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क्वांगतुंग स्थानीय ओपेरा
2011-01-24 17:20:11

क्वांगतुंग ओपेरा चीन के क्वांगतुंग इलाके का एक अनोखा स्थानीय ओपेरा है, जिसे क्वांगतुंग बोली में गाया जाता है, और वह मुख्य तौर से क्वांगतुंग , हांगकांग व मकाओ आदि जगहों में प्रचलित है। क्वांगतुंग ओपेरा गीत , कलाकारों के अभिनय, संगीत मंडली, ओपेरा वस्त्र व मेकअप आदि कलाओं से जुड़ी एक अदभुत कला है। क्वांगतुंग ओपेरा अपनी अनोखी कला से चीन की राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत की नाम सूची में शामिल की गयी पहले जत्थे की संस्कृति है। वर्ष 2008 के 30 सितम्बर में क्वांगतुंग, हांगकांग व मकाओ के संयुक्त निवेदन पर क्वांगतुंग ओपेरा औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र की यूनेस्को के मानव सांस्कृतिक विरासत कला की नामसूची में सम्मलित कर ली गयी है।

अभी आपने क्वांगतुंग ओपेरा की मशहूर अभिनेत्री हुंग श्येन नी की आवाज में गाया - लीची का गुणगान - नाम के ओपेरा का एक गीत सुना। चीन के 300 से अधिक स्थानीय ओपेराओं में क्वांगतुंग ओपेरा खुंन ओपेरा के बाद विश्व सांस्कृतिक विरासत की परम्परागत ओपेरा कला बन गयी है। वर्ष 2008 के 30 अक्टूबर को क्वांगतुंग, हांगकांग व मकाओ द्वारा संयुक्त रूप से विश्व सांस्कृतिक विरासत नामसूची में शामिल होने की सफलता की खुशी मनाने के लिए, ओपेरा जगत के लोगों ने हांगकांग में एक विशेष क्वांगतुंग ओपेरा का आयोजन किया। इस बार के आयोजन में ओपेरा के प्रेमियों ने इस का बढ़चढ़कर समर्थन किया, हजारों टिकटें हाथों हाथ बिक गए। क्वांगतुंग और हांगकांग की क्वांगतुंग ओपेरा मंडली के महा प्रबंधक तिंग फान ने क्वांगतुंग ओपेरा के विश्व सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में शामिल होने की खुशी में हमें बताया इस बार विश्व सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में शामिल होने में सफलता पाने का मुख्य कारण क्वांगतुंग, हांगकांग और मकाओ के संयुक्त रूप से इस का समर्थन करना है, एक अन्य महत्वपूर्ण कारक यह भी है कि क्वांगतुंग ओपेरा की विश्वभर लोकप्रियता तेजी से फैल रही है, यह कहा जा सकता है कि दुनिया की किसी जगह में जहां चीनी लोग हों वहां क्वांगतुंग ओपेरा की धुन सुनने को मिल सकती है, यह वाकई एक सच्चाई है।

क्वांगतुंग प्रांत का विशेष आर्थिक क्षेत्र चूहाए शहर में एक प्राचीनतम शैली की इमारत है, इस इमारत में क्वांगतुंग ओपेरा के प्रेमियों द्वारा संगठित दक्षिण चीन संगीत गीत मंडली गतिविधि का केन्द्र स्थित है । लगभग हर दिन इस इमारत के इस केन्द्र में क्वांगतुंग ओपेरा प्रेमी अपनी मनपसंद की क्वांगतुंग ओपेरा की धुन गाते है , संगीत संयंत्र बजाते हैं या तो ओपेरा के गीतों को स्वर खोलकर गाते हैं। क्वांगतुंग ओपेरा की जीवन शक्ति इस लिए इतनी प्रफुल्लित है क्योंकि उसके कलाकार ओपेरा के विकास व सृजनता पर हमेशा से संलग्न रहे हैं। एतिहासिक व भौगोलिक परिस्थिति के कारण, क्वांगतुंग ओपेरा चीन के अन्य स्थानीय ओपेराओं में सबसे पहले विदेशी कलाओं व उसके समुन्नत नाच गान व मंच कला की तकनीकों से संबंध बनाए रखे हुए था, इस लिए उसने सबसे पहले अपने स्थानीय ओपेरा की कला में विदेशी कारकों को शामिल कर उस में नयी जान डाली है, जो आज दुनिया भर में लोकप्रियता का कारण मानी जाती है।

आधुनिक इतिहास के युग में क्वांगतुंग ओपेरा के गुरू श्वे च्वे श्येन और मा सी चंग ने क्वांगतुंग ओपेरा का सर्वोतोमुखी रूप से सुधार किया। गुरू श्वे ने अपनी योग्यता से चीनी विदेशी ओपेरा की खूबियों, उत्तर दक्षिण चीन इलाकों के ओपेरा की विभिन्नता की खूबियों का अच्छा निचोड़ किया, उधर गुरू मा ने साहस और उत्साह को बढ़ाकर सौ साल पुरानी सांस्कृतिक कला को नया रूप देने का मिसाल पेश किया, इन दो गुरू के अभूतपूर्व योगदान ने क्वांगतुंग ओपेरा को सिनेमा व स्टेज दोनों में सफलतापूर्वक प्रवेश करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की ।

इधर के सालों में क्वांगतुंग ओपेरा ने अपने सुधार को निरंतर बरकरार रखा है। क्वांगतुंग ओपेरा मंडली द्वारा निर्देशित - चांद फूल छाया का मिलन – में तो इस स्थानीय ओपेरा में ओक्सेटरा व सिनफनी का प्रयोग व उसके जातीय संगीत संयंत्र के साथ का बेहतरीन मिलन तथा प्यानो , आधुनिक नृत्य व मार्शल आर्ट आदि विविध कलाओं के रूप को अपनाने से बड़ी संख्या में आज के व्यापक युवा पीढ़ी को अपनी ओर आकर्षित किया है। जैसे कि क्वांगतुंग ओपेरा संघ के अध्यक्ष, क्वांगतुंग ओपेरा मंडली के प्रबंधक नी हुए इंग ने कहा है, यह न केवल परम्परागत ओपेरा ही है बल्कि एक आधुनिक फैसनेबुल ओपेरा भी है। उन्होने कहा असल में क्वांगतुंग ओपेरा के रूप में अनेक परिवर्तन करने की भारी गुंजाइश हैं, इस में प्रेम से भरपूर आन्नदमय का माहौल तैयार ही नहीं किया जा सकता है, बल्कि एक साहसपूर्ण वीरता की छवि को भी निखारा जा सकता है। अगर हम परम्परागत कला को बरकरार रखने के साथ आधुनिक व मार्डन कारकों को भी ओपेरा में शामिल करवाए तो हम आधुनिक युवाओं की मनपसंद को भी आकर्षित कर सकते हैं, जो एक आधुनिक मनोरंजन के रूप में हमारे युग की एक नवीन कला बन सकती है।

क्वांगतुंग ओपेरा एक परम्परागत कला होने के नाते फिलहाल आर्थिक भूमंडलीकरण, सामाजिक बहुकारक व संस्कृति विविधता के युग में नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस लिए उसके विकास को गंभीर परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। चीन में विविध मनोरंजन कलाओं के अपनी धूम मचाने से क्वांगतुंग ओपेरा को भूल जाने या उसकी छवि धूमिल होने का खतरा सामने खड़ा हुआ है, आज उसके बाजार की मांग में गिरावट आ रही है। किस तरह उसे नए जमाने की चुनौतियों से बचाया जा सके, यह एक आसान काम नहीं है, इस पर समाज की पूरी शक्ति से एक उम्दा माहौल तैयार करने की जरूरत है।

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