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67 वर्षीय चीनी नृत्य प्रेमी का भारतीय नृत्य के प्रति प्रेम
2011-01-13 10:50:01
दोस्तो, वर्ष 2010 चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ था। इसके उपलक्ष्य में चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के तत्वावधान और चीन-भारत मैत्री संघ व चीन स्थित भारतीय दूतावास ने मिल कर चीनियों में भारतीय नृत्य की प्रतियोगिता की गतिविधि आयोजित की। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सबसे वरिष्ठ चीनी नागरिक तंग श्याओ लान हैं। उन्हें अपने सुन्दर नृत्य और जीवन के प्रति अदम्य प्रेम के कारण प्रतियोगिता का विशेष पुरस्कार मिला है।

तंग श्याओ लान वर्तमान चीनियों में भारतीय नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सबसे वरिष्ठ प्रतियोगी हैं। हालांकि उन की उम्र 67 वर्ष हो गई है, लेकिन "उद्यान" नामक नृत्य करने में उन का कोई सानी नहीं है और उन की अपनी सुन्दर नृत्य शैली, भारतीय नृत्य शैली के समान ही है। उन के नृत्य ने देखने वालों के दिलों पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।

भारतीय संगीत और नृत्य, अर्थपूर्ण बोल, मधुर आवाज़, आकर्षक परिधान, लय, नृत्य शैली और अपनी प्राचीनता के कारण लोगों को आकर्षित करता है। सी.आर.आई. द्वारा आयोजित चीनियों में भारतीय नृत्य प्रतियोगिता में बहुत से लोगों ने अपने नृत्य का वीडियो भेजा है और भारतीय नृत्य संस्कृति के बारे में अपनी समझ की व्याख्या की है। तंग श्याओ लान उन में से एक हैं। वे भारतीय संगीत-नृत्य को बहुत पसंद करती हैं और अक्सर घर में अपनी पोती के साथ नृत्य करती हैं। वर्तमान प्रतियोगिता में भाग लेने के बारे में तंग श्या लान ने कहा कि परिवार के सभी लोगों ने उन का समर्थन किया है और उन की यह इच्छा पूरी करने में सहायता भी दी है। उन का कहना हैः

"मैं भारतीय नृत्य बहुत पसंद करती हूं। जब मैंने अखबार में इस प्रतियोगिता का विज्ञापन देखा, तभी सोच लिया था कि मैं यह मौका नहीं छोड़ूंगी। मेरी बेटी ने कहा कि सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधि में भाग लेने वाले वरिष्ठ लोगों में जीवन की चाह होती है। लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी मां भी इतनी जीवंत है। परिवार के सभी लोगों ने प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मेरा समर्थन किया। मेरी बेटी ने मेरा नृत्य वीडियो बनाया और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया है। हम सब बहुत खुश हैं।"

भारतीय संस्कृति और नृत्य की चर्चा में तंग श्याओ लान यादों में डूब गईं। उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी के पांचवें और छठे दशक में भारतीय फिल्में चीन में बहुत लोकप्रिय थीं। वे भारतीय फिल्मों के गीत-नृत्य देख सुन करके बड़ी हुई हैं। उन के दिल पर भारतीय संगीत और नृत्य का गहरा प्रभाव पड़ा है। तंग श्याओ लान का कहना हैः

"भारत चीन की तरह एक प्राचीन देश है। पिछली शताब्दी के पांचवें और छठे दशक में मैं प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थी। उस समय चीन और भारत के बीच बराबर आवाजाही थी। हमने बहुत सी भारतीय फिल्में देखी हैं, जैसे "आवारा", "कारवां", "अशोक" और "लगान" आदि। मैं बचपन से ही भारतीय संगीत-नृत्य को बहुत पसंद करती हूं और भारतीय संस्कृति में रुचि रखती हूं। भारतीय संगीत और नाच मुझे बहुत आकर्षित करता रहा है।"

बचपन में तंग श्याओ लान ने पेइचिंग के बच्चों के पैलेस में भारतीय नृत्य सीखा है। स्कूल में उन्होंने अक्सर भारतीय नृत्य का प्रदर्शन किया और हर बार अध्यापकों व छात्रों ने उन के नृत्य की बहुत प्रशंसा की। भारत, भारतीय फिल्में और भारतीय संगीत-नृत्य की बात करते ही तंग श्याओ लान बहुत उत्साह से भर जाती हैं। उन्होंने कहाः

"बचपन से मेरा भारत जाने का सपना रहा है। मुझे लगता है कि भारत में न सिर्फ़ सुन्दर दृश्य हैं, बल्कि संस्कृति भी प्राचीन है। भारतीय लोग उत्साही हैं, भारतीय गीत मधुर हैं और भारतीय नृत्य सुन्दर हैं। ये सब मुझे बहुत पसंद हैं। अगर मौका मिले, तो मैं ज़रूर भारत जाऊंगी और गंगा नदी में डुबकी लगाऊंगी।"

तंग श्याओ लान ने गा कर अपनी यह भावना प्रकट की।

हमारे हिन्दी विभाग की भारतीय कर्मचारी हेमा कृपलानी ने तंग श्याओ लान की बहुत प्रशंसा की। हेमा हैरान है कि इतनी वरिष्ठ चीनी भारतीय नृत्य प्रेमी इतना अच्छा नृत्य कर सकती हैं। हेमा खुश भी हैं कि भारतीय नृत्य चीनियों में इतना लोकप्रिय हो रहा है। उन का कहना हैः

"श्रोताओ, जो हमारी दादी नानी हमारे कार्यक्रम को सुन रही हैं, देखिए, इस उम्र में भी वे प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं और भारतीय नृत्य बहुत सुन्दर तरीके से करती हैं, और आज यहां हमारे स्टूडियो में साड़ी पहन कर सुन्दर सी लाल बिंदी लगाकर बेहद सुन्दर लग रही हैं। पूरी-पूरी शुभकामनाएं हैं आप के साथ कि इस प्रतियोगिता में आप ज़रूर जीतें।"

तंग श्याओ लान ने कहा कि वर्तमान प्रतियोगिता में भाग लेने का उन का उद्देश्य पुरस्कार पाना नहीं है। उन की आशा है कि नृत्य से और ज़्यादा चीनी लोग भारत को समझ सकेंगे। उन्होंने कहाः

"हालांकि मेरी उम्र 67 की हो चुकी है, लेकिन मेरा मन हमेशा युवा है। मुझे लगता है कि वरिष्ठ लोगों को खुशी और उत्साह से जीवन बिताना चाहिए। वर्तमान प्रतियोगिता में भाग लेना एक ऐसी ही गतिविधि है। मुझे लगता है कि मैं इस अच्छे मौके को नहीं छोड़ूंगी। वास्तव में मैंने पुरस्कार के बारे में कभी नहीं सोचा। इस में भाग लेना और लोगों के साथ आवाजाही करना ही मेरे लिए महत्वपूर्ण है। ऐसा करने पर और ज़्यादा चीनी लोग भारतीय संस्कृति के बारे में जान सकेंगे और चीन व भारत की जनता के बीच मैत्री बढ़ सकेगी।"

तंग श्याओ लान ने कहा कि वे हमेशा भारतीय नृत्य करती रहेंगी। अगर मौका मिले, तो वे भारत ज़रूर जाएंगी। ऐसा करने पर उन का भारत देखने का सपना पूर्ण होगा।

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