दोस्तो , चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 19 जनवरी को अमरीकी राषट्रपति ओबामा के साथ ह्वाइट होउस में वार्ता की। दोनों पक्षों ने उसी दिन जारी संयुक्त वक्तव्य में समान रुप से आपसी सम्मान और आपसी लाभ व समान जीत वाले चीनी व अमरीकी सहयोग व साझेदारी की स्थापना करने पर सहमति जतायी है । नयी सदी के दूसरे दशक में प्रविष्ट होने पर चीन व अमरीका दोनों पक्षों ने आपसी संबंधों के भावी विकास पर जो प्रकाश डाला है , उस से दोनों देशों का पारस्परिक समान हितों को बढाने और 21वीं सदी के मौके व चुनौती का मुकाबला करने का सक्रिय सिगनल सूचित हो गया है ।
अमरीका के स्थानीय समय के अनुसार 19 जनवरी की सुबह ह्वाइट होउस के दक्षिणी लाँन पर चीन लोक गणराज्य का राष्ट्रगान गाया गया और 21 तोपों की सलामी दी गयी । अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने हू चिन थाओ के सम्मान में भव्य स्वागत रस्म आयोजित की । यह ओबामा के सत्ता पर आने के पिछले दो सालों में किसी चीनी राज्याध्यक्ष की प्रथम राजकीय यात्रा ही है ।
21वीं शताब्दी में प्रवेश होने के बाद चीन अमरीका संबंध का विकास ध्यानाकर्षक है । नवम्बर 2009 में ओबामा नियमित नियम तोड़कर पदग्रहण के ही साल में चीन की यात्रा पर जाने वाले प्रथम अमरीकी राष्ट्रपति बने । ओबामा के चीन में ठहरने के दौरान चीन व अमरीका ने जारी संयुक्त वक्तव्य में जोर देते हुए कहा कि वे 21वीं शताब्दी की ओर सकारात्मक सहयोग व सर्वांगीर्ण चीन अमरीका संबंध और ठोस कार्यवाही के जरिये समान चुनौतियों का मुकाबला करने वाले साझेदार संबंध की स्थापना करने को तैयार हैं । पर 2010 में चीन अमरीका संबंध उलझन में पड़ गये हैं । लगातार परिवर्तनशील अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति तले एक दूसरे के प्रति दृष्टिकोण को कैसे समन्वित करना और सहयोग को सुदृढ़ बनाना चीन व अमरीका दोनों देशों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है । मौजूदा हू चिन थाओ व ओबामा की वार्ता में प्राप्त परिणाम भी बेहद चर्चित हैं ।
19 जनवरी को हू चिन थाओ और ओबामा ने अलग अलग तौर पर अपने आर्थिक व व्यापारिक , वित्तीय और राजनयिक आदि अनेक क्षेत्रों के उच्च स्तरीय अधिकारियों को लेकर छोटी बड़ी वार्ताओं में भाग लिया । ये सिलसिलेवार वार्ताएं चीन व अमरीका के द्विपक्षीय संबंधों और कोरियाई प्रायद्वीप के न्यूक्लीयर सवाल समेत क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय चर्चित मामलों से जुड़ी हुई हैं ।
हू चिन थाओ ने वार्ता में बल देते हुए कहा दोनों पक्षों के लिये यह जरुरी है कि दोनों देशों के संबंधों की सही दिशा को गिरफ्त में बांधकर एक दूसरे की राजकीय प्रभुसत्ता , प्रादेशिक अखंडता व विकास हित का सम्मान किया जाये , चीन अमरीका संबंध को दीर्घकालिक व स्वस्थ रुप से बढावा दिया जाय़े , ताकि विश्व शांति व विकास के लिये और बड़ा योगदान किया जा सके । हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि दोनों देशों व सारी दुनिया की जनता की भलाई के लिये सकारात्मक सहयोग व सर्वांगीर्ण चीन अमरीका संबंध को बढ़ावा दिया जायेगा , हम आर्थिक व्यापार , ऊर्जा , पर्यावरण , ज्ञान विज्ञान , आधारभूत संस्थपनों के निर्माण , संस्कृति, शिक्षा , आतंकी विरोध , अप्रसार समेत अनेक क्षेत्रों में आदान प्रदान व सहयोग को सुदृढ़ बनाने पर भी राजी हुए हैं ।
19 जनवरी की वार्ता में हू चिन थाओ ने नये काल के चीन अमरीका संबंध के विकास के बारे में पांच सूत्रीय सुझाव पेश किये ।
कुछ विशेषज्ञों का विचार है कि एक लगातार विकसित व मजबूत चीन के प्रति अमरीका का बर्ताव अमरीका चीन संबंध के स्थिर विकास के लिये महत्वपूर्ण है । 19 जनवरी को हुई स्वागत रस्म , वार्ता और संवाददाता के साथ बातचीत में ओबामा ने बारंबार बल देकर कहा कि अमरीका दिन ब दिन उभरने वाले चीन का स्वागत करता है । अमरीका चीन के साथ द्विपक्षीय व बहुपक्षीय क्षेत्रों में सहयोग बढावा देना भी चाहता है ।
अमरीका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक शक्तिशाली , समृद्धिशाली व सफल सदस्य का रुप लेने वाले चीन का स्वागत करता है । चीन की सफतला अमरीका व चीन दोनों देशों की जनता को आर्थिक लाभ पहुंचाती है , जबकि सिलसिलेवार सवालों पर दोनों पक्षों के सहयोग ने भी प्रशांत एशिया क्षेत्र , यहां तक कि सारी दुनिया की शांति व स्थिरता को बढावा दिया है ।
चीन अमरीका संबंध में सब से संवेदनशील थाईवान सवाल के बारे में ओबामा ने एक चीन की नीति पर कायम रहने का रुख और चीन व अमरीका के बीच संपन्न तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का पालन भी दोहराया ।
19 जनवरी को मौजूदा हू चिन थाओ की अमरीका यात्रा बुलंदी पर है । राष्ट्रपति ओबामा के साथ वार्ता को छोड़कर हू चिन थाओ उप राष्ट्रपति व विदेश मंत्री द्वारा दिये गये भोज में उपस्थित हुए , उसी दिन रात को राष्ट्रपति ओबामा ने ह्वाइट होउस में हू चिन थाओ के सम्मान में भव्य राजकीय भोज दिया ।
चाहे वार्ता में हुई सहमति , जारी संयुक्त वक्तव्य हो या दोस्ताना परिवेश क्यों न हो , अमरीका व चीन ने सारी दुनिया को यह सिगनल सूचित किया है कि सब से बड़ा विकासशील देश चीन और सब से बड़ा विकसित देश अमरीका और घनिष्ट सहयोग करने को संकल्पबद्ध हैं ।