2006 के आरंभ में चीन सरकार ने ऊर्जा किफायत व कम निकासी संबंधी लक्ष्य बनाया, जो बहुत लोगों के विचार में असंभव मिशन माना जाता है। यह लक्ष्य है 2005 की तुलना में 2010 के अंत तक चीन में प्रति ईकाइ के सकल घरेलू उत्पादन मूल्य पर ऊर्जा की खपत में 20 प्रतिशत की कटौती होगी और प्रमुख प्रदूषित वस्तूओं की निकासी में 10 प्रतिशत की कटौती होगी। उसी समय से ऊर्जा किफायत व कम निकासी लोगों से परिचित हुआ है। कम निकासी काम में भारी उद्योग का निर्माण व जन जीवन आदि क्षेत्र शामिल है।
पेइचिंग में बहुत नागरिकों ने एक य्वान से एक ऊर्जा बचत लैंप खरीदने वाली कार्यवाही में भाग लिया। नागरिक वांग यान ने कहा
देखो ये ऊर्जा बचत लैंप उसी समय खरीदे गये हैं, जो बहुत सस्ता है। अब तक इन का प्रयोग एक साल हो चुके है, लेकिन इन की गुणवत्ता फिर बी बहुत अच्छी ही है।
चीन सरकार ने यह फैसला किया है कि कम कार्बन निकासी वाले आर्थिक प्रारूप के लिये कम ऊर्जा खपत और कम गैस निकासी के सिद्धांत का पालन करेगा, इस की जांच और आकलन की व्यवस्था लागू करेगा। साथ ही चीन स्वच्छ ऊर्जा तकनीक के अनुसंधान व विकास को बढ़ावा देगा, साथ ही साथ ऐसी तकनिकों के औद्योगिकीकरण के विकास और उत्पादन, कम कार्बन डाइआकत्साइट गैस निकासी वाले उद्योगों, भवन निर्माण उद्योग तथा यातायात व परिवहन व्यवस्था के विकास पर जोर देगा। ऊर्जा संरक्षण, अनुकूल वातावरण जैसी उत्पादन प्रक्रिया व्यवस्था का पालन करना एवं उपभोक्ता तौर तरीके अपनाना चीन के अनवरत विकास का मुख्या रास्ता है।
वास्तव में पिछले पांच वर्षों के भीतर लोगों को यह एहसास हुआ है कि चीन ने कम कार्बन समाज के निर्माण के लिये कोशिश की है। चीन में बहुत स्थानों के टीवी ने अपने कार्यक्रम में लोगों को याद दिलायी है कि दूरगामी दृष्टि से ऊर्जा बचत लैंप का प्रयोग अधिक बचत है। कुछ मोबाइल फोन ऑपरेटरों ने एयर कंडीशनिंग का ज्ञान सार्वभौमिक के लिये लोगों को मुफ्त short message भेजा है। अभी समाप्त शांगहाई विश्व मेले में लगभग सभी भवनों में कम कार्बन तत्वों का प्रदर्शन किया। चीन सरकार की आशा है कि अधिक ब अधिक लोग कम कार्बन विकास की अवधारणा स्वीकार कर सकेंगे।
चीन द्वारा जारी सरकारी आकड़ों के अनुसार 2009 के अंत तक पेइचिंग व थ्यानचिन ने एक वर्ष से पूर्व 11वीं पंचवर्षीय योजना के ऊर्जा किफायत लक्ष्य पूरा किया। पेइचिंग विकास व रूपांतरण कमेटी के संसाधन किफायत व पर्यावरण संरक्षण विभाग के उपप्रभारी चा च्यान थिंग ने परिचय देते हुए कहा
हम ने ऊर्जा क्षमता में सुधार को केंद्र बना कर आर्थिक विकास में सकारात्मक परिवर्तन किया। ऊर्जा किफायत के तौर तरीके पर हमें हरे उत्पादन व उपभोक्ता शैली के निर्माण में गति देनी चाहिये ताकि पेइचिंग अर्थव्यवस्था व समाज का निरंतर विकास हो सके।
चा च्यान थिंग ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक संरचना के समायोजन ने पेइचिंग के ऊर्जा किफायत व कम निकासी के लिये सब से बड़ा योगदान किया है। भूमंडलीकरण के इस बढ़ते दौर में कम ऊर्जा खपत और ज्यादा उत्पादन मूल्य वाले सेवा उद्योग जैसे क्षेत्र आर्तिक वृद्धि का प्रेरक श्रोत बन गया है। उद्योग क्षेत्र के निरंतर विकास और ऊर्जा की किफायत करने व प्रदूषण की निकासी को कम करने के लिये पेइचिंग ने एक योजना बनायी, जिस के तहत पिछड़ी पड़ी उत्पादन क्षमता वाले उद्योगों को हटाया जाएगा। इस योजना में इस्पात, सीमेंट और शीशा उत्पादन करने वाले उद्योग जैसे ज्यादा ऊर्जा अवशोषित करने और ज्यादा प्रदूषण निकासी वाले उद्योग शामिल है। चीनी उद्योग व सूचना मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार इस वर्ष के पहले तीन तिमाहियों में छै ज्यादा ऊर्जा अवशोषित वाले उद्योगों में लगायी गयी पूंजी की वृद्धि दर गत साल के 22.6 प्रतिशत गिर कर 14.3 प्रतिशत तक पहुंची। चीनी उद्योग व सूचना मंत्रालय के प्रेस प्रवक्ता चु होंग रेन ने कहा
अब ज्यादा ऊर्जा अवशोषित करने वाले उद्योग के अंधाधुध विस्तार को रोका गया है। इस वर्ष के पूर्वार्द्ध में देश में बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों की ऊर्जा खपत दर 2009 से 1.25 प्रतिशत कम हुई। ऊर्जा किफायत व कम निकासी पर जोर देने के चलते ज्यादा ऊर्जा अवशोषित करने और ज्यादा प्रदूषण निकासी वाले उद्योग की ऊर्जा खपत की गति में धीमी होगी। चीनी जन विश्वविद्यालय के अर्थव्यवस्था कालेज के उपप्रोफेसर चु वन ह्वी के ख्याल में कम निकासी के वचन का पालन करना चीन सरकार संकल्प व जिम्मेदाराना रूख दिखा है। लेकिन इस के अलावा चीन को एक दीर्घकालिक व्यवस्था खोजना चाहिये। उन का कहना है
हमें यह स्पष्ट करना चाहिये कि ऊर्जा किफायत व कम निकासी चीन के विकास की रूझान है। उसे औद्योगिक संरचना के समायोजन से जुडना चाहिये। इस तरह चीनी अर्थव्यवस्था का अनवरत विकास साकार हो सकेगी।
ऊर्जा किफायत व नई ऊर्जा वाहनों का चीन में जोरदार विकास हो रहा है। इधर दो वर्षों में चीनी वाहनों के उत्पादन व बिक्री में तेज वृद्धि बनी रही, लेकिन लोगों को इस से पैदा ऊर्जा खपत व पर्यावरण प्रदूषण पर चिंतित भी है। इस के लिये इस साल चीन ने ऊर्जा बचत कारों व नई ऊर्जा वाहनों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है। शेनचेन, शांगहाई आदि पांच शहरों ने निजी को नई ऊर्जा वाहन खरीदने को प्रोत्साहित करना शुरू किया। अगर निजी नई ऊर्जा वाहन खरीदा तो सरकार 50 हजार य्वान की भत्ता देगी।
चु होंग रेन के विचार में चीनी अर्थव्यवस्था के स्थिर विकास की रूझान अगले साल तक रहेगी, लेकिन देशी-विदेशी तत्वों के प्रभाव से कुछ उतार चढ़ाव पैदा होगा, जिन में ऊर्जा, कच्चे मालों की लागत की वृद्धि, रेमिनबी मूल्य की वृद्धि, विकसित देशों का कम विकास, नवीनतम आर्थिक समुदायों के सामने खडी मुद्रास्फीति आदि शामिल है। लेकिन चीन ऊर्जा किफायत व कम निकासी पर कायम रहेगा।
(रूपा)