इस आलेख में कहा गया कि बडी प्रतियोगिता में वर्तमान चीनी टीम की प्रगति की स्थिति ,मैच की कमान करने की क्षमता और भावी विकास की दृष्टि से देखा जाए ,तो चीनी मुख्य कोच काओ होंग प निराशजनक है ।वास्तव में यह एशिया कप वर्ष 2014 विश्व कप के क्वालिफाइंग दौर से पहले एक परीक्षा है ।काओ होंग प इस परीक्षा में पास नहीं हुए ।दूर्गामी दृष्टि से हमें उच्च स्तर वाले विदेशी कोच को फिर निमंत्रण देना चाहिए ।
इस एशिया कप पर चीनी टीम के मुख्य कोच काओ होंग प ने कई बार बल दिया कि चीनी टीम का मुख्य लक्ष्य अनुभव इकट्ठा करना व आजमाइश करना है ।मैच के परिणाम की जगह मैच प्रक्रिया पर ज्यादा महत्व देना ठीक है ।लेकिन तीन मैचों में इस युवा टीम की अनेक कमजोरियां नजर आयीं ,जैसे हमले के उपायों का अभाव ,अस्थिर रक्षा और कमान करने की कमी ।इन कमजोरियों से व्यापक फुटबाल प्रेमी इस टीम पर अधिक बडी आशा नहीं बांध सकते ।
पहले मैच में चीनी टीम ने 2--0 से खाडी कप के विजेता क्वैंट को हराया ,लेकिन इस का मुख्य कारण यही है कि क्वैंट के एक खिलाडी मैच के शुरू में फाउल से उतारा गया ।दूसरे मैच में चीनी टीम कटर से 0--2 से हार गयी ।मैच में चीनी टीम के हमला का गठन गडबड रहा ।चीनी टीम के लाइनअप में बडी समस्य़ा मौजूद थी ।
इस आलेख में पूछा गया कि ऐसी आजमाइश से चीनी टीम को विश्व कप की तैयारी के लिए क्या मदद मिलेगी ।चीनी टीम एशिया कप के ग्रुप दौर से नहीं निकल सकी ,तो इस परिणाम से खिलाडियों के आत्मविश्वास पर बुरा असर पडेगा ।एक न्यूज ब्रीफिंग में किसी विदेशी रिपोर्टर ने चीनी मुख्य कोच से पूछा कि आप लोग सीखने या मैच खेलने के लिए आये ।आप ने वास्तव में क्या सीखा है ।क्या चीनी टीम अपनी पूरी शक्ति दिखाकर सीख नहीं सकती ।क्या वह विश्व कप में फिर हार खाने के बाद अपनी गलती मानेगी ।
इस आलेख में कहा गया कि चीनी फुटबाल टीम के पास ज्यादा समय नहीं है ।जब चीनी टीम धीरे धीरे आगे बढ रही है ,तो अपने प्रतिद्वंदी काफी विकसित हो चुकी हैं ।जापान ,दक्षिण कोरिया व ईरान जैसी चोटी स्तर वाली एशियाई टीमें अपनी रणनीतिक व तकनीकी स्तर उन्नत करने की कोशिश कर रही हैं ।साउदि अरबी टीम एशिया कप के ग्रुप दौर में हार गयी ,पर उस ने अच्छे मैच खेले ।ईराक ,जोर्डन ,सीरिया व यू ए ई अपने अपने विदेशी कोचों के नेतृत्व में जल्दी से विकसित हो रहे हैं ।लेकिन चार साल के पहले की चीनी टीम की तुलना में वर्तमान चीनी टीम का सुधार कम रहा ।हमारा एकमात्र लक्ष्य वर्ष 2014 विश्व कप के फाइनल दौर में भाग लेना नहीं है ।हम यह नहीं चाहते कि चीनी फुटबाल का विकास ईराक ,जोर्डन व सीरिया से भी धीमा रहेगा ,जिन देशों में पेशेवर लीग स्थापित नहीं हुई ।
वर्तमान चीनी टीम के युवा खिलाडियों की एकता मजबूत है और कोच ग्रुप ,तकनीकी ग्रुप व लाजिस्टिक्स ग्रुप का तालमेल अच्छा है ।लेकिन हमले व समग्र तकनीक व टैक्टिक्स में काओ होंग प ने बडा बदलाव नहीं लाया ।चीनी टीम के पास हमला करने के उपाय कम हैं ।वे बाल नियंत्रण व तकनीक पर जोर लगाते रहे ,लेकिन इस एशिया कप पर चीनी टीम यह विशेषता नहीं दिखा पायी ।
काओ होंग प वास्तव में चीनी फुटबाल की तकनीकी शैली ढूंढते रहते हैं ,क्योंकि चीनी फुटबाल को अपना विशेष व सही रास्ता तय करना है ।मुख्य कोच का पद संभालने के वक्त काओ होंग प ने स्पेन की फुटबाल शैली सीखने को कहा था ।उन्होंने बाल नियंत्रण व तेज पास को बडा महत्व दिया ।लेकिन इस एशिया कप पर चीनी टीम के प्रदर्शन से देखा जाए ,तो इन दोनों पक्षों में चीनी फुटबाल की प्रगति स्पष्ट नहीं है ।
इस आलेख में कहा गया कि चीनी टीम के लिए सब से अच्छा उपाय एक उच्च स्तरीय विदेशी कोच निमंत्रित करना है ।उन से चीनी कोच सीख सकेंगे कि अभ्यास कैसे कराया जाए और मैच का कमान कैसे किया जाए ।इस तरह चीनी फुटबाल एक सही रास्ते पर चलेगा ।
इस के अलावा चीनी फुटबाल को एक फुटबाल तकनीक व टैक्टिक्स अनुसंधान व विकास केंद्र की आवश्यकता है ,जो अंतरराष्ट्रीय फुटबाल तकनीक व टैक्टिक्स का अनुसंधान करेगा और चीनी फुटबाल की कमियां दूर करने के लिए सुझाव पेश करेगा ।