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सिन्चयांग की मनोरम मंच कला रचनाएं
2011-01-15 18:37:09

हाल ही में सिन्चयांग की राजधानी उरूमुछी में भव्य सिन्चयांग पेशावर कला मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कला मनोरंजन कार्यक्रम में सिन्चयांग की विभिन्न जातियों की कला मंडलियों ने अपनी अपनी शानदार रचनाओं से दर्शकों को दिल भर कर सिन्चयांग की मंच कला मनोरंजन के विकास की सफलता का आन्नद उठाने का एक सुअवसर प्रदान किया है।

इधर के सालों में सिन्चयांग की जातीय विशेषता वाली सांस्कृतिक गतिविधियां समृद्ध व प्रफुल्लित होती जा रही हैं, सिन्चयांग नृत्य गीत संगीत तथा कला मनोरंजन का कार्य फलता फूलता जा रहा है। नृत्य संगीत घर के नाम से सजायी गयी सिन्चयांग की मनमोहक कला , फिलहाल संगीत प्रेमियों के सपनों को सच्चाई में दर्शाने का एक स्थान बन गया है।

विविध संस्कृति, विभिन्न जातियां व अलग अलग क्षेत्रीय विशेषता वाली नृत्य गीत संगीत कला के मनोरंजन कार्यक्रम आज देश की समृद्धिशाली, जातीय एकता व सुखमय जीवन को अपने साथ मिलाकर सिन्चयांग की उमड़ती उमंग व तमन्ना के साथ घुलमिल गयी हैं, जो सिन्चयांग कला मंच की रंगबिरंगे युग के साथ महकती कला संगीत का रूप धारण कर चुकी हैं।

कुछ समय पहले सिन्चयांग के विशाल नृत्य गीत संगीत ओपेरा हमारा सुन्दर सिन्चयांग घर, भव्य संगीत ओपेरा बर्फीले पर्वत से आए मेहमान, स्टेज ड्रामा मासे गली का पुराना आंगन , परम्परागत संगीत नृत्य ओपेरा मुखामू का वसंत तथा विशाल संगीत एक्रोबेटिक ओपेरा सलाम आफानदी आदि कला प्रस्तुतियों ने अपनी विशेष जातीय रंगो से सुसज्जित संगीत नृत्य कलात्मक कार्यक्रमों से देश विदेश में भूरि भूरि प्रशंसा हासिल की हैं।

मध्य सिन्चयांग के पाइनकोले के मंगोलियाई स्वायत्त प्रिफेक्चर में उनकी अपनी जातीय कला का भरपूर कला भंडारण है। सिन्चयांग पाइनकोले मंगोलियाई स्वायत्त प्रिफेक्चर नृत्य गीत संगीत मंडली द्वारा प्रस्तुत संगीत नृत्य ओपेरा साउरतंग के गांव ने मंगोलियाई जातीय की सुन्दर परम्परागत संस्कृति को बड़ी खूबसूरती के साथ दर्शाया है, इस ओपेरा में एक नयी जिन्दगी में प्रवेश करने वाले इन्सान के दुनिया में आने और फिर बाद में परम्परागत संस्कृति को अपनाने , आहिस्ते आहिस्ते घास मैदान का एक वीर बन जाने की कहानी को प्रकृति के साथ इतना स्नेहपूर्ण रूप से जोड़ा है, जिस से दर्शक मंच में ही मंगोलियाई के सुन्दर व खुशहाली जीवन को सीधे महसूस कर सकते हैं। पाइनकोले नृत्य गीत संगीत मंडली के संगीत ध्वनि व स्टेज रोशनी के निर्देशक सुन हू ने जानकारी देते हुए हमें बताया साउरतंग के गांव नामक इस संगीत ओपेरा में वहां के बने बनाये प्राचीन गीत संगीत नृत्य, असल में पश्चिम से आयी मंगोलियाई जाति की एक बड़ी अनोखी संगीत का रूप है, जिसे चीन में खोए हुए करीब एक सौ साल हो चुके हैं,हमने स्थानीय बुजुर्ग कलाकारों की जुबान से फिर इन प्राचीन कला को नयी जान दी है। इस ओपेरा में मुख्य तौर पर पश्चिम मंगोलियाई जाति के विशेष खान-पान , रहने सोने की आदतों को उसकी वास्तविक रूप कला संगीत के माध्यम से लोगों के आगे दर्शाया है, साउरतंग को वर्तमान चीन की सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में रखा जा चुका है।

इस बार सिन्चयांग में आयोजित पेशावर कला प्रदर्शन में पूरे सिन्चयांग प्रदेश के 14 प्रिफेक्चरों स्थानों से आए पेशावर गीत संगीत मंडलियों के करीब दो हजार से अधिक जातीय कला कार्यकर्ताओं ने एक साथ मिलकर उरूमुछी में अपने अपने 25 से अधिक नवीन सर्वश्रेष्ठ मंच कला कार्यक्रमों को पेश किया है। कला कार्यक्रमों की विविधता भरपूर व रंगबिरंगी रहीं , इन में रात्री गीत संगीत नृत्य कला प्रदर्शन, नृत्य गीत संगीत, स्टेज ड्रामा, एक्रोबेटिक ओपेरा, जातीय शैली के वाद्य-यत्रों से निर्मित संगीत , संगीत ओपेरा, ओक्सट्रा, सिन्फनी तथा बाल गीत संगीत ओपेरा आदि कला मनोरंजन कार्यक्रम शामिल रहे हैं। सभी कला प्रदर्शन के टिकट हाथों हाथ बिक गए, हर कला मनोरंजन कार्यक्रम के समय पूरा हाल ठसाठस भरा रहा।

उरूमुछी शहर की निवासी सुश्री थांग सिन्चयांग गीत संगीत की वफादार प्रेमी हैं, उनका मानना है कि सभी शानदार कला प्रदर्शन हमारे बच्चों के लिए जातीय कला संस्कृति सीखने का एक सुअवसर है। उन्होंने कहा इस तरह के शानदार कला मनोरंजन कार्यक्रम जितना ज्यादा हों उतना ही हमारे सिन्चयांगवासियों के लिए ही नहीं बल्कि हमारे बच्चों की संस्कृति पालन का एक बेहतरीन मौका होगा। सिन्चयांगवासी होने के नाते मुझे सिन्चयांग संस्कृति , सिन्चयांग की परम्परा की जानकारी पाना बहुत ही जरूरी है, सिन्चयांग में इतनी ज्यादा जातीयां हैं, सचमुच हमें उनकी कला जड़ से सिन्चयांग की असलीयत पहचानना चाहिए।

सिन्चयांग एक्रोबेटिक मंडली द्वारा रची विशाल संगीत एक्रोबेटिक ओपेरा सलाम आफानदी , पिछले साल की जनवरी से मंच में दिखाने के बाद से अब तक करीब सौ बार अपना कार्यक्रम दिखा चुकी हैं, हरेक बार दर्शकों ने उसकी बढ़ चढ़कर सराहना की। दर्शकों का कहना है कि इस संगीत ओपेरा ने एक्रोबेटिक कला तरीके से गीत संगीत व नृत्य को ओपेरा में बड़ी सुन्दरता से सजाया है, बेवुर जाति के आफानदी की हंसमुख कहानियां व उसके हंसने हसाने के तरीके ने लोगों को कला का आन्नद देने के साथ, सिन्चयांग जातीय की बेमिसाल एक्रोबेटिक करतब का प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया है। कमाल की बात तो यह है कि इन एक्रोबेटिक करतबों को गीत संगीत व नृत्य के साथ अच्छी तरह जोड़ने के साथ मंडली के एक्रोबेटिक कलाकारों के लजवाब करतबों ने तो लोगों का दिल मोह लिया है।

उरूमुछी शहर के पर्यटन संघ के निदेशक व सिन्चयांग पाएच्या पर्यटन शेयर लिमेटड कम्पनी के बोर्ड मेनेजर वू कांग तो इस ओपेरा को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए, उन्होंने मंडली के साथ सभी कला प्रदर्शन राइट से जुड़ा एक अनुबंध संपन्न कर लिया। उन्होंने हमें बताया सलाम आफानदी ओपेरा के पर्यटन बाजार की निहित शक्ति बेशुमार है, वे पर्यटन बाजार में एक सदा बहार फूल की तरह महकती रहेगी और जहां भी जाएगी अपनी खुश्बू फैलाती रहेगी। हम उसे एक मशहूर कला मंडली का दर्जा देने में पूरी मदद दे सकते हैं। सलाम आफानदी एक्रोबेटिक संगीत ओपेरा की खूबी उसकी अनोखी जातीय शैली है, जिसे दर्शकों को उसे बार बार देखने का मन लगता है। ओपेरा की खूबसूरती लोगों के मन को मनमोहित कर देती है, जो भी इस ओपेरा को देखने आता है बिना प्रभावित हुए नहीं लौटता । मेरे ख्याल में यह पूरे देश में अव्वल दर्जे व अव्वल सुन्दर ओपेरा में गिनी जाएगी।

सिन्चयांग कला ब्यूरो के एक प्रभारी श्वी ल्यांग का मानना है कि इस बार पूरे देश में सिन्चयांग पेशावर कला संस्कृति उत्पादों की प्रदर्शन चीन के सभी जातीय कलाकर्ताओं के लिए अपनी अपनी शैली की बेहतरीन संस्कृति प्रस्तुति निर्मित करने का अच्छा मौका है, इस बार की प्रदर्शनी ने न केवल सिन्चयांग की विभिन्न जातीयों के सांस्कृतिक जीवन को भरपूर किया है, यहां तक कि पूरे चीन व विश्व की जनता को सिन्चयांग के अदभुत व अनोखी मनमोहित कला की सफलता को देखने व उसका आन्नद उठाने का एक बेहतरीन अवसर भी प्रदान किया है। उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा इस से पहले सिनच्यांग की मंच कला बहुत कम बाहर ले जायी जाती थी, इसलिए उसका बाजार इतना विशाल नहीं है। जबकि आज संस्कृति व्यवस्था व उसके ढांचे में सुधार आने की बदौलत, बहुत सी कला मंडलियां अपने कला कार्यक्रमों को बाजार में पहुंचा रहे हैं, इस बार का कला आयोजन केवल हमारे सिन्चयांग द्वारा इस दिशा में उठाया पहला कदम है, जिसे बाजार का रूप लेने के लिए थोड़ा समय चाहिए, अलबत्ता इस बार की कला प्रदर्शनी हमारे सिन्चयांग कला संस्कृति को पूरे देश में यहां तक कि दुनियां में ले जाने का एक रास्ता है।

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