चीन माइक्रो ब्लॉगिंग के युग में प्रवेश कर रहा है। एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि देशभर में माइक्रो ब्लॉग उपयोगकर्ताओं की संख्या इस वर्ष के अंत तक 65 लाख तक पहुंच सकती है और 2011 के अंत तक 150 मिलियन तक पहुंच सकती है।
एक बड़े पैमाने वाले सार्वजनिक मंच के रूप में माइक्रो ब्लॉगिंग की प्रबलता प्रभावशाली मीडिया और सरकारों को जो अधिक लोकमत को प्रभाविक करने के लिए माइक्रो ब्लॉगों का लाभ ले रहे हैं,महसूस हुई है।
गाओ लिनलि नामक एक फैशन डिजाइनर, सिना.कॉम.सीएन पर पिछले साल माइक्रो ब्लॉग अकाऊंट शुरु करने वाले लोगों के पहले समूह में है।
"मेरी एक सहेली जो सिना के साथ काम करती है ने मुझसे इस माइक्रो ब्लॉग पर रजिस्टर करने के लिए कहा। लेकिन शुरुआत में मैं कभी-कभार ही लॉग करती थी क्योंकि मुझे इंटरनेट में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। अभी दो महीने पहले, मेरे मित्रों और शिक्षकों ने कहा कि यदि मैं माइक्रो ब्लॉग का उपयोग न करना चाहूँ तो भी मैं देख सकती हूँ कि अन्य लोग क्या लिख रहे हैं। बहरहाल, मेरे व्यवसाय की आवश्यकता है कि मैं बदलते फैशन रुझान का पालन करुँ। मैंने माइक्रो ब्लॉग का सहारा लिया और अब मैं इसकी आदी हो गई हूँ।"
वाइकिपीडिया के अनुसार माइक्रो ब्लॉग लेखी केवल एक छोटे वाक्य, एक चित्र या एक तैयारशुदा विडियो से मिलकर बनती है और कुछ नहीं।
यह प्रयोगकर्ता को 140 शब्दों का एक संदेश लिखने की अनुमति देता है और चुनिंदा समूह को संदेश भेजता है। प्रयोगकर्ता इन संदेशों पर प्रतिक्रियाए जाहिर कर सकते हैं या जब चाहे इन्हें आगे फार्वड कर सकते हैं।
गाओ लिनलिन माइक्रो ब्लॉग पर दिन में कई बार लॉग करती हैं और प्रतिदिन करीब 40 मिनटों का समय बिताती हैं।
अपना-अपना निजी जीवन साझा करने वालों से भिन्न गाओ लिनलिन माइक्रो ब्लॉग को जन सार्वजनिक मीडिया मानती हैं और उसी के जरिए ताज़ा खबरें मिलती हैं व वर्तमान सामाजिक विषयों के बारे में जान सकती हैं।
"फैशन के अलावा अन्य समाचार जैसे कि संपादकीय, राजनीतिक और आर्थिक टीकाओं पर भी मैं विशेष ध्यान देती हूँ। अभी हाल ही में न्यू वीकली पर एक लेख छपा था कि बाज़ार में जितना भी मटन बिकता है वह अधिकतर बत्तख के मांस या मटन के तेल का बना होता है। मुझे लगता है कि इसे मेरे माइक्रो ब्लॉग पर रखना आवश्यक है ताकि अधिक से अधिक लोग इस समस्या के बारे में जागरुक हो सके।"
गाओ लिनलिन के सौ से ज्यादा फैन हैं, जिनमें से अधिकतर उसके लिए अजनबी हैं।
2007 में Fanfou.com द्वारा चीनी उपयोगकर्ताओं को माइक्रो ब्लॉग से परिचित किया गया था लेकिन पिछले अगस्त में सिना ने ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी सेवा आरंभ की है तब से उस की लोकप्रियता हासिल की।
पोर्टल के रिलीज होने के बाद 66 दिनों में 1 मिलियन माइक्रो ब्लॉग उपयोगकर्ताओं ने इस का इस्तेमाल किया और आठ महीने के भीतर उपयोगकर्ताओं की संख्या 10 मिलियन हो गई।
एक वर्ष के पश्चात तीस लाख लोगों ने माइक्रो ब्लॉग खातों के लिए दर्ज किया। वे हर दिन औसतन पच्चीस मिलियन से अधिक लेखियां भेजते हैं।माइक्रो ब्लॉगिंग ब्लॉगिंग की तरह खुलेपन की भावना का पालन करता है, लेकिन उस का ज्यादा प्रयोग व्यक्तिगत विचार व्यक्त करने के लिए होता है बजाय किसी स्थिति के विषय के बारे में विस्तृत विचार व्यक्त करने के लिए।
चाओ झंगहुई, सिना माइक्रो ब्लॉग चैनल के डिप्टी जनरल मैनेजर हैं।वे बताते हैं।
"लोग आसानी से माइक्रो ब्लॉगस का उपयोग सकते हैं। माइक्रो ब्लॉगस तुरन्त जानकारी फैला सकते हैं। हर कोई अपनी राय और आवाज अन्य लोगों के साथ बाँट सकते हैं। वे दूसरों के साथ कुछ समाचार साझा करने के लिए चयन कर रहे हैं। तर्कसंगत अग्रेषण और सामाजिक मुद्दों को साझा करके आमतौर पर उनके अपने स्वयं के व्यवहार का संकेत देता है और रचनात्मक सुझाव प्रदान करता है जो एक उचित समाधान की दिशा में नेतृत्व का काम करता है।"
अधिकांश पारंपरिक मीडिया जैसे अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियो और टीवी कार्यक्रमों ने भी हाल ही में माइक्रो ब्लॉगस खोले है। सामाजिक और परोपकारी संगठन भी इन अवसरों का अच्छी तरह से उपयोग करना चाहते हैं।
चाओ झंगहुई का कहना है कि माइक्रो ब्लॉग सामाजिक और परोपकारी गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
"यह मंच हर किसी के लिए खुला है। पिछले साल स्छवान में एक नानी गिर गई थी और उसके इलाज के लिए एक दुर्लभ ग्रुप के ब्लड की सख्त जरूरत थी।यह खबर एक माइक्रो ब्लॉग पर छापी गई थी,फिर कई घंटे में वह तीन हजार बार भेजी गई। बारह घंटे में छह माइक्रो ब्लॉगर्स का रक्त मैच करने वाले परीक्षण के लिए चयन किया गया इनमें से चार दान करने के लिए स्छवान गए। पूरी प्रक्रिया में एक दिन से भी कम समय लगा।"
माइक्रो ब्लॉगस के उपयोग और प्रभाव की ओर सरकार का ध्यान गया। आम जनता के साथ संचार में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने के लक्ष्य से बीजिंग नगर के सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने अगस्त में अपना पहला आधिकारिक माइक्रो ब्लॉग sina.com.cn खोला।
Pingan Bejing नामक यह माइक्रो ब्लॉग धोखाधड़ी व चोरी के विरुद्ध और व्यक्तिगत सुरक्षा के नुस्खे बताने के साथ-साथ नवीनतम पुलिस मामलों की खबरें हर दिन देता है।
अब इसके दो लाख चालीस हज़ार से अधिक अनुयायी हैं। वे कहते हैं कि यह अच्छी बात है कि पुलिस के पास ऐसी जानकारी है जो लोगों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और कुछ उनकी मदद भी लेते हैं।
फेंग गुआंग एक माइक्रो ब्लॉग उपयोगकर्ता हैं।
"मैं शायद ही किसी ऐसे माइक्रो ब्लॉगर को, जो दयालु और नेक प्रकट होता है पुलिस की छवि के साथ जोड़ सकता हूँ। पुलिस लोकप्रिय सामाजिक विषयों के प्रति अधिक खुलापन महसूस करती है। वे आपराधिक मामलों,खासकर प्रसिद्ध लोगों के बारे में सूचनाएं जारी करने में अनिच्छुक थे।"
सिना माइक्रो ब्लॉग चैनल के डिप्टी जनरल मैनेजर त्साओ झंगहुई के अनुसार कस्बाई,शहरी और प्रांतीय स्तरों पर लगभग 270 सार्वजनिक सुरक्षा संस्थाओं और अन्य दर्जनों सरकारी एजेंसियों ने t.sina.com.cn पर माइक्रो ब्लॉगिंग सेवा शुरू की है।
माइक्रो ब्लॉग जनता की राय मांगने में सरकार की मदद करने और और नागरिकों के साथ सरकार के संबंधों को सुधारने में अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही भूमिका निभा रही है।
"कई सरकारी महकमे माइक्रो ब्लॉग का लाभ एक सार्वजनिक मंच के रूप ले रहे हैं। उनकी बातचीत ने काफी ध्यान आकर्षित किया है। सार्वजनिक सेवाओं के महकमे, जैसे की मेट्रो लाइन और विमानन ने, माइक्रो ब्लॉग शुरू कर दिया है।"
Sina.com के अलावा, 163.com सहित प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल, Sohu.com और QQ.com माइक्रो ब्लॉग सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
बहरहाल, माइक्रो ब्लॉग जो जानकारी अधिक तेजी से फैलता है के साथ जुड़े उच्च राजनीतिक जोखिम के कारण, माइक्रो ब्लॉग का चीन में आधिकारिक लॉन्च नहीं किया गया है, क्योंकि यह अपने परीक्षण के चरण में है। ली फेंग, QQ.com के उप मुख्य संपादक।
"माइक्रो ब्लॉग नवीन है। इसका आधिकारिक लॉन्च तब किया जाएगा जब सरकार को विश्वास होगा कि इसे एक परिपक्व तरीके से बाज़ार में उतारा जाए।बीजिंग अभी भी उत्पाद को देख रहा है और इसे कैसे प्रबंधित किया जाए इस पर खोज कर रहा है।"
भारी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, चीन के ऑनलाइन पोर्टल का प्रबंधक इस से सहमत है कि माइक्रो ब्लॉग के मंच का विस्तार करने के लिए समय चाहिए और अधिक उपयोगकर्ताओं को माइक्रो ब्लॉग का व्यापार राजस्व उत्पन्न करने से पहले जनता को शिक्षित करने की जरूरत है।
हेमा कृपलानी