16वें एशियाड का पैमाना इतिहास में एक नया रिकार्ड होगा ,जिस में कुल 42 खेलों की स्पर्द्धा होगी । इन खेलों में पेइचिंग ऑलंपिक के सभी 28 खेलों के अलावा एशियाई विशेषता वाले 14 खेल भी हैं ,उदाहरण के लिए दक्षिण एशिया में काफी लोकप्रिय क्रिकेट व कब्बाडी ,दक्षिण पूर्वी एशिया में लोकप्रिय सेपाक टाकरो यानी केन बाल ,युवाओं में लोकप्रिय रोलर स्केटिंग ,स्पोर्ट्स डांसिंग ,ड्रेगिन बोट रेसिंग और वगैरह ।एशियाड में इन खेलों को शामिल कराने से एशियाड अधिक आकर्षक व दिलचस्प होगा और एशिया के विभिन्न देशों व क्षेत्रों के अधिकाधिक खिलाडी इस भव्य समारोह में भाग लेकर इस का लुत्फ उठाएंगे ।उदाहरण देते हुए क्वांग चो एशियाड आयोजन समिति के प्रचार विभाग के निदेशक लुओ चिंग चुन ने बताया कि सेपाक टाकरो थाइलैंड की विशेषता को प्रतिबिंबित करता है और गैर ऑलंपिक खेल है ,लेकिन इसे क्वांग चो एशियाड में शामिल कराया गया है ।एशियाड में इन एशियाई विशेषता संपन्न खेल शामिल कराने का उद्देश्य एशिया की विविधि संस्कृतियां प्रतिबिंबित करना है ।उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया ,सेपाक टाकरो एक गैर ऑलंपिक खेल है और एशियाड के 14 एशियाई विशेषता संपन्न खेलों में से एक है ।वह थाइलैंड में बहुत लोकप्रिय है ।क्वांग चो एशियाड की सपाक टाकरो स्पर्द्धा में कुछ 6 छोटी इवेंटें हैं ,जिस में पुरुष वर्ग ,महिला वर्ग ,टीम इवेंट व इत्यादि ।एशियाड आयोजन समिति ने सेपाक टाकरो के प्रचार प्रसार के लिए बहुत काम किये ।हम ने जनवरी 2008 में चीनी सेपाक टाकरो संघ के साथ इस खेल का प्रोमोशन किया ।हम ने क्वांग चो नंबर तीन मिडिल स्कूल में एक सेपाक टाकरो अड्डा स्थापित किया ।नागरिक कालानियों व स्कूलों में संबंधित गतिविधियों के आयोजन से क्वांग चो वासियों को न सिर्फ सेपाक टाकरो मालूम हुआ ,बल्कि दक्षिण पूर्वी एशिया खासकर थाइलैंड की संस्कृति के बारे में अधिक जानकारियां मिलीं ।मैं शुभकामना करता हूं कि थाइलैंड के खिलाडी इस एशियाड की सेपाक टाकरो प्रतियोगिताओं में बडी उपलब्धियां प्राप्त करेंगे ।
एशियाड की स्थानीय विशेषता प्रतिबिंबित करने और क्वागं चो एशियाड के प्रचार के लिए क्वांग चो एशियाड आयोजन समिति ने सिलसिलेवार सांस्कृतिक व प्रोमोशन गतिविधियां आयोजित कीं ।क्वांग चो एशियाड आयोजन समिति ने एशियाई ऑलंपिक परिषद के साथ सहयोग कर एशियाड का मार्ग नामक सांस्कृतिक प्रोमोशन गतिविधि आयोजित की ।उस के कई मंडलों ने प्राचीन समय के समुद्री रेशम मार्ग और थलीय रेशम मार्ग पर 37 एशियाई देशों व क्षेत्रों का दौरा किया ।एशियाड के दौरान रंग बिरंगे एशियाई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे ।
एशियाई संस्कृतियों की विविधता को प्रतिबिंबित करने अलावा एशियाड के बाद शहर के अनवरत विकास पर ध्यान देना क्वांग चो एशियाड की दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता है ।लुओ चिंग चुन ने बताया कि एशियाड स्टेडियमों ,एशियाड गांव और सहायक संस्थापकों के डिजाइन व निर्माण में क्वांग चो शहर के दूरगामी विकास की जरूरतों पर बडा ध्यान दिया गया है ।उन का कहना है ,पहला ,क्वांग चो के विभिन्न जिलों व काउंटियों के संतुलित खेल कार्य विकास का पूरा ख्याल किया गया ।स्टेडियमों के निर्माण में कई केंद्र और मल्टि फंकशन की रणनीति अपनायी गयी ,यानी नये एशियाड स्टेडियम समुचित रूप से 10 जिलों व 2 काउंटियों में बसाये गये ।दूसरा ,पुराने स्टेडियों का पर्याप्त प्रयोग किया गया ।क्वांग चो एशियाड के 53 प्रतियोगिता स्टेडियमों और 17 अभ्यास स्टेडियमों में से सिर्फ 12 नये स्टेडियम हैं ,बाकी 58 पुराने स्टेडियम हैं ।अवश्य इन का सुधार हुआ है ।इस के अलावा नवनिर्मित अधिकांश स्टेडियम ऐसे इलाकों में बसे हैं ,जहां खेल संस्थापनों की कमी थी ।तीसरा ,शहर के भावी विकास की योजनानुसार नये क्षेत्र में एक एशियाड टाउनशिप का निर्माण किया गया ,जिस में खिलाडी गांव ,तकनीकी अधिकारी गांव ,मीडिया गांव ,अंतरराष्ट्रीय ब्रोडकास्टिंग केंद्र और मुख्य समाचार केंद्र हैं ।एशियाड के बाद यहां एक सुंदर नागरिक कालानी होगी ।
स्टेडियमों के निर्माण में भावी विकास का ख्याल करने के अलावा पर्यावरण संरक्षण पर बडा ध्यान भी दिया गया ।लुओ चिंग चुन ने बताया कि एशियाड स्टेडियमों के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण व ऊर्जा बचाव के लिए कई नवीन व उच्च तकनीकों का इस्तेमाल किया गया ।उदारण के लिए कुछ स्टेडियमों में वर्षा का पानी इकट्ठा करने की व्यवस्था स्थापित हुई ।
लुओ चिंग चुन ने बताया कि एशिया के 45 देशों व क्षेत्रों के 14000 से अधिक खिलाडी व अधिकारी ,4500 तकनीकी अधिकारी और 9500 मीडियाकर्ता और एशियाई ऑलंपिक परिषद के बडे परिवार के 2000 से अधिक सदस्य क्वांग चो एशियाड में भाग लेंगे ।क्वांग चो एशियाड एशियाई जनता का भव्य उत्सव होगा ।