10 मार्च को चीन की राज्यसत्ता के सर्वोच्च अंग यानी चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष वु पांगक्वो ने पेइचिंग में चल रहे राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक सम्मेलन में ऐलान किया है कि 2010 के अंत तक चीन में वर्तमान में 236 कानून, 690 से अधिक प्रशासनिक कायदे और 8600 से ज्यादा स्थानीय कानून कायदे लागू हो रहे हैं, इस तरह संविधान के आधार पर चीनी विशेषता वाली एक समाजवादी कानून व्यवस्था संपन्न हो चुकी है। श्री वु पांगक्वो ने वार्षिक सम्मेलन में यह भी दोहरायाः
यह जरूरी है कि समाजवादी लोकतंत्र को सुव्यवस्थित करके कानूनी गारंटी दी जाए और इस प्रकार की कानून व व्यवस्था को नेताओं के बदलने से भी अपरिवर्तनीय बनाया जाए तथा नेताओं के बदलते हुए विचारों से अप्रभावित होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था कायम की जाएगी जिस के अन्तर्गत हर विषयों पर कानून कायदा मिल सकता है, कानून कायदों का कड़ाई से पालन किया जाता है एवं कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
वर्षों के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप अब चीन में जो समाजवादी कानून व्यवस्था कायम है, उस के तहत जनता की रक्षा के उद्देश्य में कानून कायदा बनाए जाते हैं और कानून कायदे जनता की सेवा में लागू किए जाते हैं।
समाजवादी कानून व्यवस्था के ढांचे में संविधान प्रमुख है, चीनी संविधान के संशोधन में लगातार मानवाधिकार पर ज्यादा महत्व दिया गया । वर्तमान चीनी संविधान वर्ष 1982 में जारी हुआ है, उस में नागरिकों के अधिकार राजकीय संस्था से पहले स्थान पर रखे गए हैं। इस का अर्थ यह हुआ है कि राज्यसत्ता जनता के हाथ में है। 2004 में राज्य द्वारा मानवाधिकार का सम्मान व रक्षा करने की धारा संविधान में शामिल की गयी है।
संविधान के आधार पर चीन ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अनेक अन्य विधि भी बनायी, जिन में निजी संपत्ति की गारंटी भी शामिल है, इस के आधार पर संबंधिक क्षेत्रों में अन्य कुछ कानून भी बनाये गए और समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी दिया गया है । चीनी समाज विज्ञान अकादमी के कानून अनुसंधान केन्द्र के डायरेक्टर ली लिन ने कहाः
नागरिकों के अधिकारों की गारंटी को चीन के सुधार व खुलेपन कार्य में उत्तरोत्तर प्राथमिकता दी गयी है। मसलन्, 2004 में संविधान के संशोधन में नागरिकों की संपत्ति के सभी पहलुओं की रक्षा की जाने की धारा बनायी गयी है, इसके बाद सिविल कानून से संबंधित अनेक कानून भी बनाये गए हैं जिन में श्रम अनुबंधन विधेयक और प्रोपर्टी अधिकार विधेयक आदि शामिल हैं।
चीन में कानून बनाने की प्रक्रिया में नागरिकों की रायें और सुझाव भी सुन लिए गए हैं। उदाहरणार्थ, आयकर वसूली पर 27 सितम्बर 2005 को पेइचिंग में सुनवाई बैठक बुलायी गयी, यह पहली बार है कि चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिध सभा कानून बनाने में नागरिकों से सुनवाई बुलाती है। पूर्वी चीन के चांगसू प्रांत से आए एकाउंन्टर श्यु मिंगफू उस सुनवाई को कभी नहीं भूल सकते, उन्होंने कहाः
चीनी राज्यसत्ता के सर्वोच्च अंग ने सीधे आम लोगों से राय सुनी है, यह चीन के इतिहास में अभूतपूर्व बात है, इस से मैं अत्यन्त प्रभावित हुआ हूं।
इधर के सालों में चीन में कानून कायदा बनाने से पहले विधि निर्माण के लिए बैठक, समीक्षा सम्मेलन और सुनवाई सभा बुलाना व्यवस्थिति रूप से आयोजित होते हैं। 2008 के दिसम्बर में सामाजिक बीमा कानून मसौदा विचारार्थ प्रकाशित हुआ, इस के बारे में विभिन्न सामाजिक तबकों से 70 हजार रायें और सुझाव प्राप्त हुए, जबकि श्रम अनुबंधन कानून के संशोधन के लिए एक लाख 90 रायें हासिल हो गयी हैं।
कानून बनाने के काम में नागरिकों की भागीदारी के अलावा सरकारी अधिकारों को नियंत्रित करने की भी कोशिश की गयी है। 1987 में पूर्वी चीन के चेचांग प्रांत के एक किसान ने कोर्ट में स्थानीय सरकार के खिलाफ याचिका दायर किया, इस से चीन में सदियों से चली आयी इस परंपरा को तोड़ा गया जिस के मुताबिक आम नागरिक कभी भी सरकार पर अभियोग नहीं लगाते हैं। दो साल बाद चीन में प्रशासनिक अभियोग कानून जारी किया गया, जिस से नागरिकों द्वारा सरकार पर अभियोग चलाने का ऐतिहासिक काल शुरू हुआ।
इस के बाद चीन में लगातार प्रशासनिक दंड संहिता, प्रशासनिक निगरानी विधेयक और प्रशासनिक परमिट बिल अनेक कानून कायदे जारी किए गए, इस से कानून के मुताबिक देश के प्रशासन के लिए पुख्ता नींव डाली गयी है।
चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष वु पांगक्वो ने कहा कि चीन में समाजवादी कानून व्यवस्था कायम हो चुकी है, किन्तु इस का यह अर्थ नहीं है कि हमारी यह व्यवस्था संपूर्ण और त्रुटिहीन है। हम चीन के विभिन्न कानून कायदों को और बेहतर बनाने तथा नए कानून बनाने की निरंतर कोशिश करेंगे।