सुक जिन वूक दक्षिण कोरियाई पुरुष वालीबाल टीम के कप्तान हैं ।खेल गांव की चर्चा करते हुए उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,हम खेल गांव के बारे में बहुत संतुष्ट हैं ।यहां खाना व सफाई की स्थिति बहुत अच्छी है ,खासकर सांस्कृतिक व मनोरंजन कार्यक्रमों से हम कम समय में चीनी संस्कृति की कुछ जानकारियां पा सकेंगे ।
मनीश मेथानी भारतीय फुटबाल टीम के खिलाडी हैं ।अवकाश के समय उन को खेल गांव के अंतरराष्ट्रीय जोन में आकर घूमना पसंद है ,क्योंकि यहां कई सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं ।चीनी लोककला पेपर कटिंग उन को सब से पसंद है ।पेपर कटिंग मास्टर य रुइ शंग ने रंगीन कागज पर आराम से कई कटिंग की ,
और जब कागज पूरी तरह खींचा तो एक विचित्र पक्षी का आकार दिखाई दिया ।बहुत विदेशी खिलाडियों के लिए यह जादू की तरह है ।जब अंतरराष्ट्रीय जोन आते हैं ,तो मनीश कई मिनट तक पेपर कटिंग का प्रदर्शन देखते हैं ।वे इस लोककला से आकर्षित हो गये हैं।उन्होंने बताया ,मुझे पता नहीं है कि वे कैसे कटिंग करते हैं ।यहां खडे होकर उनका प्रदर्शन देखना अच्छा लगता है ।रंगीन कागज पर कोई डिजाइन नहीं है ।वे अपनी कुशल तकनीक से कटिंग करते हैं ।यह सचमुच एक करिश्मा है ।
खेल गांव में एक चीनी भाषा क्लास रूम है ।क्लास रूम की दीवारों पर पेइचिंग आपेरा के मास्क व चाइना टाइल लगे हैं ।क्लास रूम में चीनी फर्नीचर पर विभिन्न किस्मों की चीनी परंपरागत कलाकृतियां हैं ,जैसे फूलदान व चीनी पोस्लेन ।जब विदेशी दोस्त क्लास रूम के अंदर आते हैं ,तो उन को चीनी संस्कृति का माहौल महसूस होता है ।यहां चीनी संगीतकार परंपरागत वाद्य बजाते हैं और चीनी भाषा विद्वान चीनी अक्षर के विकास व लिखने का विशिष्ट तरीका सिखाते हैं ।अनेक खिलाडी अक्सर चीनी संस्कृति सीखने के लिए यहां आते हैं ।कवैट के स्नूकर खिलाडी अहमद अल्तार कैट उन में से एक हैं ।अवकाश के समय उन को अपने साथियों के साथ यहां आकर चीनी अक्षर सीखना पसंद है ।उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,चीनी अक्षर में मेरा नाम लिखना बहुत कठिन काम है ।उन जैसे अच्छी तरह लिखने के लिए शायद एक साल का समय लगेगा ।चीनी अक्षर लिखना मेरे लिए चित्र खींचने की तरह है ।मुझे पता नहीं है कि कहां से शुरू करें ।बाद में मैं अक्सर यहां आऊंगा ।आशा है कि क्वांग चो रवाना होने से पहले मैं कम से कम एक चीनी अक्षर अच्छी तरह लिख सकूंगा ।
खेल गांव में खिलाडियों के रूम में टी वी व इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध नहीं है ।लेकिन इस के बारे में कोई शिकायत नहीं है ।खिलाडियों के विचार में इस तरह वे मैच की तैयारी में पूरा मन लगा सकते हैं। अवकाश में वे अंतरराष्ट्रीय जोन जाकर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं । इस के अलावा खेल गांव में कारा ओके हाल व डी वी डी फिल्म हाल भी हैं ।खिलाडी यहां भी मनोरंजन कर सकते हैं ।