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तिब्बत विकास के कुलांच के दौर में
2011-03-08 16:25:07

इन दिनों पेइचिंग में चल रहे चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक सम्मेलन में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से आए प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में 7 मार्च को सरकारी कार्य रिपोर्ट एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना पर चर्चा के वक्त तिब्बत के विकास के बारे में भी विचार विमर्श हुआ, उपस्थित लोगों का मानना है कि तिब्बत अपने विकास के कुलांच के दौर में दाखिल हो गया है।

11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रति व्यक्ति के हिसाब में औसत सकल उत्पादन मूल्य 17 हजार 3 सौ 19 य्वान तक पहुंचा था, जो 10वीं पांच सालाना योजना की तुलना में 8283 य्वान अधिक था। किसानों और चरवाहों की शुद्ध आय 4138 य्वान को पार कर गयी, जो पांच साल से पहले दुगुनी हुई। इस पर राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के उपाध्यक्ष सिंत्वो तांजङछ्युज़ा ने कहाः

वर्तमान काल में तिब्बत में विकास की गति कुलांच के रूप में चल रही है, पहले जो अपेक्षाकृत बंद हुआ क्षेत्र था, अब चौतरफा तौर पर खुला हुआ है। प्रदेश में पुरानी एकाकी कृषि व पशुपालन वाली अर्थव्यवस्था अब बहुमुखी आर्थिक विकास की व्यवस्था में बदल गयी है, प्राकृतिक संरक्षण के आधार पर संपूर्ण रूप से पारिस्थितिकी विकास का दौर शुरू हुआ है और समाज में खुशहाली लाकर चिरस्थाई स्थिरता व सुरक्षा कायम हुई है। अब तिब्बत अपने इतिहास के सब से श्रेष्ठ काल में प्रविष्ट हुआ है और विकास की एक नयी शुरूआत भी आयी है।

पर्यटन उद्योग तिब्बत का विशेष ब्रांडेड उद्योग है, वहां पर्यटन उद्योग के विकास के चलते दुनिया को तिब्बत की असलियत जानने का मौका मिलता है, साथ ही तिब्बती जनता को इस से आर्थिक लाभ भी मिल सकता है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के पांच सालों में तिब्बत में 22 प्रमुख प्राचीन सांस्कृतिक अवशेषों के जीर्णोद्धार में 57 करोड़ य्वान की राशि लगायी गयी, परंपरागत लोककला और तिब्बती ओपेरा जैसे 60 सांस्कृतिक मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर के गैर भौतिक सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया, पोताला महल, जोखांग मठ और नोर्बु लिंगका उद्यान संयुक्त राष्ट्र विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में सम्मिलित किए गए और तिब्बती ओपेरा व लम्बा काव्य राजा गैसर विश्व गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासत में शुमार कर गौरवन्तित किए गए।

रहस्यमय तिब्बती संस्कृति और सौम्य प्राकृतिक सौंदर्य ने बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया। प्रदेश की नई कार्य योजना में आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण के मिश्रित विकास पर बल दिया गया, इस के तहत तिब्बत में पारिस्थितिकी सुरक्षा व निर्माण योजना पर कड़ाई से अमल किया जाएगा और देश भर में सब से पहले तिब्बती पठार पर आदि पारिस्थितिकी के संरक्षण केलिए इनाम से प्रोत्साहन देने की पद्धति अपनायी जाएगी, वन संरक्षण के लिए मुआवजा व क्षतिआपूर्ति तंत्र कायम हुआ है। वर्तमान में सारे प्रदेश में प्रकृति संरक्षित क्षेत्रों का क्षेत्रफल 4 लाख 10 हजार वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश में पहले स्थान पर है। पिछले पांच सालों में तिब्बत की यात्रा पर आए पर्यटकों की संख्या तीन गुनी बढ़ी है और 68 लाख 50 हजार तक पहुंची है। जन प्रतिनिधि, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पार्टी कमेटी के उप सचिव, प्रदेश के अध्यक्ष पैमाछिलिन ने कहाः

सभी लोग निश्चिंत हों कि तिब्बत में पर्यटन उद्योग के तेज विकास से पर्यावरण को क्षति पहुंचने से रोके जाने पर महत्व दिया गया है। हम सुन्दर पर्यावरण को संरक्षित करने की शर्त पर पर्यटन का विकास करते हैं। छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के खुलने के बाद तिब्बत आने वाले सभी यात्रियों को एक ऐसी पुस्तिका बांटी जाती है, जिस में कहा गया है कि सर्वप्रथम हम यात्रियों के स्वास्थ्य को गारंटी देंगे, इसके अलावा तिब्बत में पारिस्थितिकी संरक्षण की गारंटी भी की जाएगी। तिब्बत का क्षेत्रफल 12 लाख वर्गकिलोमीटर है, इतनी विशाल भूमि पर 60 लाख पर्यटकों के आने से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा।

पिछले पांच सालों में तिब्बत में यातायात व परिवहन का एक नेट बिछा है, सड़कों की कुल लम्बाई 58 हजार किलोमीटर बनी, जो 2005 से 33 फीसदी अधिक है। छिंगहाई तिब्बत रेल ने तिब्बत के इतिहास में रेल नहीं होने की स्थिति खत्म कर दी, इस के अलावा लिनची, आली और शिकाजे में भी हवाई अड्डा खोला गया, सभी कस्बों और टाउनशिपों तथा 80 प्रतिशत प्रशासनिक गांवों तक पक्की सड़क पहुंचती है। संचना और संचार निर्माण में तेजी आयी, 3 जी नेटवर्क सभी काउंटियों में स्थापित हुए और इंटरनेट के युजरसों की संख्या 11 लाख 50 हजार दर्ज हुई है।

12वीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य पर राष्ट्रीय जन प्रतिनिध और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पार्टी कमेटी के सचिव श्री चांग छिंग ली ने कहाः

12वीं पंचवर्षिय योजना के दौरान तिब्बत अपने आर्थिक विकास में तेज गति, अच्छी गुणवत्ता और लाभांश पर ध्यान देगा, आर्थिक विकास का पैमाना 11वीं पंचवर्षीय योजना से बड़ा होगा और उपलब्धियां और अधिक होंगी. विशेष तौर पर जनजीवन सुधार पंचवर्षीय योजना के अहम मुद्दों में शामिल किया गया है, जिस से आम लोगों का जीवन और सुखमय होगा। 2013 तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में तमाम किसान और चरवाहे सुरक्षित और बेहतर मकानों में रह जाएंगे और एक साथ देश के सुधार कार्य से प्राप्त उपलब्धियों का साझा उपभोग कर सकेंगे।

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