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मिश्री सैनिक शासकों ने संविधान को निलम्बित करने और संसद को भंग करने की घोषणा की
2011-02-14 16:40:00

दोस्तो , 13 फरवरी को मिश्री सैनिक शासकों ने सरकारी टी वी पर मिश्री जन असेम्बली व सलाहकार सम्मेलन को भंग करने और अस्थायी तौर पर संविधान को निलम्बित करने की घोषणा की है , साथ ही आगामी 6 माहों के बाद राष्ट्रपति व संसद का चुनाव किया जायेगा और सैनिक शासक तब तक सत्ता पर कायम रहेंगे , जब तक नयी सरकार का गठन न किया जाता । जबकि मिश्र की काम चलाऊ सरकार के प्रधान मंत्री अहमद मुहामेद शाफिक ने उसी दिन यह कहा कि राष्ट्रीय व्यवस्था और सामान्य जन जीवन की बहाली वर्तमान काम चलाऊ सरकार का प्राथमिक कार्य ही है ।

मिश्री सशस्त्र टुकड़ियों की सर्वोच्च कमेटी ने 13 फरवरी को जारी पांचवीं विज्ञप्ति में अस्थायी तौर पर कार्यांवित संविधान को निलम्बित करने और संसद को भंग करने की घोषणा की है । संसद के भंग होने के बाद सैनिक शासक नये संविधान निर्धारित करने के लिये एक संविधान कमेटी का गठन करेंगे , फिर नये संविधान का जनमत संग्रह किया जायेगा । सैनिक शासकों ने यह भी कहा है कि करीब 6 माहों के बाद नये राष्ट्रपति व संसद का चुनाव किया जायेगा । विज्ञप्ति में मिश्री सशस्त्र टुकड़ियों की सर्वोच्च कमेटी के अध्यक्ष व राष्ट्रीय रक्षा मंत्री मोहमद हुस्सैन टांटावी को मिश्र का वास्तविक राज्याध्यक्ष यानी मिश्री वैदेशिक संबंध का सर्वोपरि प्रतिनिधि बताया गया । पर सैनिक शासकों ने 12 फरवरी को जारी वक्तव्य में यह दोहराया है कि सैनिक सत्ता को निर्वाचित सरकार का रूप देने के शांतिपूर्ण संक्रमण को सुनिश्चित किया जायेगा । इस से पहले मिश्र द्वारा हस्तारित सभी क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संधियों व समझौतों का सम्मान भी किया जायेगा ।

लोकमत का विचार है कि मिश्र में मौजूदा डावांडोल होने के बाद सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर भारी प्रभाव पड़ गया है । राष्ट्रीय व्यवस्था और सामान्य जन जीवन की बहाली इस देश के सामने खड़ा चिन्ताजनक मामला बन गया है । इसे ध्यान में रखकर मिश्र की काम चलाऊ सरकार के प्रधान मंत्री शाफिक ने 13 फरवरी को मुबारक के राष्ट्रपति पद को त्याग करने के बाद प्रथम मंत्रिमंडल सम्मेलन बुलाया , सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिस्थिति और जन जीवन की सामान्य व्यवस्था की बहाली के बारे में कदमों पर विचार विमर्श किया गया । सम्मेलन में खाद्य पदार्थों व अन्य बुनियादी मालों की सप्लाई और सरकारी संस्थाओं की बहाली को गारंटी देने पर विचार विवेचन भी किया गया । सम्मेलन के बाद साफिक ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय व्यवस्था और जन जीवन की सामान्य व्यवस्था की बहाली वर्तमान काम चलाऊ सरकार का प्राथमिक कार्य ही है । उन्होंने कहा कि मिश्र की आर्थिक स्थिति फिर भी स्थिर है , सरकार ने चीजों के दामों को कम करने , भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाये जाने का वायदा भी किया है ।

पर मिश्री मीडिया के अनुसार मिश्री न्याय विभागों ने मुबारक काल के अनेक उच्च स्तरीय अधिकारियों की जांच पड़ताल शुरु कर दी है । मिश्री न्याय विभाग के अधिकारियों ने 13 फरवरी को यह संकेत दिया है कि मिश्री न्याय विभागों ने उसी दिन काले धन को सफेद बनाने के बारे में पूर्व गृह मंत्री हबिब इब्राहिम अल अदली की जांच पड़ताल शुरू कर दी और उन की पूछताछ भी की । साथ ही मिश्री प्रोक्यूरेट ने अदली , पूर्व प्रधान मंत्री नाजिफ, पूर्व पर्यटन मंत्री गाराना और वर्तमान सूचना मंत्री अनास एल फेक्की को देश से बाहर जाने की मनाही की ।

इस के अलावा प्रोक्यूरेट ने लौहा इस्पात उद्योगपति व सत्तारुढ़ पार्टी यानी राष्ट्रीय जनवादी पार्टी के सचिव अहमद इज्ज को देश से बाहर जाने पर भी पाबंदी लगायी । मिश्री अधिकृत समाचार पत्र अल अहराम की 12 फरवरी की रिपोर्ट के अनुसार मिश्री अधिकारियों ने माजिफ और तमाम पूर्व मंत्रियों तथा बीसेक सांसदों की सामग्री को गृह मंत्रालय के अधीन विशेष कार्यालय को सौंप दी है ।

वर्तमान में मीडिया का ध्यान पूर्व राष्ट्रपति मुबारक पर भी केंद्रित हुआ है । 11 फरवरी को दसेक विदेशी मीडियाओं ने रिपोर्ट देते हुए कहा कि मुबारक व अपने परिवारजन उसी दिन सिनाई प्रायद्वीप के पर्यटन शहर शर्म अल शेख पहुंच गये हैं । शाफिक ने 13 फरवरी को यह पुष्ट भी किया है कि मुबारक अभी भी शर्म अल शेख में ही हैं । जबकि मुबारक ने अनेक बार मिश्र से न छोड़ने को भी कहा है । विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि मुबारक से इस्ताफा देने का अनुरोध जन समुदाय की मांगों में से एक है , पर वास्तव में अधिकतर मिश्री लोग फिर भी मुबारक के प्रति सहानुभूति रखते हैं । क्योंकि मबारक मिश्र का राष्ट्रीय वीर ही नहीं , बल्कि पिछले दसियों सालों में उन्हों ने सचमुच ही आम लोगों के लिये काफी ज्यादा काम किये हैं । मिश्री सैनिक शासकों ने इस से पहले जारी विज्ञप्ति में मुबारक के प्रति आदर भाव प्रकट किया है और उन के इस्तीफा की ताराफ करते हुए कहा है कि यह देश के हित के अनुकूल है ।

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