पाकिस्तान के प्रधान मंत्री गिलानी ने 9 फरवरी को मंत्रि मंडल की मीटिंग में तमाम केबिनट मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफा स्वीकार कर लिया, इस तरह पाक मंत्रि मंडल तत्काल भंग हो गया है। पाक लोकमतों के मुताबिक पाक प्रधान मंत्री गिलानी इस के तुरंत बाद एक छोटे पैमाने वाला मंत्रि मंडल गठित करेंगे, ताकि सरकार की व्यय कम की जाए और सरकार की छवि निखारी जाए।
नौ तारीख को पाक प्रधान मंत्री दफ्तर के अधिकारी ने बताया है कि सभी मंत्रियों ने मौजूदा मंत्रि मंडल की अंतिम मीटिंग में गिलानी के सामने इस्तीफा पेश किया है, जिसे गिलानी ने स्वीकार कर लिया और इन इस्तीफों को मंजरी देने के लिए गिलानी उन्हें राष्ट्रपति जरदरी को सौंप देंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल की मीटिंग में श्री गिलानी ने पिछले तीन सालों में आर्थिक विकास, संविधान सुधार तथा बाढ़ नियंत्रण कार्य में मंत्रियों के प्रदर्शन की सराहना की है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक प्रधान मंत्री गिलानी ने अंतिम मीटिंग में कहा कि 50 से अधिक मंत्रियों से गठित मौजूदा पाक मंत्रिमंडल जरूरत से ज्यादा बड़ा साबित हुआ है, वे आने वाले 24 घंटों के भीतर एक छोटे पैमाने वाले मंत्रि मंडल का गठन करेंगे। पाक विरोधी पार्टियों ने अनेक बार मंत्रियों की अधिक संख्या पर आपत्ति की है, इसे देखते हुए नए मंत्रि मंडल के मंत्रियों की संख्या 20 और 30 के बीच नियंत्रित होगी। सूत्रों के अनुसार श्री गिलानी को मौजूदा सरकार की सत्ता को मजबूत बनाने के लिए पाक मुत्ताहिदा क़ौमी मूवमेंट को भी नए मंत्रि मंडल में न्योता देने का इरादा है।
असलियत यह है कि मंत्रि मंडल को सरल व छोटा बनाना पाक संविधान सुधार की एक मांग है। इसके लिए पाकिस्तान की सब से बड़ी विपक्षी पार्टी पाक मुस्लिम लीग(नवाज शरीफ) ने कई बार सरकार के सामने यह मांग पेश की थी। सत्ताधारी पार्टी के रूप में पाक पीपुल्स पार्टी ने पिछले हफ्ते में आयोजिक अपनी केन्द्रीय कार्यकारी कमेटी के सम्मेलन में मंत्रि मंडल के सरलीकरण प्रस्ताव पर विचार भी किया था। सम्मेलन में प्रधान मंत्री गिलानी को मौजूदा मंत्रि मंडल को भंग करने तथा नया मंत्रि मंडल गठित करने का अधिकार सौंपा गया है। पीपुल्स पार्टी की उम्मीद है कि इस फैसले के जरिए मुस्लिम लीग से सरकार की कर वसूली सुधार के प्रति समर्थन हासिल किया जाएगा। यह कर वसूली सुधार अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा पाक को आगे सहायता देने के लिए रखी गयी एक मुख्य शर्त है। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि मुस्लिम लीग का समर्थन मिलने के लिए पीपुल्स पार्टी को उस की अन्य मांगों को भी पूरा करना पड़ेगा, जिन में सरकार के 30 प्रतिशत दैनिक खर्च की कटौती, स्वतंत्र चुनाव आयोग की स्थापना और भ्रष्टाचार का पूरी तरह विरोध करना आदि शामिल हैं। पाक प्रधान मंत्री गिलानी ने इसलिए इस मौके पर मंत्रि मंडल को सरल बनाने की कोशिश की है, जिस का मकसद कुछ मंत्रियों पर विरोधी पार्टियों और मीडिया के द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का जवाब देना है। श्री गिलानी ने कहा कि एक छोटे मंत्रि मंडल का गठन करने से सरकार के खर्चों में भारी कटौती की जा सकेगी और सरकार की छवि निखारी जा सकेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान में वर्तमान में अनेकों ऐसी समस्याएं मौजूद हैं, जिन्हें तुरंत हल करना निहायत जरूरी है। पहला, देश में आर्थिक बोझ बहुत भारी है, पाक सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 11 अरब अमरीकी डालर के कर्ज ले लिए हैं। दूसरा, पिछले साल आई भारी बाढ़ से प्रभावित लोगों में से अभी 2 करोड़ लोगों का पुनर्वास नहीं हो पाया है तथा उन की हालत बहुत खराब है। इन के अलावा पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति अस्थिर है, तालिबान सशस्त्र शक्ति राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा कर फिर हमले बोल सकेगी। ऐसी गंगीर स्थिति में पाकिस्तान यदि देश की स्थिति सुस्थिर करना तथा आर्थिक विकास प्राप्त करना चाहे, तो उसे एक मजबूत व कारगर सरकार की जरूरत है। ऐसे समय में गिलानी सरकार का पुनर्गठन करने के जरिए उपरोक्त समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। विश्लेषकों के अनुसार नए मंत्रि मंडल में वित्त, विदेश, रक्षा व गृह मंत्रियों के पद नहीं बदलेंगे यानिकि पीपुल्स पार्टी नयी सरकार में अपना मुख्य स्थान बनाए रख सकेगी।