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जापान की मर्मस्पर्शी सौन्दर्य मोहब्बत कथा को चीनी ओपेरा में उतारने की सफलता ने दुनिया में चेच्यांग ओपेरा का नाम रौशन किया है
2011-01-18 17:15:36

चेच्यांग ओपेरा जिसे व्ये-च्वी के नाम से भी जाना जाता है, खासकर पूर्वी चीन के चेच्यांग प्रांत की एक परम्परागत ओपेरा है, इस ओपेरा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस ओपेरा के सभी पात्र , चाहे वे पुरूष क्यों न हों, महिला अभिनेत्री ही उनका रोल अदा करती हैं। तभी तो इस ओपेरा के गानों के स्वर अत्यन्त मधुर होते हैं, संगीत की महकती धुन मन को लुभाती हैं। चेच्याग की श्वेत फूल ओपेरा मंडली की सुन्दरियां जब भी स्टेज में आती हैं तो लोगों को एक मधुमय व आश्चर्य की दुनिया में ले जाकर छोड़ती हैं। महकती व बल खाती अदाएं व थोड़ी मीठी शर्मीली मुस्कराटें व उनकी अदभुत अभिनय कला शैली तो कहीं अधिक लोगों को मंत्रमुग्ध किए बिना नहीं छोड़ती हैं। हाल ही में श्वेत फूल नाम की चेच्याग ओपेरा मंडली के नेता माओ वए थाओ ने अपनी नयी निर्मित 《ल्यांग सान पो और चू इंग थाए》 यानी चीन के रोमियो व ज्यूलियट तथा 《छुनछिन कथा》 नाम के दो ओपेराओं को लेकर चीनी राष्ट्रीय महा थियेटर में आयोजित कला प्रदर्शनी में भाग लिया। इन में एक ओपेरा की कहानी पश्चिम के रोमियो और ज्यूलियट कहानी से एकदम मिलती जुलती है, और दूसरी जापान के छुनछिन और नौकर की दंतकथा पर आधारित प्यार की एक दुखद कहानी है। दोनों की कला शैली हालांकि अलग अलग है पर उनके प्यार पर मर मिटने की प्रतिज्ञा ने दो आशिकों की सत्प्रवृत्ति मोहब्बत व उसपर जान कुर्बान करने की महान सदभावना को दुनिया में सच्चे प्यार का पैगाम पहुंचाया है।


ल्यांग सान पो व चू इंग थाए की कहानी चीन में दो प्रेमियों के जी-जान से एक दूसरे को प्यार करने की एक बहुत ही लोकप्रिय कथा है, चीन के स्वर्गीय प्रधान मंत्री चओ एन लाए ने इस कहानी को पूर्व के रोमियो और ज्यूलियट के नाम से इस की सराहना की थी और विदेशी दर्शकों से इस कहानी को जानने की सिफारिश की थी। श्वेत फूल चेच्यांग ओपेरा मंडली की नयी संस्करण 《ल्यांग सान पो और चू इंग थाए》 ओपेरा ने सचमुच विदेशी दर्शकों के मन को हिला दिया और पश्चिम संस्कृति के बीच के आदान प्रदान की बाधा को तोड़ डाला । यूरोप में अपनी सफलता के बाद घर लौटने के बाद इस मंडली ने पेइचिंग राष्ट्रीय महा थियेटर में तीसरी बार इस ओपेरा को फिर एक बार स्टेज पर दिखाया, लोगों की ऊंची उमंग ने पूरे थियेटर में धमाका मचा दिया।


चेच्यांग की श्वेत फूल ओपेरा मंडली के नेता माओ वए थाओ ने कहा चेच्यांग ओपेरा 《ल्यांग सान पो और चू इंग थाए》 चीन में एक सच्चे प्यार की अमर कहानी है, जो चीनी शैली व पूर्वी संस्कृति से ओतप्रोत है। इस ओपेरा ने पूरी दुनिया को समान प्यार भावना का संदेश भेजा है। उन्होंने हमें बताया 《ल्यांग सान पो और चू इंग थाए》 चीन की एक बहुत पुरानी अमर लोक कथा है, जो पूरे चीन में एक हजार से गुनगुनायी जाती रही कहानी है।

चीनी लोगों की याद में वे एक सच्चे प्यार का प्रतीक है और चीन की आदर्श संस्कृति का एक चिन्ह है। आज से 50 साल पहले स्वर्गीय प्रधान मंत्री चओ एन लाए जब नए चीन की स्थापना के बाद जेनेवा की यात्रा पर गए थे तो उन्होंने जो पहली चीनी रंगीन फिल्म चुनी थी, वे 《ल्यांग सान पो और चू इंग थाए》 ही थी। उन्होंने जेनेवा के विदेशी मित्रों को बताया कि ये चीन के रोमियो और ज्यूलियट की मोहब्बत कहानी है, लोगों ने बड़ी जिज्ञासु भरे मन से इस फिल्म को देखा, तब से चीनी संस्कृति और पश्चिम संस्कृति के बीच के आदान प्रदान की दीवार बाधा टूट गयी। इस कहानी की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि इस फिल्म में असली चीनी और असली पूर्वी संस्कृति की झलकती खूबसूरती भरी हुई है। इस फिल्म के जरिए पश्चिम दुनिया ने चीन की परम्परागत संस्कृति के बीच मेल मिलाप जोड़ना शुरू किया और उन्हें चीन की संस्कृति की खूबसूरत पहचान पाने में मदद मिली।


श्वेत फूल चेच्यांग ओपेरा मंडली की दूसरी कला प्रस्तुति का नाम है 《छुनछिन कथा》, इस ओपेरा को नोबेल साहित्य पुरस्कार विजेता जापान के मशहूर लेखक ज्यूनीचिरो तानीजाकी की छुनछिन कथा के आधार पर तैयार की गयी है, जो दो आशिकों की एक दुखद-भरी कहानी है। ये जापान के पुराने जमाने की एक मर्मस्पर्शी मोहब्बत की त्रासदी घटना है, इस कहानी के मुख्य पात्र छुनछिन हैं , जो अपनी नेत्र ज्योति तो खो बैठी है, पर उसकी बुद्धि व सुन्दरता पर अपना दिल दे बैठा पुरूष नौकर चोचू अपनी सजनी के चेहरे को दुश्मन द्वारा नष्ट कर देने के बाद भी उसे अपने तन मन से प्यार करता रहा, अपनी सच्ची मोहब्बत को साबित करने के लिए , उसने अपनी सजनी छुनछिन को दिए एक उपहार नन्ही सूई से अपनी आंखे फोड़ डाली, तब से वे पहले से ही ज्योति खो बैठी व बाद में अपने दुश्मन द्वारा चेहरे की खूबसूरती नष्ट कर डाली जाने वाली सजनी के दिल में पूरी तरह समा गया, दोनों का दिल एक हो गया , अपनी दुखान्त भरी दास्तान से उनकी सच्ची भावना सदा के लिए दुनिया में अमर हो गयी।


श्वेत फूल चेच्यांग ओपेरा मंडली के इस ओपेरा को देखने के बाद , चीन के जाने माने वरिष्ठ कलाकार फू छुन-सी ने हमें बताया, सिर्फ श्वेत फूल ओपेरा मंडली ही इस शानदार खूबसूरत कहानी को इतनी अच्छी तरह प्रदर्शित ही कर सकती है। हालांकि इस जापानी कथा को चीनी कलाकारों ने दर्शाया है, पर इस में तनिक चीन की छाया नहीं नजर आती है, सच पूछो तो इस में जापान की असली संस्कृति का रस व स्वाद भरा हुआ है।


इस ओपेरा के निर्देशक कू श्याओ नान ने जानकारी देते हुए कहा , प्रत्येक प्रदर्शन से पहले छुनछिन कथा ओपेरा के अभिनेत्रियां अपने अभिनय की बारी आने से पहले जापानी महिलाओं की तरह घुटनों के सहारे बैठी रहती हैं, वे इस प्रकार जापान की संस्कृति व संगीत की दुनिया में खो जाती है। निर्देशक कू श्याओ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, ओपेरा के शुरू होने से पहले या अपनी अभिनय की बारी आने से पहले वे अक्सर आधे घन्टे तक अपने घुटने के सहारे बैठी रहती हैं। अन्य ओपेरा में अपने अभिनय से पहले कलाकार स्टेज के पीछे बातें कर सकते हैं , गप्पे मार सकते हैं, पर केवल इस ओपेरा के मौके पर वे कुछ भी बातें नहीं करते हैं। हमने एक नियम रखा है कि अपने अभिनय से पहले घुटने के सहारे बैठने की रिहासर्ल से उनकी मन-भावना को केन्द्रित रखा जा सकता है, और उनके अभिनय स्थिति को बरकरार रखा जा सकता है, ताकि जापान की संस्कृति व ओपेरा का संगीत उनके दिल में शुरू से अन्त तक महकता रहे और उनकी मन-भावना को हर समय जापानी अभिनय की स्थिति में तैयार रखा जा सके।


जापानी संगीत की धुन व उसकी ताल के बीच चेच्यांग ओपेरा में इतना बड़ा अन्तर होने पर काफी लोगों ने इस पर आपत्ति उठायी थी, लेकिन मंडली के नेता माओ वए थाओ ने इन शंकाओं पर लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, हमें चेच्यांग ओपेरा और जापानी संगीत नृत्य ओपेरा के बीच सबसे अच्छा मेल मिलाप बिठाने की कोशिश करनी चाहिए, जबकि जापानी 《छुनछिन कथा》 ने साबित कर दिखाया है कि चेच्यांग ओपेरा अपने से बिल्कुल अलग एक संस्कृति का आलिंगन कर सकने में सक्षम हैं, ये हमारे चेच्यांग ओपेरा की परिपक्व होने का एक पुख्ता सबूत है। उन्होंने आशान्वित भरे स्वर में कहा एक किस्म की कला के परिपक्व होने व उसके फलते फूलते होने का प्रतीक यह है कि उसके पास अपने से अलग किसी भी विदेशी संस्कृति कला को अपनी कला से दर्शाने की कला माहिरता ही नहीं है बल्कि उसे असली रूप देने की कला तकनीक भी उसे हासिल हैं। वास्तव में हमने जापानी 《छुनछिन कथा》 कहानी को चेच्यांग ओपेरा में दर्शाने के लिए पूरे दस साल का समय लगाया है, मैं बहुत लम्बे समय से अपने से बिल्कुल अलग एक ओपेरा की कहानी को अपनी कला में उतारने की कोशिश में लगा रहा हूं, उस समय मुझे भी नहीं मालूम था कि मैं यह क्यों करना चाहता हूं। जब ओपेरा पूरी तरह तैयार हो गया तो मुझे अहसास हुआ कि मैं सिर्फ यह साबित करना चाहता हूं कि चेच्यांग ओपेरा के पास किसी भी प्रकार की कला शैली को निखारने की अनोखी शक्ति व कला माहिरता है।

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