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पतझड़ मौसम लाया चीन का वृद्ध दिवस
2010-11-24 14:48:52
16 अक्टूबर चीन के चन्द्र कैलेंडर की सितम्बर 9 तारीख होती है, इस दिन चीन का परम्परागत दिवस छुंगयांग दिवस मनाया जाता है। छुंगयांग दिवस चीन के वृद्धा लोगों का दिवस भी है, इस दिवस में ऊंची चोटी यानी ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर दुनिया के निराले दृश्यों का आन्नद उपभोग भी किया जाता है। छुंगयांग दिवस चीन के पतझड़ मौसम में पड़ता है, लोग ऊंचाई में चढ़ते हैं, फूल बगीचों में सैर करते हैं और वहां खिलते गुलादाऊदी फूल की महक का आन्नद उठाते हैं। बुजुर्गों का सम्मान करना इस दिवस की एक लोक परम्परा बनी रही है। 2006 में छुंगयांग दिवस को चीन की सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में रखा गया। आज इस मौके पर हम आप को इस दिवस पर कुछ जानकारी देंगे।

इतिहास में लिखित अक्षरों के मुताबिक, आज से 2500 साल पहले चीन में छुंगयांग शब्द था, जो दस अंक में गिना जाता था, लोग इस मे से 9 गिनती को शुभसूचक के रूप में इस्तेमाल करते थे। और उस समय चीन में 9 अंक बहुत ही शुभ सूचक माना जाता था, सो लोगों ने दो 9 के अंको को एक साथ जोड़ कर अपनी शुभ-शुभ कामना जताने की परम्परा शुरू की, इस तरह दो 9 के अंको को जोड़ने से निकला उच्चारण छुंग यांग अक्षर में बदल गया जो आज तक चीन में चला आ रहा है। और तो और दो 9 अंक चीनी में च्यो-च्यो उच्चारण से बोले जाते हैं, जिस का अर्थ " जिन्दगी भर एक साथ " व " उम्र भर साथ साथ " होता है। इस तरह लोग इस दो अंको के उच्चारण से निकले अर्थ को लम्बी उम्र व जिन्दगी भर साथ साथ रहने की कामना के रूप में इस्तेमाल करने लगे। आज भी लोग छुंगयांग शब्द को लम्बी उम्र व जिन्दगी भर साथ साथ रहने की कामना से प्रस्थान होकर इस दिवस को एक बड़ा शुभ दिन मानते हैं। विशेषकर बूढ़े लोगों के लिए छुंगयांग यानी लम्बी उम्र खास महत्व रखता है, बेटे बेटियां इस दिन अपने माता पिता व दादा दादी व नाना नानी आदि बुजुर्गों की सेहत व उनकी लम्बी उम्र की पूजा करते हैं और मौके पर छुंगयांग मिठाई से अपना मुंह मीठा करते हैं, वे भी चाहते हैं कि उनका जीवन हमेशा मिठास रस में भरा रहें।

उत्तरी चीन में शरद मौसम सुहावना व चमकीला होता है, सूर्य की सुहावनी किरणें तन मन दोनों को लुभाती है, लोगों का मन हर्षोल्लास से भर जाता है। इस मौसम में गुलादाऊदी फूल की सुन्दर खिलावट व मेपल पत्तो के लाल व मौसमी रंग लोगों के मन में खुशहाली की बहार लेकर आते हैं। तभी तो इस दिन परिवार अपने बुजुर्गों को साथ लिए उप नगरों के दूर बगीचों व पहाड़ों में ले जाकर एक ऊंचाई चोटी में चढ़कर इस मौसम की सौन्दर्यता का भरपूर आन्नद उठाते हैं। यह एक शुभ दिन इस लिए भी माना जाता है कि जवान लोग अपने बुजुर्गों के साथ मिलकर अपनी थकान को हल्का कर सकते हैं और अपने जोश में नयी प्रफुल्लित शक्ति भरते हैं।

इस के साथ लोक कथा में यह भी कहा जाता है कि इस दिन ऊंचाई चोटी पर चढ़कर दूर दूर तक अपनी नजर फैलाने से लोग पाप की नजर से छुटकारा पा सकते है और अनेक रोगों से बच भी सकते हैं। प्राचीन काल में लोग एक किस्म की खुश्बूदार जड़ी बूटि को गले में पहने व गुलादाऊदी फूल से बनी मदिरा पीने से अनेक रोगों से बच सकते हैं। आज भी लोगों की दृष्टि में गुलादाऊदी व अन्य एक नामी जड़ी बूटि दोनों रोगों के रक्षक माने जाते हैं, जो लोगों की इम्यूनिटी और शाररीरिक की तन्दुरूस्ती के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है, और आने वाले सर्दी मौसम के समय थोड़ी आसानी से सेहत पर असर डालने वाली बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं।

छुंगयांग दिवस एक रोमान्टिक दिवस भी है, क्योंकि शरद मौसम चीन का सबसे सुहावना मौसम होता है, नीले बादल व सूर्य की किरणें मन को बहुत ही लुभाती है, मैपल पत्ते उस समय अपने चमकते लाल रंग से दूर दूर से ही लोगों को आकर्षित करते हैं, इस समय पीला गुलादाऊदी फूल व अन्य किस्म किस्म के फल जहां तहां देखने को मिलते हैं, ऊंची चोटी में चढ़कर आप मदिरा का आन्नद उठाते हुए रंग बिरंगे खिलते फूलों की महक को महसूस कर सकते हैं, जवान लड़के लड़कियां इस नशीली ऋतु में मगन हो जाते हैं, और अपनी जिन्दगी की चन्द खुशी को इस मौसम को लुटा देते हैं। यह दिवस लोगों को घर की व अपने प्यारे परिजनों की बहुत याद दिलाता है, यही कारण है कि प्राचीन काल से आज तक बहुत से कवि छुंगयांग दिवस में कविता लिखने का एक बहुत ही अच्छा मौका मानते हैं और एक से एक बढ़कर मन लुभाने वाली कविताएं लिखते हैं। इन में थांग राजवंश के कवि वांग वए ने लिखी " नौवें महीने की नौं तारीख में अपने अजीज भाई की याद " नाम की कविता सबसे मशहूर हैं जो आज से 2 हजार साल पहले लिखी गयी थी। कविता में लिखा हैः "दूर अजनबी गांव में अकेला मुसाफिर हूं मैं, त्यौहार के शुभ दिन में सताती हैं उनकी यादें जो दिल में रहते हैं हरदम। आज ऊंचे पहाड़ की चोटी में मेरे प्यारे भाई, तुम गुलादऊदी फूल के खिलते हुई सुहावनी घड़ी में मुझ से बिछड़ गए हो।" इस कविता में छुंगयांग दिवस के दिन पहाड़ की चोटी पर चढ़कर गुलादऊदी फूल की खुश्बू का आन्नद लेते समय, कवि ने अपनों से दूर अकेले घर की यादों की मनभावना को दर्शाया है, ये कविता हजारों सालों से गूंजती चली आयी है और कभी भी मुरझायी नहीं है।

अन्य चीनी त्यौहारों की तरह छुंगयांग दिवस में भी मिठाईयों से मेल रखता हैं। इस दिन गुलादऊदी फूल से बनी हल्की मदिरा व छुंगयांग केक लगभग सभी लोगों की मनपसंद चीजें होती हैं। हालांकि केक शब्द का उच्चारण चीनी शब्द ऊंचाई से मिलता जुलता है, इस लिए लोग छुंगयांग केक को ऊंची मंजिल पर चढ़ने की तमन्ना लेकर बड़ी खुशी से खाते हैं। छुंगयांग केक सचमुच बहुत ही स्वादिष्ट होता है, केक मेदे से बनता है , उसे लाल बेर व शहद के रस से भरा जाता है , फिर उसे नौ मंजिला का प्रतीकात्मक रूप देकर स्टीम किया जाता है, केक तैयार होने के बाद सबसे पहले घर के सबसे बुजुर्ग सदस्यों को परोसा जाता है और सभी घरवाले उनकी लम्बी आयु व अच्छी सेहत की शुभकामनाएं देते हैं। आजकल बाजार में बिकने वाले किसी भी किस्म के नर्म केकों को छुंगयांग केक के नाम से भी पुकारा जाता है लेकिन जरूरी नहीं है कि वे जरूर गुलादऊदी फूल की मदिरा पिएं । आजकल कुछ परिवार इस शुभ दिन में देश विदेश की हल्की मदिरा पीते हैं। और तो और शरद मौसम में छुंगयांग दिवस के आगे पीछे कुछ दिनों में केकड़ों की भारी फसल होती हैं, इस दिन बाजारों में केकड़ें हाथों हाथ बिकते हैं। दक्षिण चीन सागर के केकड़ें हो या उत्तर पूर्वी चीन के इलाकों की नदियों के केकड़ें, शरद के मौसम में उनकी भरपूर फसल होती हैं, इस लिए छुंगयांग दिवस में केकड़ें लोगों के पकवान का एक स्वादिष्ट भोजन होता है। हजारों सालों से गुलादऊदी फूल की मदिरा के साथ केकड़ें का सेवन करना, ऊंचे पहाड़ की चोटी में चढ़कर कविता का गुणगान करना, छुंगयांग दिवस की एक अदभुत परम्परा बनी रही है।

छुंगयांग दिवस में बुजुर्गों की लम्बी उम्र और उनके बुढापे जीवन की खुशहाली की प्रार्थना व कामना करना इस दिवस की परम्परागत शैली का एक रूप बना रहा है, जो चीन की संस्कृति का एक शानदार हिस्सा माना जाता है। 1989 से चीन सरकार ने छुंयगयांग दिवस को औपचारिक रूप से वृद्ध दिवस की मान्यता प्रदान की। हालांकि कि इस दिन जवान लोग अपनी नौकरी में तो व्यस्त रहते हैं, लेकिन किसी न किसी तरीके से वे अपने बुजुर्ग परिजनों के साथ इस दिन की खुशी में हिस्सा लेकर घर परिवार की खुशहाली की शुभकामनाए लिए मन को शान्ति प्रदान करते हैं। चीन के श्यांग शान उद्यान में मेपल के हजारों पेड़ों के पत्ते शरद मौसम की सुहावनी हवा के झोंके से लाल व नारंगी रंग में बदलकर दिवस की खुशी में चार चांद लगाते हैं। इस दिवस के दिन यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती हैं, विविध गतिविधियों के आयोजन व लोगों के मुखड़े पर छायी मुस्कानें , लोगों को भविष्य की खुशहाली व चैन चमन का शुभ संदेश पहुंचाती हैं।

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