चीन के केन्द्रीय बैंक ने 8 फरवरी की रात को घोषणा की है कि 9 फरवरी से बैंकों में एक साल की समाधि जमा ब्याज दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाया जाएगी, इस के साथ अन्य संबद्ध जमा ब्याजों और कर्जों की दर भी उन्नत की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी केन्द्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के दबाव को हल्का करने के उद्देश्य में यह कदम उठाया है।
8 फरवरी को चीन के परंपरागत त्योहार यानी वसंतोत्सव का अंतिम दिन था, इस मौके का लाभ उठाकर केन्द्रीय बैंक ने नये साल में पहली बार बैंकों की ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की है। चीनी आधुनिक संबंध अनुसंधान अकादमी के विश्व अर्थव्यवस्था अध्ययन संस्थान की प्रधान सुश्री छन फङयंग ने कहा कि ब्याज दर बढ़ाने का कदम बाजार की भावी स्थिति से मेल खाता है, जिस से बाजार को बहुत कम झटका पहुंचेगा। वर्तमान स्थिति में ब्याज बढ़ाने का मकसद देश में मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने की कोशिश करना है। इस पर उन्हों ने कहाः
चीनी जन बैंक ने इस बार क्यों फिर से बैंकों की ब्याज दर बढ़ायी, मेरे विचार में इस का मकसद चीन के सामने उभरे मुद्रास्फीति के खतरे को मिटाना है, यह सरकार का एक प्रमुख वित्तीय काम भी है। इस साल चीन में मुद्रास्फीति का दबाव फिर भी बहुत बड़ा होगा। मुद्रास्फीति का मुख्य बाह्य कारण विश्व में प्रमुख चीजों के दामों में भारी वृद्धि होना है, चीन खनिज पदार्थों की अपनी जरूरत के लिए मुख्यतः निर्यात पर निर्भर करता है, विश्व बाजार में दाम बढ़ने से चीन के बाजार में महंगाई काफी बढ़ जाएगी। मुद्रास्फीति का आंतरिक कारण भी है, वह मुख्यतः ढांचागत मुद्रास्फीति के रूप में देखा जा सकता है, जैसा कि श्रम शक्ति की लागत उत्पादन लागत की उन्नति के साथ साथ भी बढ़ जाएगी। और तो और देश के उत्तरी इलाके तथा दक्षिण इलाके के कुछ भागों में लम्बे समय से सूखा पड़ रहा है, जिस का इस साल के कृषि उत्पादों पर काफी असर पड़ेगा और कुछ अवधि में कृषि उत्पादों की आपूर्ति की समस्या भी उभर सकेगी।
चीनी सरकारी अधिकारियों ने भी विशेषज्ञों की रायों का समर्थन किया है। चीनी राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केन्द्र के वित्तीय अध्ययन संस्थान के उपाध्यक्ष बा शुसोंग ने मीडिया को बताया कि इस साल के पहले दो महीनों में मुद्रास्फीति का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, अनुमान है कि जनवरी महीने में चीजों के दाम प्रतिकूल मौसम और वसंतोत्सव की वजह से नई ऊंचाई छूते जाएंगे।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल, देश भर में नागरिक उपभोक्ता मूल्य में वर्ष 2009 से 3.3 फीसदी का इजाफा हुआ था। महंगाई पर काबू पाने के लिए केन्द्रीय सरकार ने पिछले साल की तीसरी तिमाही से कुछ कदम उठाए हैं। पिछले साल के अंत में आयोजित केन्द्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन ने 2011 के आर्थिक विकास के लिए बुनियादी उसूल निर्धारित किए हैं, जिस के तहत नए साल में ढांचागत समन्वय करने के जरिए चीजों के दामों को स्थिर बनाया जाएगा, जन जीवन को सुनिश्चित करने तथा सुधार को गहरा करने की निरंतर कोशिश की जाएगी, सक्रिय वित्ती नीति और सुस्थिर मुद्रा नीति लागू करते हुए सिलसिलेवार प्रबंध तरीकों से मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा जाएगा।
सुश्री छन फङयंग ने कहा कि चीनी केन्द्रीय बैंक ने जो ब्याज दर बढाने का कदम उठाया है, वह इस साल में अंतिम नहीं होगा, आने वाले समय में पुनः ब्जाय बढ़ाने की संभावना है। उन्हों ने कहाः
नए साल में यह पहली बार है कि बैंकों की ब्याज दर बढ़ायी गयी, इस बार 0.25 प्रतिशत की बदौत्तरी की गयी है जो एक नरम कदम है और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करने के हित में है, लेकिन वर्तमान चीन में ब्याज दर फिर भी महंगाई की दर से नीचा है, ऐसी स्थिति में भविष्य में फिर एक बार ब्याज दर बढ़ाना जरूरी है।
मार्केटिंग सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय सरकार द्वारा आवास बाजार पर कड़ा नियंत्रण किये जाने की हालत में ब्याज दर व कर्ज दर बढ़ाने से मकान खरीदने का खर्चा बढ़ जाएगा, जिस से आवास बाजार में सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, साथ ही ब्याज दर में की जाने वाली वृद्धि भी लोगों के अनुमान में है, इसलिए इस का देश के शेयर बाजार पर भी अधिक असर नहीं पड़ेगा।