरट की ओर अभियान शुरु किया है। सिरट का भारी रणनीतिक महत्व है , क्योंकि वह लीबियाई सरकारी सेना द्वारा नियंत्रित पश्चिमी भाग और विद्रोहियों के नियंत्रित पूर्वी भाग के बीचोंबीच अवस्थित है । लीबिया के स्थानीय समय के अनुसार 28 मार्च की सुबह कुछ मीडिया ने रिपोर्ट देते हुए कहा कि सरकार विरोधी सशस्त्र शक्तियों ने सिरट पर कब्जा करने की घोषणा की है। पर लीबियाई राष्ट्रीय टीवी ने इस खबर से इन्कार किया । बाद में प्राप्त रिपोर्टों में कबूल करते हुए कहा गया है कि सिरट में अभी लड़ाई के न कोई आसार है और न ही इस बात के कोई निशान हैं कि सरकार विरोधी सश्स्त्र शक्तियों ने इस शहर को अपने कब्जे में ले लिया है । कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गद्दाफी की सेना पूर्व सिरट से 140 किलोमीटर दूर एक स्थान पर सरकार विरोधी सशस्त्र शक्तियों को रोकने में सफल हुई है ।

वास्तव में विद्रोही सिरट की ओर मार्च करने में इसीलिये सफल हुए है कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना का हवाई समर्थन मिला है । 27 मार्च की रात से अंतर्राष्ट्रीय सेना ने सिरट पर हवाई हमले कर के अनेक लक्ष्यों पर बमबारी की । लीबिया के सरकारी प्रवक्ता मुस्सा इब्राहिम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना ने सिरट के पास मछुआ बंदरगाह पर बमबारी की , जिस से तीन आम नागरिक मारे गये , जबकि इस क्षेत्र में न कोई फौजी लक्ष्य है या न कोई संदेहजनक लक्ष्य। लीबियाई अधिकृत समाचार एजेंसी के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना ने 28 मार्च की सुबह दक्षिण लीबिया के सेब्हा की आम निवास बस्तियों पर गोलाबारी की और अनेक मकान नष्ट कर दिये तथा कई व्यक्तियों को मार डाला ।

वर्तमान में लोकमत का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना का हस्तक्षेप कब तक जारी रहेगा और यह हस्तक्षेप आखिरकार लीबियाई राजनीतिक परिस्थिति को किस दिशा की ओर ले जायेगा । इस बात को ध्यान में रखकर अमरीका , ब्रिटेन और फ्रांस आदि देशों ने जताया है कि उन की फौजी कार्यवाही का उद्देश्य आम नागरिकों की रक्षा करना है , न कि गद्दाफी सत्ता का तख्ता उलटना ।

नाटो ने 27 मार्च को लीबिया में सभी फौजी कार्यवाहियों की कमान संभालने की घोषणा की है । 28 मार्च को नाटो की प्रवक्ता वाना लुंगेस्कू और नाटो के लीबियाई फौजी अभियान कमांडर चार्स बुशार्ड ने ब्रुसेल्स के अपने मुख्यालय में हुई न्यूज ब्रीफिंग में लीबिया में फौजी अभियान की कमान संभालने की वकालत की । पर लुंजस्कू और बुशार्ड ने मीडिया के तीन सब से चिन्ताजनक प्रश्नों से कतराने की पूरी कोशिश की ।

उक्त तीन चिन्ताजनक प्रश्नों के उत्तर में बुशार्ड ने कहा कि वे फौजी अभियान की तफसील की चर्चा नहीं कर रहे , आम फौजी अभियान का फैसला अग्रिम मोर्चा फौजी कमांडर करेंगे । करीब एक घंटे की न्यूज ब्रीफिंग में लुंगजस्कू ने मात्र नाटो के महा सचिव के वक्तव्य का उल्लेख किया है ।

विभिन्न देशों के मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिन्ता स्वाभाविक है। नाटो ने इस से पहले इराकी व अफगान युद्धों में भाग लिया था , पर इन दोनों युद्धों में लाखों करोड़ों आम नागरिक मारे गये हैं । अब नाटो ने लीबियाई युद्ध में भाग लेने का फैसला किया है , यदि जल्द ही युद्ध विराम और राजनीतिक उपाय सफल नहीं होगा , तो बड़ी तादाद में आम व्यक्तियों के हताहत होने से नहीं बचा जा सकता ।

इस के मद्देनजर तुर्की ने तुरंत ही लीबिया में किसी भी फौजी अभियान को बंद करने की मांग की , जबकि नाटो के कुछ सदस्य देशों ने फौजी अभियान के लिये अनेक बंधित शर्तें भी जोड़ दीं । मसलन जर्मनी ने हालांकि लीबिया में फौजी अभियान की कमान संभालने पर रोक नहीं लगायी , पर उस ने अपनी सशस्त्र शक्तियों को हटाया है । हॉलैंड ने हवाई हमले में भाग न लेने और लीबियाई जमीनी लक्ष्यों पर हमला न करने की बात कही । क्योंकि लोगों को चिन्ता है कि कहीं इराकी व अफगान युद्धों का दुखांत फिर सामने न आये ।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040