इस साल चीन ने सक्रिय रूप से वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों में भाग लिया है और सकारात्मक उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। साल के अंत में चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी ने संवाददाताओं के साथ एक साक्षात्कार में चीन के राजनयिक कार्य की चर्चा में कहा कि पिछले पांच सालों में चीन और विश्व के बीच सहयोग में और अधिक तरक्की प्राप्त हुई है। चीन ने और अधिक न्यायोचित व युक्तिसंगत अन्तरराष्ट्रीय व्ववस्था के निर्माण को बढाने के लिए बहुमुखी राजनय चलाया है। आने वाले पांच सालों के लिए चीन आशा करता है कि दुनिया असली चीन को और समझेगी और चीन भी विभिन्न देशों के साथ चुनौतियों का मुकाबला करने में आश्वस्त है।
2006 के अंत में अफ्रीका के 48 देशों के नेतागण चीन अफ्रीका सहयोग के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पेइचिंग में इकट्ठे हुए थे. इस के बाद के सालों में पेइचिंग ओलंपिक और शांगहाई विश्व मेला आयोजित हुए थे, चीन ने विश्व के अन्य देशों के साथ मिलकर अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला करने तथा पृथ्वीव्यापी जलवायु परिवर्तन से निपटने में हिस्सा लिया। पिछले पांच सालों में चीन के अनेक अहम राजनयिक कार्य हुए और चीनी नेताओं ने विश्व में अनेकों देशों का दौरा भी किया और विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया था। चीन ने विभिन्न पक्षों के साथ अन्तरराष्ट्रीय संकट से निपटने, अन्तरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के सुधार को बढ़ाने तथा द्विपक्षी व क्षेत्रीय मामलों में सहयोग बढ़ाने में काम किया।
इस के दौरान चीन ने बहुमुखी तौर पर बड़े देशों, पड़ोसी देशों तथा विकासमान देशों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग किए, जो चीन के राजनय कार्य का मुख्य मुद्दा है। चीनी विदेश मंत्री यांग च्येछी ने कहाः
चीन ने अमेरिका के साथ आम तौर पर संबंधों का स्थिर विकास बनाए रखा है, रूस के साथ रणनीतिक सहयोग साझेदारी संबंध लगातार बढ़ता गया है और चीन तथा यूरोप व जापान के बीच संबंधों का सुधार व विकास हुआ है। इस के अलावा पड़ोसी देशों के साथ चीन का सहयोग भी गहरा हो गया है। चीन और नवोदित देशों, जैसे भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंधों का भी बड़ा विकास हुआ है।
श्री यांग च्ये छी ने कहा कि क्षेत्रीय हो या अन्तरराष्ट्रीय मामलों में चीन हमेशा दृढ़ता के साथ शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहता है, आपसी लाभ वाली खुली रणनीति अपनाता है, शांतिपूर्ण विकास, वैज्ञानिक विकास, सहयोग के विकास तथा साझी विजय के विकास पर कायम रहता है, यह चीन के राजनय कार्य की विशेषता है। उन्होंने कहाः
अन्तरराष्ट्रीय मामलों में चीन व्यापक विकासशील देशों के समानता वाले स्थान के हित में संघर्ष करता है, नकि अपने स्वार्थ के लिए। चीन चाहता है कि अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था और अधिक न्यायपूर्ण व युक्तिसंगत हो।
चीन और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाना चीन के राजनयिक काम का ध्यानाकर्षक मुद्दा है । पिछले पांच सालों में चीन अमेरिका संबंध स्थिर विकास पर कायम है, लेकिन रास्ता टेढा मेढा है। एक तरफ दोनों देशों के नेताओं ने 21वीं शताब्दी में सक्रिय व संपूर्ण सहयोग का संबंध निश्चित किया है, तथा समान चुनौतियों का सामना करने वाले साझेदारी संबंध की स्थापना पर सहमति प्राप्त की है। किन्तु कुछ सवालों पर दोनों के मत एक जैसे नहीं है। इस पर श्री यांग च्येछी ने कहाः
मेरे विचार में चीन अमेरिका संबंध एक आपसी लाभ वाला संबंध है, नकि शून्य वाली शांति और परस्पर मुकाबला। शून्य की शांति और परस्पर मुकाबला वास्त में गयी गुजरी विचारधारा है। आर्थिक भूमंडलीकरण के साथ चीन और अमेरिका के बीच और अधिक समान हित मौजूद हैं, दोनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ वाला साझेदारी संबंध कायम करने की समान कोशिश करनी चाहिए।
चीन के बहुमुखी राजनय कार्य में एशियाई देशों और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का विकास हमेशा अहम स्थान पर है। पिछले पांच सालों में चीन और पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों तथा लोगों की आवाजाही व क्षेत्रीय सहयोग में बड़ी तरक्की हुई। श्री यांग च्येछी ने कहा कि एशिया के एक सदस्य के नाते चीन विभिन्न देशों के साथ मिलकर शांति, स्थिरता, समानता, आपसी विश्वास और सहयोग वाले एशिया के विकास के लिए समान कोशिश करेगा।
2011 से शुरू होने वाली चीन की 12वीं पंचवर्षीय योजना के भावी पांच सालों में चीन के राजनय कार्य की चर्चा में चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि बहुत से अस्थिर तत्व होने के बावजूद चीन भविष्य पर पूर्ण रूप से आश्वस्त है।