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चीन को एशियाई देशों के साथ विकास से मिला लाभ
2011-01-07 16:56:13
दोस्तो, एशियाई फॉर्च्यून मंच का तीसरा वार्षिक सम्मेलन हाल में पेइचिंग में आयोजित हुआ, जिसमें एशिया, यूरोप व अमेरिका के वाणिज्यिक संघों, पूंजीनिवेशक संस्थाओं व देशी-विदेशी प्रसिद्ध उपक्रमों के साथ-साथ चीन स्थित विभिन्न देशों के दूतावास के अधिकारी शामिल हुए। सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों का ध्यान चीन व एशिया के बीच समान जीत वाला विकास बढ़ाने पर केंद्रित हुआ।

सम्मेलन का प्रमुख विषय एशियाई फॉर्च्यून का अनवरत शेयर है। चीन से संबंधित मुद्दों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। 17 दिसम्बर को आयोजित खुले मंच में चीन की समग्र आर्थिक स्थिति व विकास के मौकों पर विचार विमर्श किया गया।

चीनी प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कू शेंग चू के विचार में चीनी अर्थव्यवस्था का बेहतर विकास हो रहा है। अर्थव्यवस्था में उपभोक्ताओं का अनुपात विस्तृत हो रहा है। अर्थतंत्र उत्साहित करने के लिये घरेलू मांगों को बढ़ाना चीन का लक्ष्य है। हाल के कुछ वर्षों में शहरीकरण के त्वरण से बाजारी मांग तैयार की गयी है। कू शेंग चू ने कहा

मेरे ख्याल में शहरीकरण चीन की सबसे बड़ी घरेलू मांग है और आगामी 20 सालों में आर्थिक वृद्धि की सबसे स्थायी शक्ति भी है। क्योंकि शहरीकरण से पूंजी व उपभोक्ता अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। 2009 में चीन की शहरीकरण दर 46 प्रतिशत तक पहुंची है, जो 30 साल पहले की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है, फिर भी यह अनुपात विश्व औसत स्तर से कम है। अनुमान है कि शहरीकरण दर में 1 प्रतिशत की वृद्धि से 600 खरब युआन की अतिरिक्त पूंजी बढ़ेगी।

अमेरिकी फॉर्च्यून समूह के निदेशक मंडल के अध्यक्ष वू बेटेर का विचार है कि चीनी शहरीकरण प्रक्रिया व वृद्धों की जनसंख्या बढ़ने से चीनी बुजुर्ग अनुरक्षण व्यापार पूंजी निवेश के योग्य होगा। उन्होंने कहा

आगामी 10 या 20 वर्षों के भीतर बुढ़ापे का सवाल एक बहुत गंभीर समस्या बन जाएगा। इस संबंध में पश्चिमी देशों, विशेषकर यूरोप व अमेरिका से अनुभव सीखना चाहिये।

वू बेटेर ने कहा कि चीनी बुजुर्गों की मांग काफी बढ़ेगी। इसलिए वे बुजुर्ग अनुरक्षण कोष की स्थापना की कोशिश कर रहे हैं।

चीन द्वारा जारी विकास योजना के अनुसार आगामी 5 वर्षों में नागरिकों की खपत दर बढ़ेगी और सेवा उद्योग का अनुपात व शहरीकरण का स्तर उन्नत भी होगा। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अर्थशास्त्री याओ चिंग य्वान ने मंच में कहा कि आगामी पांच साल चीनी अर्थव्यवस्था का अहम रणनीतिक काल होंगे। उन्होंने कहा

चीनी शहरीकरण ने समग्र अर्थतंत्र के लिये बड़ी मांग दी है, चीनी बाजारीकरण ने अर्थव्यवस्था को शक्ति भरी है। आगामी पांच साल चीनी अर्थव्यवस्था का अहम रणनीतिक काल होंगे।

चीन स्थित सीरियाई दूतावास के प्रथम सचिव डाक्टर युसेफ अल शोम के ख्याल में सम्मेलन में उपस्थितों के भाषण सुनकर उन्होंने चीनी अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति व ताजा आकड़ों की अच्छी तरह जानकारी ली है, जो विदेशियों के लिये बड़ी सहायता है। उनके विचार में चीनी औद्योगिक पुनर्गठन की आवश्यकता है। उनका कहना है

मौजूदा सम्मेलन का प्रमुख विषय एशियाई फॉर्च्यून का अनवरत शेयर है। मुझे लगता है यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले 30 वर्षों के भीतर चीनी अर्थव्यवस्था का तेज विकास हुआ है। लेकिन मेरी दृष्टि से चीन को औद्योगिक पुनर्गठन करना और ऊर्जा दक्षता बढ़ाना तथा कार्बन उत्सर्जन कम करना चाहिये ताकि भावी पीढ़ी के लिये अधिक संसाधन तैयार हो सके।

वास्तव में हरित व पर्यावरण संरक्षण वाले ऊर्जा किफायत उद्योग, नयी सामग्री व नई ऊर्जा चीन द्वारा जोरदार विकसित उद्योग है। हाल के कुछ सालों में इन क्षेत्रों में विदेशी व्यापार की पूंजी लगातार बढ़ रही है। इटली से आयी सुश्री मोनिका ने 2004 में पेइचिंग में पर्यावरण संरक्षण परामर्श कंपनी खोली। उन्हें उम्मीद है कि मौजूदा सम्मेलन में अधिक मौके से लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा

इसमें कोई शक नहीं कि चीन वर्तमान विश्व में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बाजार है। मौजूदा मंच में मेरी भागीदारी का उद्देश्य चीनी बाजार के विकास का रूझान पकड़ना है।

मोनिका की तरह एशियाई देशों से आये मेहमानों के लिये चीनी उद्यमों के साथ आवाजाही करना मौका मिलने का अच्छा तरीका है। चीन स्थित श्रीलंकाई दूतावास ने मंच में परिचय सम्मेलन बुलाया ताकि चीनी व विदेशी उपक्रमों को श्रीलंका में पूंजीनिवेश आकर्षित हो सकें।

चीनी चोंगशिंग संचार लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि हेइ श्याओ ओ के ख्याल में श्रीलंका में चीनी उपक्रमों के लिये बहुत पूंजीनिवेशक मौका मौजूद है। उन्होंने कहा

चीनी उपक्रमों ने बंदरगाह, रेलवे, बिजली व संचार आदि क्षेत्रों में बड़ी सफलता प्राप्त की है। श्रीलंका एक बहुत सुंदर द्वीप राष्ट्र है। मूल पारिस्थितिकी पर्यटन से बड़ी मात्रा वाले विदेशी पर्यटकों को आकर्षण किया जाता है। श्रीलंका चीन का एक महत्वपूर्ण आभूषण प्रदायक भी है। उन क्षेत्रों में बहुत सहयोग मौका मौजूद है।

चीन स्थित पाक दूतावास के अधिकारी सरदार अमीनुल्लाह खान के अनुसार एशियाई देशों ने वैश्विक वित्तीय संकट का सामना किया है, वर्तमान में कई देशों का तेज विकास हो रहा है। पाक व चीन के बीच बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में सहयोग और विस्तृत हुआ है। पाक समेत बहुत एशियाई देशों को चीनी आर्थिक वृद्धि से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा

वर्तमान में वियतनाम, लाओस का विकास बहुत तेज है। मेरे विचार में पाकिस्तान, श्रीलंका और बंगलादेश का विकास भी निरंतर बढ़ा है। मुझे उम्मीद है कि हम चीनी अर्थव्यवस्था के बढ़ावे में आदान प्रदान बढ़ा सकेंगे ताकि समान आर्थिक जीत साकार हो सके।

(रूपा)

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